अंतर विभागीय टूर्नामेंट में जिले की16 टीमें लेंगी भाग

फरवरी माह के दूसरे सप्ताह में होगा शुरू

बिलासपुर 14 जनवरी- जिले के विभिन्न विभागों और संगठनों में परस्पर सहयोग, सौहार्द को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बिलासपुर जिला में अंतर विभागीय क्रिकेट लीग टूर्नामेंट संभवत फरवरी माह के दूसरे सप्ताह में शुरू किया जाएगा। यह बात उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने सभी विभागों के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।

उन्होंने बताया कि इस टूर्नामेंट में जिले के डीसी 11, एसपी 11, अल्ट्राटेक, एसीसी, कृषि तथा बागवानी, व्यापार मंडल, शिक्षा विभाग , कॉलेज,प्रेस, स्वास्थ्य तथा एम्स, लोक निर्माण तथा जलशक्ति, एक्साइज तथा इलेक्ट्रिसिटी और एचआरटीसी, एनटीपीसी, फॉरेस्ट , बेंक और बार एसोसिएशन सहित 16 टीमें में भाग लेंगी।

उन्होंने कहा कि ‌ ऐसे आयोजनों से कर्मचारियों के बीच आपसी जान-पहचान, अनुशासन और सहयोग की भावना पैदा होती है, वहीं कार्य करने की क्षमता में भी वृद्धि होती है जो व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए आवश्यक हैं।

उन्होंने सभी खिलाड़ियों से खेल के दौरान अनुशासन और खेल की भावना का परिचय देने का आग्रह किया। कहा कि विभिन्न विभागों में कार्य से परस्पर मेल मिलाप बढ़े, यह भी इस क्रिकेट टूर्नामेंट का एक उद्देश्य रहेगा। उपायुक्त ने सभी से सहयोग की अपील की। टूर्नामेंट की सफलता के लिए सक्रिय प्रयास करने को कहा।

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नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए समाज के सभी वर्गों के संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता
अडानी फाउंडेशन ग्रुप और गुंजन संगठन के सहयोग से व्यापक अभियान शुरू होगा

बिलासपुर, 14 जनवरी: बिलासपुर जिले में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए अडानी फाउंडेशन ग्रुप और गुंजन संगठन के सहयोग से एक व्यापक अभियान शुरू किया जाएगा। यह जानकारी उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने मंगलवार को बचत भवन में आयोजित जिला स्तरीय समिति की समीक्षा बैठक के दौरान दी।

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन विभिन्न विभागों और गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से जिले को नशा मुक्त बनाने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समाज के हर व्यक्ति को अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए इस अभियान में योगदान देना चाहिए। इस परियोजना में अडानी ग्रुप द्वारा 45 लाख रुपए का निवेश किया जाएगा।

उपायुक्त ने शैक्षणिक संस्थानों में केंद्रित प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। कहा कि 1 अप्रैल से स्कूलों और कॉलेजों में कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, जहां छात्रों को नशे के खतरों के बारे में जागरूक किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्कूलों और कॉलेजों में क्लब सक्रिय करने के निर्देश दिए गए, जहां प्रतिबद्ध शिक्षक छात्रों और अभिभावकों के साथ कार्यशालाओं का संचालन करेंगे। नशे के दुरुपयोग को रोकने के लिए जागरूकता गतिविधियों, जैसे पोस्टर अभियान और सुबह की प्रार्थना सभाओं में चर्चाओं का आयोजन किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे, और नशे की लत से सफलतापूर्वक उबर चुके व्यक्तियों को रोल मॉडल बनाकर विशेष रूप से युवाओं को प्रेरित और शिक्षित किया जाएगा। उपायुक्त ने बुद्धिजीवियों, शिक्षकों, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, छात्रों और एनजीओ से इस दिशा में कार्य योजना बनाने के लिए एकजुट होकर काम करने की अपील की।

