करनाल,06.06.23- छत्रपति शिवाजी महाराज ऐसे योद्धा और राज ऋषि थे जिन्होंने मुगल शाही और आदिलशाही को टक्कर देते हुए हिंदू साम्राज्य की स्थापना की। उनके राज्य में भारतीय संस्कृति के प्राचीन मूल्य सर्वोपरि माने जाते थे। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और रेडियो ग्रामोदय के संस्थापक डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने छत्रपति शिवाजी विश्व परिषद द्वारा आयोजित शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में यह टिप्पणी की।
डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि जहां मुगलों के शासन में शत्रुओं की महिलाओं का अपहरण कर उन्हें माल-ए-गनीमत कहकर उन्हें आपस में बांट लिया जाता था, इसके ठीक विपरीत शिव शाही में किसी को इस बात की इजाजत नहीं थी कि वह दुश्मन की स्त्री का भी निरादर करें।
डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि एक बार छत्रपति शिवाजी के एक सेनापति कल्याण के किले को जीतने के बाद वहां के मुगल किलेदार की खूबसूरत बहू को उठा लाए। सेनापति उस सुंदर स्त्री को शिवाजी महाराज को नजराना के रूप में पेश कर शाबाशी लूटना चाहते थे। मगर जैसे ही सेनापति ने पालकी में से बंधक बनाई गई शत्रु की स्त्री को बाहर निकाला शिवाजी महाराज सेनापति को फटकार लगाई। सेनापति को आदेश दिया कि उस स्त्री को सम्मान पूर्वक मुगलों के खेमे में भिजवाया जाए। डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि छत्रपति शिवाजी महाराज गुरिल्ला युद्ध के माहिर तो थे ही उन्हें भारतीय नौसेना के जनक के रूप में भी याद किया जाता है। डॉ चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में भारतीय नौसेना के प्रतीक चिन्ह को बदलकर उसमें शिवाजी महाराज की राजमुद्रा से प्रेरित चिन्ह शामिल कर छत्रपति शिवाजी महाराज को सच्ची श्रद्धांजलि दी गई है।
इस अवसर पर समाजसेवी चौ.कलीराम मोहना भी उपस्थित लोगों से रूबरू हुए। छत्रपति शिवाजी विश्व परिषद अध्यक्ष गौरव मराठा, उपाध्यक्ष राहुल मराठा, वरिष्ठ अतिथि वीरेंद्र सिंह चौहान, मुख्य अतिथि ई. कली राम मोहना, विशिष्ट अतिथि - रणबीर राणा, देवव्रत राणा, नीरज गुनियाना, यशयन्त चौधरी, दर्शना चौधरी, सचिव - मयंक मराठा, विकास कल्याण, पार्षद मेघा भंडारी, दीपक अरोडा, रिंकू मैहला, मनजीत, कृष्ण दहिया, अभिषेक, पवन मराठा, जय सिंह मराठा, पवन मराठा, जगदीश मराठा, सचिन गुप्ता,अंकित मराठा, संदीप ढाक वाला,ओमबीर सैनी,मास्टर महिपाल आदि गणमान्य उपस्थित रहे।