ऊना, 14 अक्तूबर. अंतरराष्ट्रीय जोखिम न्यूनीकरण दिवस और समर्थ-2024 अभियान के तहत सोमवार को जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ऊना द्वारा मिनी सचिवालय में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) महेंद्र पाल गुर्जर की देखरेख में आयोजित इस मॉक ड्रिल में मिनी सचिवालय के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। यह मॉक ड्रिल आग जैसी आपदाओं के दौरान सुरक्षा तैयारियों का आकलन करने और जन-जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित थी, जिससे आपातकालीन परिस्थितियों में जान-माल की सुरक्षा प्रभावी रूप से सुनिश्चित की जा सके।
महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य आपदा प्रबंधन के प्रति तैयारियों का मूल्यांकन करना और जागरूकता को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अभ्यासों से न केवल अधिकारी और कर्मचारी बल्कि आम जनता भी आपातकालीन स्थितियों में सतर्क और तैयार रहती है, जिससे जान-माल के नुकसान को कम किया जा सकता है।
ये था मॉक ड्रिल का परिदृश्य
मॉक ड्रिल के तहत प्रातः 11 बजे मिनी सचिवालय की तीसरी मंजिल पर शॉर्ट सर्किट से आग लगने का परिदृश्य तैयार किया गया। जैसे ही आपातकालीन सायरन बजा, अधिकारी और कर्मचारी निर्धारित सुरक्षित मार्गों से तुरंत बाहर निकले। सचिवालय में उपस्थित आम जनता ने भी धैर्यपूर्वक इस प्रक्रिया का पालन किया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करते हुए यह सुनिश्चित किया कि किसी भी प्रकार की अफरातफरी ना हो।
जिला आपातकालीन संचालन केंद्र ऊना से सूचना मिलते ही अग्निशमन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। साथ ही, होम गार्ड के कर्मचारी खोज एवं बचाव कार्य में जुट गए। इस मॉक ड्रिल के दौरान सांकेतिक तौर पर घायल हुए चार व्यक्तियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर प्राथमिक उपचार के बाद क्षेत्रीय अस्पताल ऊना रेफर किया गया।
इस मॉक ड्रिल में कमांडेंट होम गार्ड मेजर विकास सकलानी, एएसपी संजीव भाटिया, बटालियन प्रशासनिक अधिकारी धीरज शर्मा, डीडीएमए की समन्वयक सुमन चहल, एसएफओ सुरेश कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।