करनाल-09.10.22-। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने शासकीय कार्यों में पारदर्शिता के नए आयाम स्थापित किए हैं। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने ग्रामवासियों की पेंशन संबंधी समस्याओं और सवालों पर विमर्श करते हुए रेडियो ग्रामोदय के विशेष आयोजन ग्रामोदय वार्ता में यह टिप्पणी की।
उन्होंने कहा कि बुढ़ापा पेंशन बनाने की प्रक्रिया और उसका वितरण डिजिटलीकरण के कारण हर प्रकार की चोरी चकारी से मुक्त हुआ है। अब कोई कर्मचारी या मध्यस्थ किसी की पेंशन रिश्वत लेकर बनवा नहीं सकता, ना कोई किसी की पेंशन अपनी जेब में डाल सकता है
डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि पहले 60 वर्ष की आयु होने पर बुढ़ापा पेंशन के पात्र व्यक्ति को पेंशन शुरू कराने के लिए बेहिसाब दौड़-धूप करनी पड़ती थी। कई तरह के असामाजिक तत्व इस प्रक्रिया का लाभ सीधे-साधे लोगों को लूटने में उठाते थे। मगर अब परिवार पहचान पत्र में किसी भी हरियाणवी के 60 साल का होने पर और आमदनी के लिहाज से पात्र होने की स्थिति में पेंशन बनने की प्रक्रिया अपने आप चालू हो जाती है।