चण्डीगढ़, 24.08.24- : श्री हरि सिमरन सेवा समिति, चण्डीगढ़ की तरफ से सेक्टर 46 स्थित श्री सनातन धर्म मंदिर में आयोजित तृतीय श्रीमद् भागवत कथा के समापन पर हवन-यज्ञ किया किया गया और आयोजकों, जिनमें पूनम कोठारी, नरेश गर्ग, कांति देवी, मोहन, अनिल कोठारी, सुभाष कोठारी, प्रीति, बादल, दीप्ति, रोहन, राज रानी, देवी दत्त, धीरज कुमार दास आदि शामिल थे,ने पूर्णाहूति दी। इससे पहले कथाव्यास प्रख्यात भागवत किंकर आचार्य विवेक जोशी जी महाराज ने बताया कि श्रीमद् भागवत पुराण को भगवान कृष्ण का साहित्यिक अवतार माना जाता है। श्रीमद् भागवत कथा सुनने से आध्यात्मिक विकास और भगवान के प्रति भक्ति गहरी होती है। श्रीमद् भागवत कथा स्वयं की प्रकृति और परम वास्तविकता के बारे में सिखाती है। उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य के जन्म जन्मांतर का पुण्य उदय होता है, तभी इन पुण्य कार्यों को करने और कथा श्रवण का सौभाग्य प्राप्त होता है। कथा व्यास ने कहा कि हमें भागवत को श्रवण ही नहीं बल्कि उसको अपने जीवन में भी उतारना चाहिए। भागवत को एक अमृत रस की तरह पीना चाहिए।