CHANDIGARH, 11.05.22-प्राचीन कला केन्द्र की 272वीं मासिक बैठक का आयोजन प्राचीन कला केन्द्र द्वारा आज सायं 6रू30 बजे केन्द्र के एम.एल.कौसर सभागार में एक विशेष नृत्य संध्या का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम द्वारा पंडित बिरजू महाराज परम्परा ने समरांजलि के माध्यम से पंडित बिरजू महाराज को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की । बिरजू महाराज को केन्द्र द्वारा 2011 में गुरू एम.एल.कौसर अवार्ड से नवाज़ा गया था ।
कार्यक्रम का आरंभ त्रिभुवन महाराज द्वारा एकल प्रस्तुति शिव स्तुति से किया गया जिसमें उन्होंने भगवान शिव के सुंदर रूप का वर्णन नृत्य के माध्यम से किया । ब्रज ताल पर आधारित पौने पांच मात्रा में एक रचना पर कत्थक प्रस्तुत किया गया । इसके पश्चात तीन ताल में पारम्परिक कत्थक नृत्य पेश किया गया । इनके साथ मंच पर राहुल विश्वकर्मा ने तबले पर,जयवर्द्धन दधीच ने गायन पर और जनाब वारिस खान ने सांरगी पर संगत की । इसके पश्चात रजनी महाराज द्वारा भरतनाट्यम में तकनीकी पक्ष पर आधारित तिल्लाना पेश किया गया ।
कार्यक्रम के अगले भाग में तीन युवा कलाकारों राहुल मोंगा,शैलजा पंचकस एवं तरण गर्ग द्वारा त्रिवट पेश किया गया । जो कि राग बहार पर आधारित था । इसके पश्चात त्रिभुवन महाराज और रजनी महाराज द्वारा युगल नृत्य जिसमें भरतनाट्यम और कत्थक की सुंदर जुगलबंदी पेश की गई । जाति आरोहन नामक इस प्रस्तुति में दोनों ने बेहद खूबसूरती से नृत्य,भाव और कला का प्रदर्शन करके दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया ।
कार्यक्रम के अंत में जयकिशन महाराज द्वारा बैठकी भाव प्रस्तुति किया गया । जिसमें कालका बिंदादीन महाराज एवं इस घराने की कुछ खास बंदिशों पर बैठकी भाव प्रस्तुत करके खूब तालियां बटोरी। इनके साथ मंच पर राहुल विश्वकर्मा ने तबले पर,जयवर्द्धन दधीच ने गायन पर और जनबा वारिस खान ने सांरगी पर संगत की ।
कार्यक्रम के अंत में केन्द्र की रजिस्ट्रार डॉ.शोभा कौसर ने कलाकारों को पुष्प देकर सम्मानित किया ।