पटना: 22.01.25-बिहार की राजधानी पटना में आयोजित 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का गत सायं विधिवत समापन हो गया। समापन समारोह की अध्यक्षता बिहार राज्य के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा की गई जबकि इस अवसर पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्य सभा के उप- सभापति डॉ0 हरिवंश, बिहार विधान परिषद अध्यक्ष अवधेश नारायण सिंह, बिहार विधान सभा अध्यक्ष नन्द किशोर यादव, बिहार विधान सभा उपाध्यक्ष, विधान परिषद उपाध्यक्ष तथा बिहार के उप – मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा भी मंच पर मौजूद थे। समापन समारोह कार्यक्रम के आरम्भ में हि0प्र0 विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का हिमाचली टोपी पहनाकर स्वागत किया।
इस अवसर पर कुलदीप सिंह पठानियां ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बिहार विधान सभा अध्यक्ष नन्द किशोर यादव का सभी प्रतिनिधियों के अतिथ्य सत्कार के लिए धन्यवाद किया। साथ ही पठानियां ने सम्मेलन के सफल एवं बेहतरीन आयोजन के लिए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला तथा बिहार विधान सभा अध्यक्ष को बधाई दी। पठानियां ने कहा कि इस सम्मेलन में “ संविधान की 75वीं वर्षगांठ: संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने में संसद तथा विधान मण्डलों की महत्वपूर्ण भूमिका” पर गहन विचार विमर्श किया गया तथा सार्थक चर्चा की गई जिसके दूरगामी परिणाम होंगे।
पठानियां ने कहा कि सम्मेलन में चर्चा उपरान्त सभी अपने – अपने राज्य चलें जायेंगे तथा उन्हें पूर्ण विश्वास है कि चर्चा से निकले निष्कर्ष पर सभी अपने – अपने राज्य में चिन्तन करेंगे तथा सरकारों को भी अवगत करवाएँगे। पठानियां ने कहा कि उन्हें खुशी है कि सभी राज्यों के पीठासीन अधिकारी तथा उप – पीठासीन अधिकारी इसमें शामिल हुए तथा सभी ने इसमें भाग लिया तथा अपने – अपने सुझाव भी दिए। पठानियां ने कहा कि मजबूत लोकतंत्र सरकार को ताक्त तथा सही निर्णय लेने की शक्ति प्रदान करेगा। उन्होने कहा कि 1982 के बाद देश – दुनियां में बड़े – बड़े बदलाव हुए हैं। डिजिटल युग, वैश्वीकरण और नई तकनीकों के आगमन से संसदीय कार्य प्रणाली में भी बदलाव किए हैं। आज यह सम्मेलन हमें इन परिवर्तनों के बीच संसदीय परम्पराओं को मजबूत करने और नीतिगत सुधारों के रास्ते खोजने का अवसर प्रदान करता है।
पठानियां ने कहा कि सम्मेलन का आयोजन लोकतंत्र की मजबूती और जनप्रतिनिधियों के बीच संवाद और समन्वय बढ़ाने के लिए किया जाता है। हमारे लोकतान्त्रिक मूल्यों के संवर्धन में विधान सभाओं तथा विधान परिषदों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह सम्मेलन न केवल विचारों के आदान – प्रदान का एक मंच है बल्कि एक अवसर भी है कि हम अपने अनुभव सांझा करें और संसदीय कार्य प्रणाली को और अधिक प्रभावशाली बनाने के उपायों पर चर्चा करें।
सम्मेलन के समापन उपरान्त पटना स्थित खाजे क्लां तट पर पीठासीन अधिकारियों के लिए आयोजित गंगा महाआरती कार्यक्रम में भी पठानियां शामिल हुए तथा पूजा अर्चना की। पठानियां ने पटना स्थित बापू टावर तथा बिहार म्यूज्यिम का भी दौरा किया।
(हरदयाल भारद्वाज)
संयुक्त निदेशक,
लोक सम्पर्क एवं प्रोटोकॉल,
हि0प्र0 विधान सभा।