आबकारी एवं एनडीपीएस कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित
उपायुक्त ने एसडीएम को आबकारी अधिकारियों के साथ नियमित निगरानी के निर्देश दिए
मंडी, 29 दिसम्बर। हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम 2011, एनडीपीएस अधिनियम 1985 तथा हिमाचल प्रदेश एनडीपीएस नियम, 1989 के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक उपायुक्त अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में उपायुक्त कार्यालय के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष में आयोजित की गई। बैठक में अवैध शराब, मादक पदार्थों तथा खाद्य सुरक्षा से जुड़े मामलों पर विभागीय समन्वय, निगरानी और कानून के अमल की विस्तृत समीक्षा की गई।
बैठक में उपायुक्त ने सभी एसडीएम को आबकारी अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर अपने-अपने क्षेत्रों में नियमित निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय समन्वय समिति का उद्देश्य विभिन्न विभागों के बीच सूचना साझा करना, त्रैमासिक समीक्षा करना तथा आवश्यकता अनुसार संयुक्त निरीक्षण को और अधिक प्रभावी बनाना है। उपायुक्त ने आबकारी विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए इसी तरह निरंतर कानून के प्रभावी अमल को बनाए रखने के निर्देश दिए।
बैठक में डिप्टी कमिश्नर स्टेट टैक्सेज एंड एक्साइज अरविंद शर्मा ने बताया कि पहली जनवरी से 30 नवम्बर 2025 की अवधि के दौरान हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम, 2011 के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा 342 मामले दर्ज किए गए। इस दौरान 60,96,862 एमएल अंग्रेजी शराब, 31,72,394 एमएल देशी शराब, 59,64,150 एमएल बीयर तथा 3,32,050 एमएल अवैध शराब, लाहन एवं थरड़ा जब्त किया गया।
उन्होंने बताया कि इसी अवधि में राज्य कर एवं आबकारी विभाग द्वारा 125 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 9,56,842 एमएल अंग्रेजी शराब, 24,61,500 एमएल देशी शराब, 3,58,250 एमएल बीयर तथा 3,15,400 एमएल अवैध शराब, लाहन एवं थरड़ा जब्त किया गया।
उन्होंने आगे बताया कि पहली जनवरी से 30 नवम्बर 2025 तक एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के अंतर्गत पुलिस द्वारा कुल 297 मामले दर्ज किए गए। इस दौरान 60 किलोग्राम चरस, 1.323 किलोग्राम अफीम, 62 ग्राम पॉपी हस्क, 1.079 किलोग्राम हेरोइन, 2.658 किलोग्राम गांजा, 5 ग्राम एमडीएमए, 1686 नशीली गोलियां जब्त कीं तथा 1,61,238 अफीम के तथा 3,67,094 भांग के पौधे नष्ट किये गए।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिमन्यु वर्मा, सहायक आयुक्त (फूड सेफ्टी) एलडी ठाकुर तथा ड्रग इंस्पेक्टर पवन ठाकुर उपस्थित रहे, जबकि जिले के सभी एसडीएम वर्चुअली बैठक में शामिल हुए।
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पॉइजन एक्ट के तहत तेजाब नियंत्रण को लेकर उपायुक्त ने की समीक्षा
बिना लाइसेंस तेजाब का भंडारण और बिक्री अवैधः अपूर्व देवगन
मंडी, 29 दिसंबर। जिला में पॉइजन एक्ट, 1919 तथा हिमाचल प्रदेश पॉइजन (पजेशन एंड सेल) नियम, 2014 के प्रभावी कार्यान्वयन को लेकर उपायुक्त अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में अधिनियम के अंतर्गत तेजाब के भंडारण और बिक्री को लेकर अब तक उठाए गए कदमों की समीक्षा की गई तथा आगामी कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा की गई।
उपायुक्त ने बताया कि जिला में पॉइजन एक्ट के अंतर्गत अब तक कुल 28 लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं। इनमें तीन लाइसेंस तेजाब की बिक्री के लिए तथा 25 लाइसेंस भंडारण के लिए बनाए गए हैं। भंडारण लाइसेंसों में 24 लाइसेंस आभूषण विक्रेताओं के तथा एक लाइसेंस राजकीय महाविद्यालय धर्मपुर के नाम पर जारी किया गया है।
उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि पॉइजन एक्ट के तहत तेजाब का भंडारण और बिक्री केवल वैध लाइसेंस के साथ ही की जा सकती है। बिना लाइसेंस तेजाब का भंडारण या बिक्री पाए जाने पर एक वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। उन्होंने एसएचओ, एसडीएम तथा ड्रग एनफोर्समेंट एजेंसियों को लाइसेंस प्राप्त विक्रेताओं और भंडारणकर्ताओं के स्टॉक की नियमित एवं सघन निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि जिला के सभी ऐसे शिक्षण संस्थान, जहां प्रयोगशालाओं में प्रायोगिक कार्यों के लिए तेजाब का उपयोग किया जाता है, उन्हें अनिवार्य रूप से इसके भंडारण हेतु लाइसेंस लेना होगा। समर क्लोजिंग स्कूलों और कॉलेजों को 31 जनवरी तक तथा विंटर क्लोजिंग स्कूलों को 15 मार्च तक लाइसेंस बनवाना अनिवार्य किया गया है। इसके लिए उपनिदेशक शिक्षा को समुचित कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
उपायुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति या संस्था एक से अधिक स्थानों पर तेजाब का भंडारण या बिक्री करती है, तो प्रत्येक स्थान के लिए अलग-अलग लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। लाइसेंस के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय स्थित सहायक दवा नियंत्रक कार्यालय तथा सरकाघाट और सुन्दरनगर में सहायक दवा निरीक्षकों के कार्यालयों में आवेदन किया जा सकता है।
सहायक दवा नियंत्रक अनूप शर्मा ने बताया कि पॉइजन एक्ट के अंतर्गत लगभग 20 प्रकार के तेजाब सहित अन्य खतरनाक रासायनिक पदार्थ भी शामिल हैं, जिनके उपयोग, भंडारण और बिक्री पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बंद नालियों को खोलने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले तेजाब के लिए भी लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा।
बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी डॉ मदन कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिमन्यु वर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दिपाली शर्मा, सहायक दवा नियंत्रक अनूप शर्मा, उपनिदेशक उच्च शिक्षा यशवीर कुमार, सहायक प्रोफेसर वल्लभ राजकीय महाविद्यालय डॉ संजय कुमार, ड्रग निरीक्षक सुन्दरनगर रीना चौहान, ड्रग निरीक्षक मंडी दिनेश कुमार, ड्रग निरीक्षक सरकाघाट कमल कांत तथा प्लाटून कमांडर हेमराज उपस्थित रहे तथा एसडीएम वर्चुअली बैठक में मौजूद रहे।
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देई 2.0 के तहत मुंदडू में किशोरी मेला आयोजित
मंडी, 29 दिसंबर। बाल विकास परियोजना मंडी सदर के अंतर्गत बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत देई 2.0 कार्यक्रम की निरंतरता में वृत नेरचौक द्वारा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, मुंदडू में किशोरी मेले का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य स्नेहलता ने की।
मेले में आयुष विभाग की डा. नेहा वर्मा ने मासिक धर्म स्वच्छता, पोषण एवं किशोरावस्था से जुड़ी स्वास्थ्य जानकारियां दीं, जबकि योग प्रशिक्षक गोविन्द कुमार ने योगाभ्यास करवाया। प्रतिभागियों को बाल विवाह रोकथाम अधिनियम, 2006 तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी जागरूक किया गया।
इस अवसर पर चित्रकला एवं स्लोगन लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। चित्रकला प्रतियोगिता में चेतना प्रथम, बंदिता द्वितीय तथा ज्योति तृतीय स्थान पर रहीं, जबकि स्लोगन लेखन प्रतियोगिता में प्रियंका प्रथम, शियानी द्वितीय एवं राधिका तृतीय स्थान पर रहीं। विजेताओं को मेडल व प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। साथ ही नशे के दुष्प्रभावों पर आधारित लघु नाटक की प्रस्तुति और विद्यार्थियों की करियर काउंसलिंग भी की गई।