पूणे: 09.02.25-महाराष्ट्र के पूणे शहर में कथूर स्थित महाराष्ट्र प्रोद्योगिकी संस्थान विश्व शांति विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित 14वें अखिल भारतीय छात्र सम्मेलन के तीसरे सत्र की अध्यक्षता करते हुए विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप पठानियां ने कहा कि पूरा विश्व आज भारतीय संस्कृति का कायल है। पठानियां ने कहा कि भारतीय संस्कृति एवं परिधान की विश्व के अलग – अलग देशों में आज भी अपनी पहचान है। पठानियां ने कहा कि हम पहले भारतीय हैं उसके बाद किसी प्रदेश के वासी हैं और हमें भारतवासी होने का गर्व होना चाहिए । यह देश स्वतंत्रता सेनानियों का देश है जिन्होने अपने प्राणों की आहुति देकर इसे अंग्रेजों की बेड़ियों से मुक्त किया। पठानियां ने कहा कि उन्हें हिमाचली होने का भी गर्व है जिसकी अपनी अलग से पहचान है। हिमाचल देवभूमि है, रणबांकुरों की भूमि है तथा तपस्या व त्याग की भूमि है। आज भी हम “अतिथि देवो भव: ” संस्कृति को अपनाए हुए हैं अर्थात हम अपने अतिथियों को आज भी देव स्वरूप मानते हैं। चम्बा का रूमाल हिमाचली टोपी व शॉल आज भी दुनियां के उत्कृष्ट परिधानों में शूमार हैं। हमारा प्रदेश आज भी अपनी पुरातन संस्कृति जो हमें अपने पूर्वजों से विरासत में मिली है उसे संजोए हुए हैं। चम्बा का मिंजर मेला, मण्डी की महाशिवरात्री तथा अन्तर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा इसके जीवन्त उदाहरण हैं। यह उदगार कुलदीप पठानियां ने 14वें भारतीय छात्र संसद के तीसरे दिन के सत्र के लिए चयनित विषय “ भारतीय संस्कृति या पश्चिमी गलैमर, भारतीय युवाओं की द्वन्द्व” के उपर बोलते हुए प्रकट किए।

सम्मेलन को रामायण सीरियल में प्रभु राम का किरदार निभाने वाले अरूण गोविल, केन्द्रिय नागरिक एवं उड्डयन मंत्री किंजारप्पा राममोहन नायडू तथा फिलम अदाकारा खशवू तथा पूर्व लोक सभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी सम्बोधित किया । सम्मेलन मे देश के वि‍भिन्न राज्यों से आए दस हजार छात्र मौजूद थे।

पठानियां ने कहा राष्ट्रमण्डल संसदीय सम्मेलन में भाग लेते हुए उन्हे कई देशों का दौरा करने का मौका मिला है। आस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड तथा दक्षिण कोरिया जैसे देशों में भी भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। पठानियां ने कहा कि पश्चिमी देशों के लोग आज रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य की ओर आकर्षित हो रहे हैं तथा गीता उपदेशों का अनुकरण कर रहे हैं यह भारतीय संस्कृति के विश्व में विद्यमान होने का उपयुक्त उदाहरण है। इससे पूर्व सम्मेलन के आयोजकों द्वारा पठानियां का शॉल व स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया।

पठानियां ने गत सायं राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन में भी भाग लिया जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस, महाराष्ट्र विधान परिषद की डिप्टी चेयनमैन नीलम गोरे, लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, कई राज्य विधान सभाओं के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष, राजस्थान विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष सी0पी0 जोशी, देश के विभिन्न राज्यों से 250 से अधिक विधायकगण जिसमें हि0प्र0 विधान सभा के 13 सदस्यगण भी इस सम्मेलन में शामिल थे। इस अवसर पर पठानियां ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस से मुलाकात कर भारतीय छात्र संसद तथा राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन की महतता पर चर्चा की। विधान सभा अध्यक्ष ने एम0 आई0 टी0 विश्व शांति विश्वविद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष डॉ0 विश्व नाथ करड़ से भी शिष्टाचार भेंट की।

राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन के दौरान मौजूद 250 से अधिक विधायकों को विधान सभा कमेटियों की तर्ज पर अलग- अलग 15 समितियों में शामिल कर उनके लिए विशेष सत्रों का आयोजन किया गया। इन समितियों में अलग – अलग राज्यों के विधायक शामिल थे। कार्यक्रम के प्रर्वतक तथा एम0 आई0 टी0 वर्ल्ड पीस युनिवर्सिटी के अध्यक्ष राहुल करड़ के विशेष आग्रह पर कुलदीप सिंह पठानियां ने सभी समिति बैठकों को अलग – अलग समिति कक्ष में जाकर सम्बोधित किया तथा समिति की कार्यप्रणाली को कैसे मजबूत किया जाए तथा इसके माध्यम से सुशासन को कैसे और भी पारदर्शी बनाया जाए पर सभी समिति सदस्य को टिप्स दिए तथा इसे अपने – अपने राज्यों में सशक्त करने के लिए प्रेरित किया। इसके अतिरिक्त कुलदीप पठानियां ने राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन में आज की तारीख में दो सबसे परिवर्तनकारी तकनीकों कृत्रिम बुद्विमता (AI) और मशीन लर्निंग (ML) पर भी अपने उदगार प्रकट किए। पठानियां ने कहा कि ये नवाचार हमारी दुनियां को आकार दे रहे हैं, उद्योगों को प्रभावित कर रहे हैं और हमारे जीवन, काम और तकनीक के साथ हमारी बातचीत के तरीके को बदल रहे हैं। पठानियां ने कहा कि कत्रिम बुद्विमता (AI) तथा मशीन लर्निंग (ML) सिर्फ भविष्य की अवधारणाएं नहीं हैं, ये तकनीक प्रगति का वर्तमान और भविष्य है। चाहे हम छात्र हों, पेशेवर हों या उद्यमी ए0 आई0 और एम0 एल0 को समझना हमारे लिए आवश्यक है ताकि हम आगे बढ़ने और दुनियां को आकार देने के लिए तैयार रह सकें। आइए हम इन तकनीकों को डर से नहीं बल्कि जिज्ञासा, जिम्मेदारी और एक बेहतर कल की दृष्टि के साथ अपनाएं।

(हरदयाल भारद्वाज)

संयुक्त निदेशक एवं मुख्य प्रवक्ता,

हि0 प्र0 विधान सभा।