टैक्नोलॉजी के उपयोग से सुनिश्चित हुई तत्परता और जवाबदेही : अमरजीत सिंह
सुशासन सप्ताह के तहत आयोजित कार्यशाला में उपायुक्त ने अधिकारियों को दिए निरंतर सुधार के निर्देश
हमीरपुर 23 दिसंबर। उपायुक्त अमरजीत सिंह ने कहा है कि प्रशासनिक और विभागीय कार्यों में आधुनिक तकनीक, विशेषकर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के उपयोग से जहां इन कार्यों में तत्परता आई है, वहीं इनमें पारदर्शिता और संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित हुई है। मंगलवार को यहां हमीर भवन में सुशासन सप्ताह के तहत आयोजित अधिकारियों की एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि समय एवं परिस्थितियों के साथ प्रशासन की कार्यप्रणाली में भी निरंतर बदलाव आता रहता है, लेकिन इसका मूल उद्देश्य आम नागरिकों की सुविधा के लिए कार्य करना ही होता है।
उन्होंने कहा कि हाल ही के वर्षों में आईटी की क्रांति के कारण अब हर स्तर पर डिजिटल सेवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। इससे आम आदमी की राह आसान हुई है और प्रशासनिक एवं विभागीय तंत्र में दक्षता आई है। उपायुक्त ने कहा कि हमारे देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था के मजबूत होने, आम नागरिकों में जागरुकता बढ़ने और प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया के विस्तार के कारण आम लोगों की अधिकारियों से अपेक्षाएं भी बढ़ गई हैं। इसलिए, सभी अधिकारी अपने कार्यों में डिजिटल टैक्नोलॉजी के माध्यम से तत्परता लाएं। उपायुक्त ने कहा कि जिला सुशासन सूचकांक में जिला हमीरपुर का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। सभी अधिकारियों को इसमें निरंतर सुधार और नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प रहना चाहिए।
इस अवसर पर एडीसी अभिषेक गर्ग ने भी अधिकारियों को संबोधित करते हुए सुशासन के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से किए गए विशेष प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी। जबकि, विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने आम नागरिकों की सुविधा के लिए आरंभ की गई डिजिटल सेवाओं से अवगत करवाया।
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8 करोड़ से सुदृढ़ होगी पक्का भरो-कोहली सड़क : अमरजीत सिंह
सड़क दुर्घटनाओं के घायलों के लिए कैशलैस इलाज सुविधा का करें प्रचार-प्रसार
जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में उपायुक्त अमरजीत सिंह ने दिए निर्देश
हमीरपुर 23 दिसंबर। उपायुक्त अमरजीत सिंह ने कहा है कि हमीरपुर शहर और इसके आस-पास के क्षेत्रों मंे यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने तथा दुर्घटना की आशंका वाले स्थानों को दुरुस्त करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। मंगलवार को जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अमरजीत सिंह ने बताया कि हमीरपुर शहर से गुजरने वाली मुख्य सड़क पर पक्का भरो से कोहली तक दुर्घटना की आशंका और यातायात अवरुद्ध करने वाले स्थानों को चिह्नित किया जा रहा है और इन स्थानों पर आवश्यक मरम्मत के कार्यों, विभिन्न चौकों पर निर्माण कार्यों तथा सड़क के सुदृढ़ीकरण पर 8 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर फुटपाथ के निर्माण के लिए भी धनराशि का प्रावधान किया जा रहा है।
बैठक में उपायुक्त ने लोक निर्माण विभाग, नेशनल हाईवे, परिवहन विभाग, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को जिला में राज्य सड़क सुरक्षा नीति के सभी प्रावधानों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं के शिकार लोगों का अब आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध सभी अस्पतालों और अन्य सूचीबद्ध अस्पतालों में डेढ लाख रुपये तक का मुफ्त एवं कैशलैस इलाज हो सकता है। सड़क दुर्घटना के बाद 24 घंटे के भीतर अस्पताल में दाखिल होने पर यह सुविधा मिलेगी और घायल व्यक्ति का अधिकतम सात दिन तक कैशलैस इलाज किया जा सकता है। कोई भी सूचीबद्ध अस्पताल घायल को दाखिल करने से मना नहीं कर सकता है। डेढ़ लाख रुपये तक के इलाज के बाद घायल व्यक्ति को अस्पताल से डिस्चार्ज माना जाएगा और उसे शेष इलाज का खर्चा अन्य माध्यमों से जुटाना होगा। योजना से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के हेल्पलाइन नंबर 14555 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
इस अवसर पर एसपी बलवीर सिंह और एडीसी अभिषेक गर्ग ने भी सड़क सुरक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर महत्वपूर्ण सुझाव रखे। जबकि समिति के सचिव एवं लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता दीपक कपिल ने जिला में किए जा रहे सड़क सुरक्षा के उपायों की जानकारी दी।
