HAMIRPUR 19 जनवरी। रासायनिक खाद और जहरीले कीटनाशकों के दुष्प्रभावों को देखते हुए प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रही है तथा किसानों-बागवानों को प्रेरित एवं प्रोत्साहित कर रही है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्राकृतिक खेती से तैयार की जाने वाली मक्की और गेहूं की फसलों के लिए अलग से न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करके देश भर में एक अनूठी पहल की और पिछले खरीफ सीजन से ही 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से मक्की की खरीद आरंभ करवाई। इसके तहत प्रदेश भर में लगभग 400 मीट्रिक टन मक्की खरीदी गई।
विशुद्ध रूप से प्राकृतिक खेती से तैयार की गई इस मक्की के आटे को अब उचित मूल्य की दुकानों में ‘हिम-मक्की आटा’ ब्रांड के नाम से बेचा जा रहा है। अब यह आटा हाथों-हाथ बिक रहा है।
जिला हमीरपुर में द भ्याड़ कृषि सेवा सहकारी सभा सीमित के डिपो में भी लोग हिम-मक्की आटा के पैक को धड़ाधड़ खरीद रहे हैं। द भ्याड़ कृषि सेवा सहकारी सभा सीमित के सचिव अमन कुमार ने बताया कि क्षेत्र में इस आटे की डिमांड लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसकी गुणवत्ता को देखते हुए लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं।
जिला की उत्कृष्ट सहकारी सभाओं में शामिल द भ्याड़ कृषि सेवा सहकारी सभा सीमित के डिपो में ऑनलाइन शॉपिंग एवं होम डिलीवरी की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। सहकारी सभा के सचिव ने बताया कि हिम-मक्की आटा की ऑनलाइन बिक्री के लिए भी सहकारी सभा के ऑनलाइन पोर्टल पर विशेष व्यवस्था की जा रही है। इससे क्षेत्र के लोग घर बैठे ही ऑनलाइन माध्यम से भी इस आटे की डिमांड भेजकर अपने घरद्वार पर ही इसकी थैली प्राप्त कर सकते हैं।
इस प्रकार, प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के मुख्यमंत्री के प्रयास बहुत ही सराहनीय परिणाम ला रहे हैं। इससे किसानों को जहां उनकी उपज के काफी अच्छे दाम मिल रहे हैं, तो वहीं उपभोक्ताओं को भी पौष्टिक, सुरक्षित एवं गुणवत्तायुक्त आटा उपलब्ध हो रहा है।