ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-छोटे टूरिस्ट स्पाॅट होंगे विकसित : बाली
धर्मशाला, नगरोटा 16 अप्रैल। पर्यटन निगम के अध्यक्ष कैबिनेट रैंक आरएस बाली ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और वर्तमान प्रदेश सरकार पर्यटन क्षेत्र को नये आयाम देने के दृष्टिगत कार्य कर रही है। नगरोटा तथा कांगड़ा में जनसमस्याएं सुनने के उपरांत पर्यटन निगम के अध्यक्ष आरएस बाली ने कहा कि मुख्य मार्गों के नजदीक गांवों में छोटे-छोट टूरिस्ट स्पाॅट भी विकसित किए जाएंगे ताकि स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के साधन उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने गोबिन्द सागर झील सहित अन्य जलाशयों में शिकारा, हाउसबोट, जेट-स्की इत्यादि सुविधाएं शुरू की गई हैं जबकि पौंग बांध भी जल्द ही यह सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने लगभग 2 हजार 400 करोड़ रुपये की लागत से दो चरणों में नए पर्यटन स्थल विकसित करने की योजना बनाई है।
पर्यटकों को बेहतर हवाई सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तारीकरण कार्य प्रगति पर है, जिसके लिए करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं तथा अधिग्रहण के लिए भूमि मालिकों को 355करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। प्रदेश में 16 हेलीपोर्ट का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक्साइज, टूरिज्म, पॉवर और माइनिंग पॉलिसी में आवश्यक बदलाव कर दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है। यह कदम प्रदर्शित करता है कि प्रदेश सरकार राजस्व अर्जन की दिशा में कार्य कर रही है ताकि प्रदेश के सभी क्षेत्रों के विकास कार्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध हो।
उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार का उद्देश्य समाज के वंचित और कमजोर वर्गों का कल्याण और उत्थान सुनिश्चित करना है। वर्तमान राज्य सरकार जनहित की दिशा में कार्य कर रही है और किसी भी कीमत पर प्रदेश की अमूल्य संपदा को लुटने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने समाज के सुविधा संपन्न वर्गों से स्वेच्छा से बिजली सब्सिडी का त्याग करने की मुहिम शुरू की है और प्रदेश के लोग इस मुहिम में बढ़चढ़ कर भाग ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोड कनेक्टिविटी में सुधार, स्थानीय विकास को बढ़ावा देने के लिए कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण सड़क नेटवर्क को सुदृढ़ करना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि यह सभी पहलें बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और राज्य के लोगों के लिए जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करने के सरकार के दृष्टिकोण का हिस्सा हैं।
=======================================
क्षेत्रीय केंद्र खनियारा में विकसित भारत 2047 विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन
धर्मशाला, 16 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केंद्र मोहली के अर्थशास्त्र, वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग द्वारा 23 व 24 अप्रैल को दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। क्षेत्रीय अध्ययन केंद्र के निदेशक प्रो. कुलदीप अतरी ने जानकारी दी कि यह सम्मेलन ‘विकसित भारत 2047’ विषय पर केंद्रित है और भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा प्रायोजित है। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य भारत की आजादी के 100 वर्षों के उपलक्ष्य में सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक एवं तकनीकी विकास की दिशा में ठोस सुझाव और विचार प्रस्तुत करना है।
उन्होंने बताया कि यह आयोजन देश के शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, नीति-निर्माताओं और विद्यार्थियों को एक संयुक्त मंच प्रदान करेगा, जहाँ वे भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में अपने शोध और दृष्टिकोण साझा कर सकें। सम्मेलन को लेकर देशभर के शिक्षण संस्थानों में उत्साह देखा गया है और अब तक विभिन्न राज्यों के महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों से 200 से अधिक शोध-पत्र प्राप्त हो चुके हैं, जो इस विषय की प्रासंगिकता और व्यापकता को दर्शाता है।
उन्होंने बताया कि यह आयोजन न केवल हिमाचल प्रदेश, बल्कि संपूर्ण भारत के शैक्षणिक जगत के लिए एक प्रेरणास्पद अवसर होगा, जहाँ विचारों के आदान-प्रदान के माध्यम से विकास की संभावनाओं को नई दिशा दी जाएगी। आयोजक समिति ने सभी शिक्षाविदों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों से इस सम्मेलन में भाग लेकर इसे सफल बनाने का आह्वान किया है।