आरकेएस की गवर्निंग बॉडी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 2.42 करोड़ रुपए के प्रस्तावित व्यय को दी मंजूरी

मंडी, 10 फरवरी। क्षेत्रीय अस्पताल मंडी की रोगी कल्याण समिति की गवर्निंग बॉडी की बैठक उपायुक्त एवं अध्यक्ष रोगी कल्याण समिति अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में उपायुक्त कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक में रोगी कल्याण समिति के माध्यम से वित्त वर्ष 2025-26 के किए जाने वाले प्रस्तावित व्यय 2.42 करोड़ का अनुमोदन किया गया तथा इस वर्ष किए गए खर्च की कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की गई । बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने अस्पताल में आने वाले रोगियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन पूरी जिम्मेदारी और सक्रियता के साथ रोगियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए कार्य करे।
बैठक में वित्त वर्ष 2025-26 में आरकेएस के माध्यम से किए जाने वाले विभिन्न व्ययों, अस्पताल में कार्यरत स्टाफ का मानदेय बढ़ाने, अस्पताल परिसर की छिटपुट मुरम्मत करने, वाटर कुलर की मुरम्मत, स्टेशनरी, स्पेशल बार्ड के लिए अलमारियां खरीदने, मोटराईज बैड और गीजर की मुरम्मत करने, सीसीटीवी कैमरों की मुरम्मत, एक्स-रे मशीन की मुरम्मत आदि मामलों पर भी चर्चा की गई। इन मामलों के लिए प्रस्तावित व्यय की उपायुक्त द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरेन्द्र कुमार भारद्वाज, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ डीएस वर्मा, एमओएच डॉ दिनेश ठाकुर, जिला विकास अधिकारी ग्रामीण विकास गोपी चंद पाठक, असिस्टेंट कंट्रोलर फ़ाइनैन्स प्यारे सहित गवर्निंग बॉडी के अन्य सदस्य मौजूद रहे।
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महिला प्रशासनिक अधिकारी बनी पदमा और परिजनों के मध्य सेतु
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने पूरी टीम को दी बधाई

मंडी, 10 फरवरी-पश्चिम बंगाल की धरती से हिमाचल की बल्ह घाटी में पहुंची एक वृद्ध महिला को उसके परिवार से मिलवाने में मंडी जिला प्रशासन के प्रयास फिर रंग लाए हैं। लगभग डेढ़ साल से वृद्धाश्रम में गुजर-बसर कर रही इस महिला को आज उपायुक्त अपूर्व देवगन की उपस्थिति में उनके परिजनों एवं संबंधित अधिकारियों के सुपुर्द किया गया। इस दौरान महिला काफी भावुक हो गई और अपनों से मिलने पर खुशी के आंसू रुकते नहीं रूक पा रहे थे। इस मानवीय पहल पर महिला एवं उसके परिवार ने स्थानीय प्रशासन एवं प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि मंडी जिला के बल्ह उपमंडल के तहत बल्ह वैली कल्याण सभा, भंगरोटू द्वारा संचालित वृद्ध आश्रम में 23 सितंबर, 2023 से यह महिला रह रही हैं। इससे पहले यह महिला सुधार गृह, चलाखा लूणापानी में रह रही थीं। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह महिला कुछ वर्ष पूर्व बिलासपुर जिला के घाघस में मिली थीं। बिलासपुर पुलिस ने महिला के बारे में शिमला के मशोबरा स्थित बालिका एवं वृद्ध आश्रम में सम्पर्क किया। उसके उपरांत यह महिला यहां बल्ह घाटी में पहुंची।
इस महिला के बारे में जानकारी जुटाने में उपमंडलाधिकारी (ना.) बल्ह स्मृतिका नेगी के सराहनीय प्रयास रहे हैं। उन्होंने गत 26 दिसंबर, 2024 को वृद्ध आश्रम भंगरोटू का दौरा किया। इस दौरान कर्नाटक राज्य की सकम्मा के परिजनों को मिलवाने के प्रशासन के प्रयास रंग लाए थे। इसी दौरान यह वृद्ध महिला भी वहां दूसरी कुर्सी पर बैठी हुई शायद अपने परिजनों के बारे में चिंता जता रही थी। स्मृतिका नेगी की भेंट इस वृद्ध महिला से वहीं हुई जो कि बंगाल से संबंध रखने वाली प्रतीत हो रही थीं। हालांकि भाषा की बाध्यता के कारण उनसे समुचित संवाद नहीं हो पा रहा था। ऐसे में स्मृतिका नेगी ने क्षेत्र में कार्य कर रहे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रबंधन वर्ग से सम्पर्क किया और किसी बांग्ला भाषी व्यक्ति से सहयोग का आग्रह किया। प्राधिकरण प्रबंधन ने उनके तहत कार्य कर रहे बीरभूम जिला के रबीउल एसके को महिला से संवाद में सहयोग के लिए भेजा।
उन्होंने बांग्ला भाषा में महिला से बातचीत की तो उसके घर-परिवार के बारे में जानकारी प्राप्त हुई। महिला ने अपना नाम पदमा मुर्मु बताया। यह भी बताया कि वह पश्चिम बंगाल के हुगली जिला के आसनपुर गांव की रहने वाली हैं। महिला ने यह भी बताया कि उसके पति का निधन हो चुका है। कुछ साल पूर्व उन्होंने पारिवारिक कलह के कारण घर छोड़ दिया था। हालांकि अब वह वापस अपने घर जाना चाहती हैं।
उपायुक्त ने बताया कि प्रशासनिक स्तर पर पश्चिम बंगाल राज्य में सम्पर्क करने पर महिला के नाम-पते की पुष्टि की गई। अब पदमा को ले जाने के लिए पश्चिम बंगाल से एक दल उनके भतीजे बबलू मुर्मू के साथ यहां पहुंचा है। इस दल में हुगली से सामाजिक कल्याण विभाग में सीईसी सुपरवाइजर सुनंदा चटर्जी, महिला कांस्टेबल सूरज मोनी हेम्ब्राम व मायना मंडी शामिल हैं। उपमंडलाधिकारी (ना.) बल्ह की निगरानी में आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करने के उपरांत आज पदमा मुर्मू को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। परिजनों ने इसके लिए प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन का विशेष तौर पर आभार व्यक्त किया है।
सीईसी सुपरवाइजर सुनंदा चटर्जी ने बताया कि यह महिला अपने भाई के परिजनों के साथ ही रहती हैं। कुछ साल पहले अपने गांव से वह वर्धमान चली गई और वहां से रेलगाड़ी से शायद यहां हिमाचल तक पहुंची हैं। परिजनों ने उसकी गुमशुदगी के बारे में पुलिस को भी सूचना दी थी, मगर पदमा का कोई पता नहीं चल पाया था। अब मंडी जिला प्रशासन द्वारा इसकी जानकारी साझा करने के बाद स्थानीय स्तर पर उसके निकट संबंधियों के बारे में सूचना प्रमाणित की। आज यहां से पदमा के भतीजे के साथ उसे वापस ले जा रहे हैं। इसके लिए मंडी जिला प्रशासन का धन्यवाद करते हैं।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि जिला प्रशासन का प्रयास रहता है कि वृद्ध आश्रम में रहने वाले जरूरतमंदों व असहाय लोगों को हरसंभव मदद प्रदान की जाए। बाहरी राज्य के यहां रहने वाले आश्रमवासी को उनके परिजनों से मिलवाने के लिए सफल प्रयास यहां पहले भी हुए हैं। हमें खुशी है कि सभी के समन्वित प्रयासों से और मंडी टीम की एक छोटी सी पहल से आज एक और महिला अपने परिजनों से मिल पाई। इसके लिए अभियान से जुड़ी प्रशासनिक और विभागीय टीम को बधाई देते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई की यह महिला अब अपने परिजनों के बीच एक खुशहाल जीवन व्यतीत करेंगी।
इस अवसर पर उपायुक्त ने मंडी के सभी लोगों की ओर से पदमा मुर्मू और उनके परिजनों तथा साथ आए अधिकारियों के दल को हिमाचली टोपी एवं मफलर पहनाकर सम्मानित भी किया।
उपमंडल अधिकारी (ना.) मंडी ओमकांत ठाकुर, बल्ह स्मृतिका नेगी, जिला कल्याण अधिकारी समीर सहित आश्रम के संचालक व सभी आश्रमवासी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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