बिलासपुर, 25 अप्रैल। जिला स्तरीय बैसाखी नलवाड़ मेला 2025 की दूसरी एवं अंतिम सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भव्य रूप से किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार (कैबिनेट रैंक) सुनील शर्मा 'बिट्टू' ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को बैसाखी नलवाड़ मेले की शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह मेला न केवल प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का माध्यम है, बल्कि ग्रामीण आर्थिकी को भी गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

मुख्य अतिथि ने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य वर्ष 2026 तक हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य, 2027 तक आत्मनिर्भर राज्य और 2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाना है। उन्होंने बताया कि सरकार ने चुनाव पूर्व घोषित 10 गारंटियों में से 6 को पूर्ण कर लिया है तथा शेष 4 गारंटियों की दिशा में तेजी से कार्य चल रहा है।

सुनील शर्मा ने वर्ष 2025-26 के बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को केंद्र में रखते हुए की गई घोषणाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने कृषि, मत्स्य पालन, बागवानी, पर्यटन और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। उन्होंने बताया कि दूध उत्पादकों को राहत देते हुए गाय के दूध की समर्थन मूल्य 45 से बढ़ाकर 51 प्रति लीटर और भैंस के दूध की 55 से बढ़ाकर 61 प्रति लीटर कर दी गई है। वहीं, जैविक फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में भी वृद्धि की गई है, जिसमें मक्के का MSP 30 से बढ़ाकर 40, गेहूं का 40 से 60 और कच्ची हल्दी का 90 प्रति किलो निर्धारित किया गया है।

मत्स्य पालन क्षेत्र में 20,000 से अधिक मछुआरों को राहत प्रदान की गई है। मछली पकड़ने की रॉयल्टी दर को 15 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया है और नई नावों की खरीद पर सब्सिडी दी जा रही है। हरित पहल के अंतर्गत 3,000 टैक्सियों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने के लिए 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा, 500 इलेक्ट्रिक बसों को सड़कों पर उतारा जाएगा और 100 पंचायतों में 500 किलोवाट की सौर परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी।

पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में प्रदेश में 78 नए ईको-टूरिज्म स्थल विकसित किए जाएंगे, जिससे अगले पांच वर्षों में 200 करोड़ का राजस्व प्राप्त होने और बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की संभावना है। बागवानी क्षेत्र में ‘मुख्यमंत्री फसल सुरक्षा योजना’ के अंतर्गत हल्दी की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है और वर्ष 2032 तक 1.3 लाख मीट्रिक टन फल उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसकी अनुमानित बाजार मूल्य 400 करोड़ होगा।

इस अवसर पर विशेष अतिथि निदेशक इंडस्ट्रियल डेवलपमेंटल कॉरपोरेशन विकेश चौहान गिनी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव विवेक कुमार निदेशक हिमुडा जितेंद्र चंदेल उपस्थित रहे।