CHANDIGARH,03.10.24-चण्डीगढ़ गांधी स्मारक निधि पंजाब, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश, पट्टीकल्याणा जिला पानीपत द्वारा संचालित गांधी स्मारक भवन चंडीगढ़ में गांधी जी की 155 वीं एवं लाल बहादुर शास्त्री जी की 120वीं जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर मुख्य अतिथि श्री रवनीत सिंह बिट्टू, केन्द्रीय राज्य रेल मंत्री ने सर्वप्रथम गांधी जी की मूर्ति तथा शास्त्री जी के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित कर गांधी स्मारक भवन, संग्रहालय का अवलोकन किया।

इस अवसर पर अपना वक्तव्य देते हुए उन्होंने बताया कि यहां पर आकर बहुत ही सुखद अनुभव हुआ। गांधी जी के जीवन से हमें बहुत कुछ प्रेरणा लेनी चाहिए। उनके नाम पर लगभग 150 देशों द्वारा डाक टिकट जारी किए गए हैं। हम सबको खादी ग्रामोद्योग की वस्तुओं का जितना संभव हो अपने दैनिक जीवन में प्रयोग करना चाहिए। पास के खादी भण्डार से कुछ ना कुछ खरीदना चाहिए। ऐसी महान शाख्सियत को याद करने के लिए हम यहां पर एकत्र हुए हैं। गांधी भवन के आयोजन पर उन्हें बहुत बहुत बधाई और बच्चों द्वारा जो सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए इनके लिए विशेष रुप से इनके अध्यापक/अघ्यापिका एवं गांधी स्मारक भवन की टीम को बधाई। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि श्री सौरभ जोशी, पार्षद, सैक्टर 15, चण्डीगढ़ ने बताया कि गांधी जी का जीवन हम सब के लिए प्रेरणा है। गांधी स्मारक भवन में प्रकार के कार्यक्रमांे का आयोजन लगातार होता रहता है। यह समाज और युवाओं को ऐसे महापुरुषों के जीवन और उनके कार्र्याे की जानकारी प्रदान करने के कार्य में निरन्तर अग्रसर है। इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए गांधी स्मारक भवन के ट्रस्टी एवं प्रसिद्ध लेखक तथा मोटिवेशनल स्पीकर राजेश आत्रेय ने माननीय केन्द्रीय रेलवे राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू का स्वागत किया तथा नव पीढी को दोनों नेताओं के जीवन के कुछ रोचक प्रसंग सुना कर उनके जीवन से प्रेरणा लेने का सन्देश दिया | उन्होंने बताया कि किस प्रकार स्वतन्त्रता संग्राम के दिनों में जब अंग्रेज़ सरकार ने शास्त्री जी को जेल में डाल दिया गया था तब उन्हें सर्वेन्ट्स ऑफ़ पीपल्स सोसाइटी से 50 रूपए मासिक पेंशन के रूप में मिला करते थे जिनसे उनकी धर्मपत्नी परिवार का भरन पोषण करती थी | एक बार जब वो शास्त्री जी से मिलने जेल आई तो उन्होंने बताया कि वे प्रतिमाह उन 50 रुपये में से भी 10 रुपये की बचत कर लेती हैं | ये सुनते ही शास्त्री जी ने सर्वेन्ट्स ऑफ़ पीपल्स सोसाइटी को लिख कर भेजा कि अगले माह से उन्हें पेशन में मात्र 40 रुपये ही दिए जाएँ जो उनके परिवार के लिए पर्याप्त हैं | इसी प्रकार एक बार जेल में बंद शास्त्री जी को 15 दिन की पेरोल मिली थी ताकि वे अपनी बीमार पुत्री की देखभाल कर सकें | परन्तु जेल से बाहर आते ही कुछ ही दिनों में उनकी बेटी का निधन हो गया परन्तु अभी पेरोल के दिन शेष थे फिर भी शास्त्री जी बाहर नहीं रहे तथा फौरन जेल में वापिस लौट गए | इस प्रकार की ईमानदारी और प्रतिबद्धता का परिचय उन महापुरुषों के जीवन से हमें मिलता है | इसी प्रकार राजेश आत्रेय ने महात्मा गांधी के जीवन के भी कुछ रोचक प्रसंग सुनाकर सभी को प्रेरित किया | इस अवसर पर ईशा डांस स्टूडियो के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। बच्चों द्वारा दी गई प्रस्तुति से सभी मंत्रमुग्ध रहे। मंच संचालन श्री प्रवीन एवं श्रीमती सुनीता वर्मा ने किया।

इस अवसर गांधी स्मारक भवन, सैक्टर-16 के प्रभारी श्री अजय कुमार ने सभी आए हुए अतिथियों धन्यवाद कर आभार प्रकट करते हुए कहा कि आप सब गांधी स्मारक भवन से इसी प्रकार जुड़े रहंे और समाज में जागरुकता एवं गांधी विचार प्रसार के कार्यक्रमांे में अपना सहयोग बनाए रखें।
इस अवसर पर श्री मल्होत्रा जी, श्रीमती रजंना गोयल, जसमीत सिंह बेदी, सतीश कुमार शर्मा, डाॅ॰ अवनीश मेहरा, सुरेश चन्द्र वर्मा, सपना, संजू, नीलम, मनोज, विवेक, राजीव, सन्नी एवं एन डी डी वाई के विद्यार्थियों एव शहर के प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे।