शिमला: 28.04.25- हिमाचल प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने प्रदेशवासियों को परशुराम जयंती की बधाई दी है। अपने बधाई सन्देश में पठानियां ने कहा कि परशुराम जयंती हिन्दू धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक है, जो भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। यह पर्व प्रतिवर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो अक्षय तृतीया के दिन पड़ती है। परशुराम जी का जन्म त्रेता युग में हुआ था और उन्हें ब्रह्म क्षत्रिय कहा जाता है क्योंकि वे जन्म से ब्राह्मण थे लेकिन कर्म से क्षत्रिय।

पठानियां ने कहा कि वे अत्यंत पराक्रमी, तपस्वी और न्यायप्रिय थे। उनका जीवन अन्याय, अधर्म और अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष का प्रतीक है। उन्होंने क्षत्रियों के अत्याचारों से पीड़ित समाज की रक्षा की और धरती को 21 बार क्षत्रियों से मुक्त किया। परशुराम जी का उद्देश्य समाज में संतुलन बनाए रखना था। परशुराम जयंती का हिन्दू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व है। इस दिन को धर्म, साहस, तपस्या और न्याय की स्थापना के रूप में देखा जाता है। परशुराम जी को आदर्श ब्राह्मण योद्धा माना जाता है, जिन्होंने समाज की रक्षा के लिए शस्त्र उठाए।

उन्होने कहा कि आज के युग में परशुराम जयंती केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह समाज में न्याय, समानता और अन्याय के खिलाफ खड़े होने की प्रेरणा देती है। यह दिन हमें सिखाता है कि केवल जन्म से नहीं, बल्कि कर्म से महानता प्राप्त होती है।

पठानियां ने कहा कि परशुराम जयंती केवल एक पर्व नहीं, बल्कि धर्म और अधर्म के संघर्ष में विजय की प्रतीक है। यह दिन हमें हमारे महान इतिहास, परंपरा और संस्कृति से जुड़ने का अवसर देता है। परशुराम जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि जब अन्याय अपने चरम पर पहुंच जाए, तो धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र उठाना भी आवश्यक हो जाता है। उनका साहस, संकल्प और तपस्या हमें प्रेरित करती है कि हम अपने जीवन में सत्य और न्याय के मार्ग पर चलें।