चंडीगढ़, 23 सितंबर। इंतजार का फल मीठा होता है और परिश्रम कभी बेकार नहीं जाता। ये दोनों कहावतें राजेंद्र लितानी के जीवन पर एकदम सटीक बैठती हैं। जी, हां हम बात कर रहे हैं जननायक जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जिनको हरियाणा सरकार ने ‘हरियाणा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड’ का चेयरमैन नियुक्त किया है। जिस पद को पाने के लिए विधायक भी ऐड़ी उठाकर बाट देखते हैं, उस पद पर विराजमान होना, कहीं न कहीं लितानी की पार्टी के प्रति वफादारी व मेहनत को दर्शाता है। किसानी से चेयरमैनी तक के उनके सफर में बेशक कई हिचकोले आए परंतु वे पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के आदर्शों से तनिक भी टस से मस नहीं हुए। हिसार जिला के गांव लितानी में 24 दिसंबर 1958 को किसान श्री चतर सिंह के घर जन्मे राजेंद्र लितानी पर चौधरी देवीलाल की राजनैतिक कार्यशैली का गहरे तक प्रभाव पड़ा। हालांकि पढ़ाई में अच्छे होने के कारण वर्ष 1980 में वे सरकारी स्कूल में विज्ञान विषय के अध्यापक नियुक्त हो गए थे, परंतु उनके दिल-ओ-दिमाग में चौधरी देवीलाल की किसान व कमेरे वर्ग की चिंता को लेकर किए गए संघर्ष ने ऐसी हलचल मचाई कि वे सरकारी नौकरी छोड़कर चौधरी देवीलाल का हाथ थाम लिया और चल दिए ताऊ के साथ हरियाणा के गांव और गलियों को नापने।
छह भाई-बहनों में उम्र में सबसे छोटे राजेंद्र लितानी हरियाणा के उन चुनिदां लोगों में शुमार हैं जिन्होंने देवीलाल की चार पीढ़ियों के साथ राजनीति में काम किया है। इन्होंने कभी भी पार्टी में बड़े ओहदे की लालसा नहीं की, साधारण कार्यकर्ता से राजनैतिक सफर शुरू करने वाले राजेंद्र को हलका महासचिव का पद दिया गया था। इनके संगठन में किए गए कार्य की बदौलत फिर इनको हलका-प्रधान, जिला प्रधान और यहां तक कि ये पार्टी के पंचायतीराज प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष रहे हैं। इनेलो से अलग संगठन बनने पर जननायक जनता पार्टी में इनको मुख्य संगठन का प्रदेश संगठन सचिव का जिम्मा दिया गया, और वर्तमान में राजेंद्र लितानी राष्ट्रीय संगठन सचिव पद पर हैं।
राजेंद्र लितानी समाज के उन चंद व्यक्तियों में शामिल हैं जो सामाजिक संगठन व राजनैतिक संगठन में संतुलन बनाना बखूबी जानते हैं। जमीन से जुड़े होने के कारण वर्ष 1995 में इनको गांव वालों ने सरपंच बनाया। यही नहीं ये जानी-मानी सर्वजातीय बिनैण खाप के प्रवक्ता भी रहे हैं। जहां तक राजनैतिक संगठन की बात है ये जननायक जनता पार्टी के ख्यातिप्राप्त प्रोग्राम ‘हरी चुनरी चौपाल’ के प्रभारी रहे हैं, विधायक श्रीमती नैना चौटाला इस कार्यक्रम का नेतृत्व करती थी। जननायक जनता पार्टी को सत्ता की सीढ़ी तक पहुंचाने में इस कार्यक्रम का भी अहम योगदान माना जाता है। फिलहाल राजेंद्र लितानी के पास दादरी जिला का पार्टी प्रभारी का प्रभार भी है।
राजेंद्र की चौधरी देवीलाल के प्रति किस हद तक दीवानगी है, वह इस बात से पता चलती है कि इन्होंने अपने घर में चौधरी देवीलाल की मूर्ति लगाकर मंदिर बनाया हुआ है। इस मंदिर में ये सुबह-शाम जहां देशी घी का दीया जलाते हैं वहीं धूप-अगरबत्ती से इसमें महक बिखेरते हैं। देवीलाल को भगवान की तरह पूजने वाले राजेंद्र का कहना है कि ये उसी देवतुल्य इंसान का आशीर्वाद है कि वे आज जिस ‘हरियाणा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड’ के चेयरमैन बने हैं, उस पद पर सबसे पहले विराजमान होने वाले चौधरी देवीलाल ही थे। पहले चौधरी देवीलाल फिर डॉ अजय सिंह चौटाला और अब हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के विचारों से प्रभावित होकर ‘हरियाणा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड’ के चेयरमैन के मुकाम तक पहुंचने पर राजेंद्र लितानी ने जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय चौटाला, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, विधायक नैना चौटाला, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सरदार निशान सिंह, जेजेपी प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला सहित उन कार्यकर्ताओं का भी अपनी नियुक्ति के लिए आभार जताया है जिन्होंने उनके संघर्ष और परिश्रम का सम्मान किया है।