बिलासपुर, 18 नवंबर 2024:प्रदेश सरकार में नगर नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्मानी ने हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज, बंदला, बिलासपुर में M.Tech (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग - इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकी) पाठ्यक्रम को मंजूरी प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया।

मंत्री राजेश धर्मानी ने कहा कि यह निर्णय प्रदेश में उच्च तकनीकी शिक्षा और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह पाठ्यक्रम विशेष रूप से छात्रों को इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकी, ऊर्जा प्रबंधन, बैटरी तकनीक, और हरित ऊर्जा समाधानों के क्षेत्रों में गहन ज्ञान और विशेषज्ञता प्रदान करेगा। इससे हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान को सुदृढ़ करेगा।

पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

मंत्री राजेश धर्मानी ने कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरणीय चुनौतियां जैसे जलवायु परिवर्तन, बढ़ता प्रदूषण, और प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन गंभीर चिंता का विषय बन गए हैं। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना न केवल समय की मांग है, बल्कि पर्यावरण की रक्षा के लिए एक अनिवार्य कदम भी है।

इलेक्ट्रिक वाहन पारंपरिक पेट्रोल और डीजल आधारित वाहनों की तुलना में शून्य-उत्सर्जन वाली तकनीक पर आधारित हैं। यह न केवल वायुमंडल में हानिकारक गैसों के स्तर को कम करता है, बल्कि स्वच्छ और हरित परिवहन व्यवस्था की दिशा में भी एक बड़ा योगदान देता है।

उन्होंने कहा कि इस पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्रों को पर्यावरण-अनुकूल प्रौद्योगिकियों के विकास में विशेषज्ञता हासिल करने का अवसर मिलेगा। यह पाठ्यक्रम हरित ऊर्जा समाधानों पर केंद्रित है, जो भविष्य में ऊर्जा संरक्षण और सतत विकास को प्रोत्साहित करेगा।

इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग के चलते वैश्विक स्तर पर बैटरी प्रौद्योगिकी, ऊर्जा भंडारण, और रीसाइक्लिंग तकनीकों पर भी जोर दिया जा रहा है। इस पहल से न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि पूरे देश को स्वच्छ ऊर्जा समाधानों को अपनाने में लाभ होगा।

मंत्री धर्मानी ने कहा कि यह कदम हिमाचल प्रदेश को हरित राज्य (ग्रीन स्टेट) के रूप में विकसित करने के प्रदेश सरकार के प्रयासों को नई गति देगा। इससे स्थानीय स्तर पर कार्बन फुटप्रिंट कम करने में मदद मिलेगी और प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर प्रबंधन को प्रोत्साहन मिलेगा।

स्थानीय समुदायों को भी मिलेगा लाभ

उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रसार से शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार होगा, जिससे स्थानीय समुदायों को स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। इसके अलावा, यह तकनीक पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने के साथ-साथ लंबी अवधि में ईंधन की लागत को कम करने और ऊर्जा दक्षता बढ़ाने में मददगार साबित होगी।

यह पाठ्यक्रम पर्यावरण और समाज के बीच संतुलन स्थापित करने का एक सशक्त माध्यम बनेगा, जिससे हिमाचल प्रदेश नवीन और स्थायी प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक राज्य के रूप में उभर सके।


नए रोजगार के अवसर और विशेषज्ञों की नियुक्ति

प्रदेश सरकार ने इस पाठ्यक्रम के संचालन के लिए तीन नए पदों की भी स्वीकृति दी है। इन पदों पर अनुभवी और विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी, जो छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। यह कदम छात्रों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराएगा।

प्रदेश के विकास में नई ऊर्जा का संचार

मंत्री धर्मानी ने कहा कि इस पाठ्यक्रम के आरंभ से प्रदेश में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखा जाएगा। यह हिमाचल प्रदेश को इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

छात्रों और पर्यावरण के लिए विशेष लाभ

यह विशेष पाठ्यक्रम छात्रों को आधुनिक तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने वाले समाधानों पर काम करने का अवसर देगा। इलेक्ट्रिक वाहनों और ऊर्जा प्रबंधन में विशेष ज्ञान प्राप्त करने वाले छात्र हरित ऊर्जा और नवीन प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में अहम योगदान देंगे।

हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम प्रदेश के तकनीकी शिक्षा क्षेत्र के विकास और हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।