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कुठेड़ा में जनसमस्याओं की सुनवाई, जमीन के 24 इंतकाल भी किए
हमीरपुर 23 दिसंबर। ‘प्रशासन गांव की ओर’ अभियान के तहत मंगलवार को ग्राम पंचायत कुठेड़ा में जनसमस्या निवारण शिविर आयोजित किया गया। एसडीएम संजीत सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में 16 जनशिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से 7 जनशिकायतों का मौके पर ही निपटारा कर दिया गया। शेष 9 शिकायतों को आगामी कार्रवाई हेतु संबंधित विभागों को भेजा गया। इसके अलावा लोगों की जमीन के इंतकाल के 24 मामलों की प्रक्रिया भी मौके पर ही पूर्ण कर ली गई।
इस अवसर पर हमीरपुर के तहसीलदार सुभाष कुमार और अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।
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नशा उन्मूलन के लिए प्रभावी सुझाव दें अधिकारी : अमरजीत सिंह
जिला स्तरीय एनकॉर्ड की बैठक में उपायुक्त ने दिए निर्देश
हमीरपुर 23 दिसंबर। नशे की समस्या से निपटने के लिए जिला स्तरीय नारको को-ऑर्डिनेशन सेंटर (एनकॉर्ड) की बैठक मंगलवार को उपायुक्त अमरजीत सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में जिला में नशे की समस्या और इसे रोकने के उपायों पर व्यापक चर्चा की गई।
इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि नशीले पदार्थों के सेवन और तस्करी पर शिकंजा कसने के लिए प्रदेश सरकार एक प्रभावी रणनीति को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए प्रयासरत है। इसमें पुलिस और अन्य सभी संबंधित विभागों के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों का सहयोग भी बहुत जरूरी है। इसके लिए सभी संबंधित अधिकारी भी अपने सुझाव दें, ताकि इन सुझावों को राज्य स्तरीय एनकॉर्ड की बैठक में रखा जा सके तथा इन्हें नशा विरोधी अभियान में शामिल किया जा सके।
उन्होंने कहा कि नशे के कारोबार और सेवन में संलिप्त लोगों की सूचना टॉल फ्री नंबर 112 पर या ‘ड्रग फ्री हिमाचल’ ऐप पर दी जा सकती है। इन पर सूचना देने वाले लोगों के नाम पूरी तरह गुप्त रखे जाते हैं। उपायुक्त ने टॉल फ्री नंबर और ऐप का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि जिला में संचालित किए जा रहे नशा उपचार एवं पुनर्वास केंद्रों का भी प्रचार किया जाना चाहिए, ताकि किन्हीं कारणों से नशे के जाल में फंस चुके युवाओं का समय पर उपचार किया जा सके। इसके अलावा मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित सलाह के लिए टॉल फ्री नंबर 14416 पर उपलब्ध टेली मानस हेल्पलाइन की मदद ली जा सकती है।
जिला में नशे के मामलों का ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए एसपी बलवीर सिंह ने बताया कि इस वर्ष जिला में एनडीपीएस एक्ट के तहत अभी तक 108 केस दर्ज हो चुके हैं जोकि पिछले वर्ष की तुलना में काफी ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को नशे से बचाने के लिए शिक्षकों और अभिभावकों को भी जागरुक करने की आवश्यकता है। शिक्षण संस्थानों, हॉस्टलों और इनके आस-पास के क्षेत्रों पर कड़ी नजर रखी जानी चाहिए तथा किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि की सूचना पुलिस के साथ साझा करनी चाहिए। बैठक में एडीसी अभिषेक गर्ग और अन्य अधिकारियों ने भी महत्वपूर्ण सुझाव रखे। विभिन्न उपमंडलों के एसडीएम और पुलिस अधिकारियों ने भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एनकॉर्ड की बैठक में भाग लिया।
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अधिकारियों को सिखाए जा रहे हैं आपदा जोखिम न्यूनीकरण के उपाय
हमीरपुर 23 दिसंबर। डिजास्टर रिस्क रिडक्शन यानि आपदा जोखिम न्यूनीकरण के बारे में विभागीय अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा यहां हमीर भवन में आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन भी अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की गईं।
इस कार्यशाला में लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, बिजली बोर्ड, कृषि, बागवानी, पशुपालन, खाद्य आपूर्ति, शहरी निकायों, ग्राम एवं नगर नियोजन, शिक्षा, पुलिस और अन्य विभागों के अधिकारी भाग ले रहे हैं।
डीडीएमए की प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण समन्वयक समीक्षा शर्मा ने बताया कि कार्यशाला के विभिन्न सत्रों में अधिकारियों को आपदा जोखिम न्यूनीकरण के उपायों, सुरक्षित भवन निर्माण, आपदा के दौरान आपसी समन्वय, आपात परिस्थितियों में विभिन्न विभागों की भूमिकाओं और आपदा प्रबंधन से संबंधित अन्य विषयों की जानकारी दी जा रही है।