करनाल, 06.06.23- भारतीय जनता पार्टी के शासन में हरियाणा के किसी वृद्ध अथवा दिव्यांग व्यक्ति की पेंशन पर कोई दलाल या भ्रष्ट अधिकारी डाका नहीं डाल सकता। पेंशन सीधी खाते में जाती है तो किसी को लाभार्थी की जेब काटने का मौका नहीं मिलता।दूसरी ओर अब पेंशन बनवाने के लिए किसी हरियाणवी को दफ्तरों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं रही और ना ही काम के लिए किसी की मुट्ठी गर्म करनी पड़ती।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और रेडियो ग्रामोदय के संस्थापक डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने पेंशन संबंधी समस्याओं पर चर्चा और उनके त्वरित निपटारे के लिए आयोजित कार्यक्रम में यह टिप्पणी की। इस कार्यक्रम में जिला समाज कल्याण अधिकारी सत्यवान को लोगों के पेंशन संबंधी सवालों के जवाब देने के लिए आमंत्रित किया गया था।डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि वह समय लोग भूल नहीं सकते जब रिश्वत और कमीशन लेकर 40 और 45 बरस के अपात्र लोगों की बुढ़ापा पेंशन बना दी जाती थी। इस तरह से बनी पेंशन में तत्कालीन सत्ताधारी दल के कारिंदे और उनके पोषित भ्रष्ट अधिकारी अपनी जेब भरा करते थे। उन्होंने कहा कि अब किसी भी नागरिक की आयु 60 बरस होते ही परिवार पहचान पत्र का कंप्यूटर सर्वर समाज कल्याण विभाग को ऑनलाइन बता देता है कि अमुक व्यक्ति उम्र के हिसाब से पेंशन का पात्र हो गया है। समाज कल्याण विभाग जिले में अपनी मशीनरी को सक्रिय कर देता है और संबंधित विभागीय कर्मचारी पात्र व्यक्ति के दस्तावेज उसके गांव और जरूरत पड़ने पर उसके घर तक जाकर स्वयं वेरीफाई करते हैं।डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि परिवार पहचान पत्र के मामले में विपक्ष का प्रोपेगेंडा झूठ पर आधारित है। हरियाणा में लाखों पेंशन काटे जाने का फर्जी रुदन कर रहे हैं। समूचे करनाल जिले में परिवार पहचान पत्र के साथ पेंशन की व्यवस्था जुड़ने के बाद कुल 3500 नागरिकों की पेंशन अस्थाई रूप से रोकी गई थी क्योंकि उनके दस्तावेज पूरे नहीं थे। इनमें से 3100 लाभार्थी ऐसे हैं जिनकी पेंशन बहाल कर दी गई है। अगर यह औसत पूरे हरियाणा की मान ली जाए तो भी बहुत सीमित संख्या में लोगों की पेंशन रुकी है और वह भी उनकी जो असल में इसके हकदार नहीं हैं।

समाज कल्याण अधिकारी सत्यवान ने बताया की पेंशन बनाने की नई व्यवस्था के अंतर्गत जिले में अब तक 45 सौ से अधिक नई पेंशन बन चुकी हैं। इनमें 300 दिव्यांग पेंशन के मामले हैं। लगभग 270 नए मामले अभी प्रक्रियाधीन है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे हो सकते हैं जिनकी आयु 60 साल से अधिक हो गई है और अब तक उनकी पेंशन बनने की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हुई। ऐसे अधिकांश नागरिक या तो पेंशन प्राप्ति के लिए निर्धारित आय सीमा के कारण लाभ पात्र नहीं है या फिर उन्होंने आयु प्रमाणित करने वाला दस्तावेज फैमिली आईडी के साथ लिंक नहीं कराया है। ऐसे सब नागरिकों को अटल सेवा केंद्र या सरल केंद्र के माध्यम से फैमिली आईडी और आयु प्रमाण पत्र को लिंक कराने का कार्य तुरंत करना चाहिए। कार्यक्रम में असंध विधानसभा क्षेत्र की मानपुरा निवासी शकुंतला देवी और नीलोखेड़ी विधानसभा क्षेत्र के बस्तली गांव के पंडित अमरनाथ शर्मा के अलावा गोंदर, जलमाना, सालवन, इंद्री और अलावला आदि विभिन्न गाँव के लोगों ने पेंशन से संबंधित समस्याएं डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान और समाज कल्याण अधिकारी सत्यवान के समक्ष रखी।