चण्डीगढ़, 26.08.24- : कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के तहत कथा संकीर्तन का आयोजन श्री खेड़ा शिव मंदिर सेक्टर 28 के श्री खेड़ा शिव मंदिर में चल रहा है। इस संर्कीतन में श्री देवालय पूजक परिषद् के पूर्व प्रधान रहे आचार्य ईश्वर चंद्र शास्त्री ने बताया - श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हमारे मुख्य पर्वों में से एक है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अर्धरात्रि-व्यापिनी अष्टमी तिथि में मनाया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण अष्टमी की रात्रि में ही प्रकट हुए थे। अबकी बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व सोमवार 26 अगस्त को मनाई जाएगी। इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व कुछ विशेषताओं के साथ उपस्थित हो रहा है। रोहिणी नक्षत्र एवं वृष राशि में चंद्रमा, दिन सोमवार के साथ-साथ सर्वार्थ सिद्धि योग का भी शुभ संयोग है। रोहिणी चंद्रमा की सर्वप्रिय धर्मपत्नी है और वृषभ राशि में चंद्रमा उच्च राशि के होते हैं। इसलिए इस योग को जयंती योग कहा गया है। साधकों के लिए भगवान श्रीकृष्ण की पूजा व अर्चना के लिए यह योग बेहद शुभकारक है। विशेष बात यह है कि अब की बार अष्टमी तिथि सूर्योदय व्यापिनी भी रहेगी और अर्धरात्रि व्यापिनी भी रहेगी। यह भी उत्तम योग है। 26 अगस्त को प्रातः 3:40 बजे अष्टमी तिथि प्रारंभ होगी और 27 अगस्त को प्रातः 2:20 बजे समाप्त होगी। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को पूरा दिन उपवास किया जाता है।

पूजा के लिए विशेष समय......

प्रातः 6:00 बजे से 7:35 तक अमृत चौघड़िया रहेगा।
शुभ चौघड़िया.. प्रातः 9:15 बजे से 10:47 तक।
लाभ चौघड़िया... दोपहर बाद 3:35 से 5:00 तक।
रात्रि का अमृत चौघड़िया 11:27 से 12:23 तक रहेगा।
इन सब मुहूर्तों के अनुसार आप पूजा कर सकते हैं।