चंडीगढ़, 29 मार्च - हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने विश्वविद्यालयों में ढांचागत सुविधाओं, पुस्तकालय तथा पाठ्येतर गतिविधियों पर बजटीय आवंटन को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि शैक्षणिक गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए जरूरी है कि विद्यार्थियों को अच्छी सुविधाएं मिले। विद्यार्थी ज्यादा समय पुस्तकालयों में बिताएं और पाठ्येतर गतिविधियों, विशेष रूप से खेल गतिविधियों से खुद को जोड़े। राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय जोकि हरियाणा के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी है, आज यहां जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद में विश्वविद्यालय कोर्ट की 12वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर तथा कुलसचिव डाॅ मेहा शर्मा भी उपस्थित थीं।


बैठक में कुलसचिव डाॅ मेहा शर्मा ने विश्वविद्यालय कोर्ट का एजेंडा प्रस्तुत किया, जिसमें वर्ष 2022-23 का वार्षिक लेखा, वर्ष 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट तथा वर्ष 2024-25 के वार्षिक बजटीय आवंटन शामिल रहे। डीन (इंस्टीट्यूशन्स) प्रो. संदीप ग्रोवर ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों तथा प्रो. अंजू गुप्ता ने वर्ष 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट की विशेषताओं से राज्यपाल को अवगत करवाया।

राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि शिक्षा की आधारभूत सुविधा जितनी बेहतर होंगी, शिक्षा की गुणवत्ता उतनी बढ़ेगी। इसलिए, विश्वविद्यालयों को बेहतर ढांचागत व्यवस्थाओं को लेकर कार्य योजना बनानी चाहिए और इसमें सुधार करने पर बल देना चाहिए। इसी प्रकार, पुस्तकालय भी आधुनिक प्रौद्योगिकी से सुसज्जित होने चाहिए। पुस्तक कोष में नई पुस्तकों को समय-समय शामिल किया जाना चाहिए। पुस्तकालयों में ऐसी व्यवस्था हो, ताकि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी पुस्तकालयों की सुविधाओं का लाभ उठा सके। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे पढ़ाते हुए विद्यार्थियों को पुस्तक संदर्भ जरूर दें ताकि वे विषय को लेकर बेहतर समझ बना सकें।

राज्यपाल ने पाठ्येतर गतिविधियों, विशेष रूप से खेलों से विद्यार्थियों को जोड़ने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम में खेल गतिविधियों को विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य बनाये और यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक विद्यार्थी मैदान पर कुछ समय बिताये। राज्यपाल श्री दत्तात्रेय विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि यह प्रशंसनीय है कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी उपलब्ध करवा रहा है और उनमें उद्यमशीलता का भाव जागृत कर रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को अपने ऐसे पूर्व छात्रों का रिकार्ड रखना चाहिए जो उद्यमशीलता को अपना रहे है। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ विश्वविद्यालयों को सुशासन अपनाने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि प्रशासन में दक्षता लाने के लिए विश्वविद्यालयों को जरूरत के अनुरूप नई प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यवस्था में सुधार की गुंजाइश होती है, इसलिए इस दिशा में निरंतर काम करते रहना चाहिए।

इससे पहले कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने राज्यपाल को विश्वविद्यालय की शैक्षणिक प्रगति एवं भावी कार्य योजना से अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की केमिकल इंजीनियरिंग तथा एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के विषयों में नये पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना है। इसके लिए पाठ्यक्रम को लेकर कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय में सेटेलाइट क्लब स्थापित करने की भी योजना है। कुलपति ने शैक्षणिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा किये गये शैक्षणिक समझौतों से भी राज्यपाल को अवगत करवाया।

बैठक में राज्यपाल को अवगत करवाया गया कि विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहा है। विश्वविद्यालय में प्रतिवर्ष 450 से अधिक कंपनियां प्लेसमेंट गतिविधियों के लिए आ रही है। इंजीनियरिंग में विद्यार्थियों की प्लेसमेंट औसत लगभग 88 प्रतिशत है। वर्ष 2022-23 में 572 विद्यार्थियों को रोजगार प्राप्त हुआ और वर्तमान सत्र में अब तक 509 विद्यार्थियों को रोजगार प्राप्त हो चुका है। विश्वविद्यालय में हाल के वर्षों में विद्यार्थियों का उच्चतम पैकेज 60 लाख रुपये तक रहा है।