कंड तथा घन्यारा सिद्वपुर के बच्चों ने सीखे आपदा प्रबंधन के टिप्स
धर्मशाला 30 दिसंबर। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की ओर से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कंड तथा घन्यारा सिद्वपुर के बच्चों को आपदा से निपटने के गुर भी सिखाए गए। इसमें करीब तीन सौ छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। यह जानकारी एसडीआरएफ के डीएसपी सुनील राणा ने देते हुए बताया कि एसडीआरएफ की ओर से आपदा प्रबंधन के प्रशिक्षण को लेकर विभिन्न स्कूलों में जागरूकता अभियान आरंभ किया गया है ताकि बच्चे आपदा प्रबंधन में दक्ष हो सकें। उन्होंने कहा कि फछात्रों को प्राथमिक चिकित्सा, सीपीआरए खोज एवं बचाव, पट्टी बांधने की तकनीक, रस्सी में गांठ लगाना तथा विविध बचाव तरीके और अग्निशमन के बारे में प्रशिक्षण दिया गया।
उन्होंने कहा कि बच्चों को आपदा प्रबंधन की जानकारी होना अत्यंत जरूरी है ताकि वे अपने अपने क्षेत्रों के आपदा प्रबंधन में सक्रिय भूमिका निभा सकें। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण बच्चों में जिम्मेदारी की भावना, लचीलापन और आपात स्थिति के दौरान निर्णायक रूप से कार्य करने की क्षमता को बढ़ावा देकर उन्हें सशक्त बनाता है।
उन्होंने कहा कि पिछली शताब्दी में वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक आपदाओं में दस गुना वृद्धि हुई है और वे किसी भी स्थान पर, किसी भी समय हमला कर सकती हैं। हालांकि, ठोस आपदा प्रबंधन वाले स्कूल जीवन बचा सकते हैं, नुकसान को कम कर सकते हैं और कम समय में सामान्य संचालन पर लौट सकते हैं।
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भोटा स्कूल में बताए नशे के दुष्प्रभाव, कानूनी जानकारियां भी दीं
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण ने आयोजित किया जागरुकता कार्यक्रम
हमीरपुर 30 दिसंबर। बच्चांे को मानवाधिकार, राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण (नालसा) की विभिन्न योजनाओं, नशे की समस्या, एनडीपीएस एक्ट और अन्य महत्वपूर्ण अधिनियमों, नशे के पीड़ितों को कानूनी सहायता, मौलिक अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति जागरुक करने के लिए जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण ने सोमवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भोटा में एक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव कुलदीप शर्मा ने कहा कि आम लोगों के लिए न्याय सुलभ बनाने के लिए नालसा ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं आरंभ की हैं। इनमें मुफ्त कानूनी सहायता योजना सबसे महत्वपूर्ण है।
उन्होंने बताया कि एससी-एसटी वर्ग के लोग, महिलाएं, बच्चे, दिव्यांग, आपदा पीड़ित, अत्याचार पीड़ित, श्रमिक, किन्नर, कैदी और सालाना 3 लाख रुपये से कम आय वाले सभी वर्गों के लोग मुफ्त कानूनी सहायता योजना का लाभ लेने के लिए पात्र हैं। इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया बहुत ही सरल है। किसी भी न्यायालय परिसर में स्थापित फ्रंट आफिस में जाकर पात्र लोग मुफ्त कानूनी सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं। नालसा के हेल्पलाइन नंबर 15100 पर भी संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि नशे के जाल में फंसे लोगों, तेजाब हमलों और अन्य अत्याचारों से पीड़ित लोगों के लिए भी मुफ्त कानूनी सहायता का प्रावधान है।
कुलदीप शर्मा ने बताया कि किशोरावस्था एवं युवावस्था में नशे के जाल में फंसने की आशंका ज्यादा रहती है। इस दौरान बच्चों एवं उनके अभिभावकों तथा शिक्षकांे को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हांेने नशे के दुष्प्रभावों और एनडीपीएस एक्ट के विभिन्न प्रावधानों, रैगिंग रोधी कानून, मौलिक अधिकारों एवं कर्तव्यों की भी विस्तृत जानकारी दी।
अधिवक्ता वीरेंद्र सिंह और पुलिस चौकी भोटा के एसआई मनोज कुमार ने भी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।