उन्होंने प्रत्येक पंचायत में शिकायत पेटियां रखने का प्रस्ताव रखा, जहां लोग गुमनाम रूप से नशीली दवाओं से संबंधित मुद्दों की रिपोर्ट कर सकते हैं। शिकायतकर्ताओं की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। पंचायत साप्ताहिक रूप से शिकायतों की समीक्षा करेगी और उचित कार्रवाई करेगी।

उपायुक्त ने युवाओं की भागीदारी पर जोर दिया और इस अभियान का नेतृत्व करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने सभी से अपील की कि वे सकारात्मक योगदान देकर जिले को नशा मुक्त बनाने में मदद करें।

बैठक के दौरान नशा रोकथाम पर काम कर रहे विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने मूल्यवान सुझाव साझा किए।
इस बैठक में डीएसपी मदन धीमान, जिला कल्याण अधिकारी रमेश बंसल, अन्य अधिकारी और एनजीओ प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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अधिकारी निर्धारित अवधि में पात्र लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करें


बिलासपुर 14 जनवरी- उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि अधिकारी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों तक निर्धारित में अवधि में पहुंचाना सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नया 15 सूत्री कार्यक्रम के तहत ज़िला में गत तिमाही में अल्पसंख्यक समुदाय के एक व्यक्ति को मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया गया।
इस मौके पर अल्पसंख्यक वर्ग के कल्याणार्थ के लिए प्रधानमंत्री नया 15 सूत्री कार्यक्रम की एकीकृत बाल विकास सेवाओं की समुचित उपलब्धता, विद्यालय शिक्षा की उपलब्धता को सुधारने, अल्पसंख्यक समुदायों के मेधावी विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति, अल्पसंख्यक समुदायों वाली मलिन बस्तियों की स्थिति में सुधार, उर्दू शिक्षण के लिए अधिक संसाधन, गरीबों के लिए स्वरोज़गार तथा मज़दूरी रोज़गार योजना, ग्रामीण आवास योजना में उचित हिस्सेदारी, तकनीकी शिक्षा के माध्यम से कौशल उन्नयन जैसे मदों पर विस्तृत चर्चा की गई।
राष्ट्रीय न्यास अधिनियम, 1999 के अन्तर्गत गठित स्थानीय स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि जिला में कुल 106 दिव्यांग जनों के लिए कानूनी संरक्षक नियुक्त किया जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि दिव्यांग जनों को दिव्यांग पहचान पत्र की सुविधा प्रदान की जा रही है, जिसके तहत 6993 दिव्यांग जनों का दिव्यांग पहचान पत्र पंजीकरण कर दिया गया है तथा 5153 के डिजिटल यूडीआईडी कार्ड जारी किए जा चुके हैं।

उपायुक्त ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 72 के अंतर्गत गठित ज़िला स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि दिव्यांग छात्रों को छात्रवृत्ति योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 69 छात्रों को 8,31,625 रुपए तथा 4786 लाभार्थियों को 6,09,40,950 रुपए दिव्यांग राहत भत्ता और 5 पात्र लाभार्थियों को अनुदान योजना के अंतर्गत 1,25,000 रुपए के अनुदान राशि प्रदान की गई।
उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों को स्कूलों में पढ़ाई का उचित माहौल मिले इसके लिए अध्यापक स्कूलों में विद्यार्थियों को जागरूक करें।

उपायुक्त ने कहा कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत जिला में 25 गांव चयनित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी कार्य मार्च अंत तक पूरा कर ले। कहा कि जो कार्य पूर्ण हो चुके हैं उनका उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजना सुनिश्चित करें।
बैठक में हाथ से मैला ढोने की प्रथा का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम 2013 कवि समीक्षा की गई।

ज़िला कल्याण अधिकारी रमेश बंसल ने बैठक की कार्रवाई को मदवार प्रस्तुत किया।
बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा गैर सरकारी सदस्य उपस्थित रहे।