शिमला -28 अप्रैल, 2025-मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज सोलन जिला के कसौली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत गांधी ग्राम में अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ‘नेशनल ट्रक एंड बस मीट’ में बतौर मुख्यतिथि शिरकत की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश, देश के सबसे खूबसूरत और लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां की नदियां, झरने, झीलें, बागान, बर्फीली चोटियां, पहाड़, संस्कृति और अतिथि-भाव वर्ष भर लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इतनी बड़ी संख्या में पर्यटकों का आना यहां के वातावरण को भी प्रभावित करता है। इसीलिए वर्तमान राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण और सत्त विकास पर विशेष ध्यान देते हुए पर्यटन अधोसंरचना को मजबूत कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जो कार्ययोजना बनाई गई है उसमें इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ और इसके लिए अधोसंरचना का विस्तार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे प्रसन्नता है कि यह आयोजन न केवल हिमाचल प्रदेश के सत्त विकास से जुड़ा है, बल्कि यह पर्यावरण और हरित ऊर्जा भविष्य की दिशा में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राज्य के पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार नई योजनाएं बना रही हैं।’’
श्री सुक्खू ने कहा कि ग्रीन हाउस गैसें, प्रदूषण का मुख्य कारण है और 16-20 प्रतिशत ग्रीनहाउस गैस परिवहन क्षेत्र से ही उत्सर्जित होती है। यह स्थिति हमारे वातावरण और हमारे राज्य की पर्यावरण की सेहत के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही है। प्रदेश में बढ़ती पेट्रोल और डीजल वाहनों की संख्या, प्रदूषण का प्रमुख कारण बन रहा है। इससेे स्वच्छ पर्यावरण पर भारी दबाव पड़ता है, जो गंभीर चिंता का विषय है। इस बात को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ई-वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम पर्यावरण संरक्षण, वायु प्रदूषण को कम करने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में महत्त्वपूर्ण साबित हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने युवाओं के लिए 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना शुरू की है। राज्य सरकार ई-टैक्सी खरीद पर 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है और ये ई-टैक्सियां सरकारी विभागों, निगमों, बोर्डों व अन्य संस्थाओं में लगाई गई है। राज्य सरकार ने ई-टैक्सी योजना के तहत अब तक 50 ई-टैक्सियां सरकारी विभागों में अटैच की हैं और 10 मई से पहले 50 और ई-टैक्सी स्वीकृत की जाएंगीं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्वयं ई-वाहन का इस्तेमाल करता हूं। इस वर्ष सरकार ने 3000 पेट्रोल और डीजल वाहनों को ई-व्हीकल से बदलने का लक्ष्य रखा है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटकों सहित प्रदेश के लोगों को क्लीन और ग्रीन ट्रांसपोर्ट प्रदान करने के लिए सरकार चरणबद्ध तरीके से डीजल बसों को ई-बसों में बदल रही है। एचआरटीसी ने 412 करोड़ रुपये की लागत से 297 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के लिए टेंडर जारी किए हैं तथा 124 करोड़ रुपये की लागत से बस अड्डों पर चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित किए जा रहे हैं। इन ई-बसों की खरीद के अतिरिक्त वित्तीय वर्ष 2025-26 में 500 और ई-बसें खरीदी जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में छह ग्रीन कॉरिडोर स्थापित किए गए हैं तथा इन कॉरिडोर में सरकार 41 अतिरिक्त चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने जा रही है। वर्तमान सरकार ने ई-कमर्शियल व्हीकल की पंजीकरण पर रोड टैक्स में शत-प्रतिशत तथा स्पैशल रोड टैक्स में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की है पर्यावरण को संरक्षित करने के उद्देश्य से प्रदेश में संचालित सभी पेट्रोल व डीजल से चलने वाले ऑटो रिक्शा को केवल ई-ऑटो रिक्शा से बदला जा रहा है।