गौसदनों को स्वावलंबी बनाने के लिए बनाएंगे एक समग्र योजना: अमरजीत सिंह
गौसदनों के संचालकों के साथ बैठक के दौरान उपायुक्त ने दी जानकारी
सरकारी योजनाओं की कनवर्जेंस और आय के साधन विकसित करने पर दिया बल

हमीरपुर 06 सितंबर। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में संचालित किए जा रहे गौसदनों की वर्तमान स्थिति, इनमें ढांचागत विकास, बेसहारा पशुओं की समस्या और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए उपायुक्त अमरजीत सिंह ने शुक्रवार को यहां हमीर भवन में गौसदनों के संचालकों, पशुपालन विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की।
इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि पशुपालन विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिला में इस समय 28 गौसदन संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें लगभग 2285 पशु रखे गए हैं। इनमें से पंजीकृत 26 गौसदनों के लगभग 2071 पशुओं को गौसेवा आयोग के माध्यम से हर माह प्रति पशु 700 रुपये की दर लगभग 6 करोड़ रुपये की धनराशि दी जा चुकी है। इनके अलावा ढांचागत विकास के लिए भी अलग से धनराशि का प्रावधान किया गया है।
उपायुक्त ने कहा कि सभी गौसदनों के संचालक अच्छा कार्य कर रहे हैं और कुछ गौसदन आत्मनिर्भर भी हो चुके हैं, लेकिन अधिकांश गौसदनों के संचालन में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन दिक्कतों को दूर करके सभी गौसदनों को स्वावलंबी बनाने तथा इन्हें कृषि एवं इससे संबंधित गतिविधियों से जोड़ने के लिए एक समग्र परियोजना तैयार की जाएगी। इसमें सभी संचालकों के सुझाव भी शामिल किए जाएंगे।
अमरजीत सिंह ने कहा कि पशुपालन विभाग के अलावा ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, कृषि, उद्यान, वन विभाग और अन्य विभागों कीयोजनाओं की कनवर्जेंस से गौसदनों में ढांचागत विकास के साथ-साथ गौधन से आय के स्रोत भी पैदा किए जा सकते हैं। दुग्ध उत्पादन, गोमूत्र, गोबर गैस, पारंपरिक इंधन, केंचुआ खाद, प्राकृतिक खेती, चरागाहों एवं जलस्रोतों का विकास और अन्य गतिविधियों के माध्यम से गौसदनों को स्वावलंबी बनाने की संभावनाओं को भी इस परियोजना में शामिल किया जाएगा।
उपायुक्त ने सभी संचालकों से आग्रह किया कि वे अन्य गौसदनों की व्यवस्थाओं का भी अध्ययन एवं अवलोकन करें और आवश्यकतानुसार अपने गौसदन में लगातार सुधार की दिशा में कार्य करें। बैठक में बेसहारा पशुओं की समस्या पर भी व्यापक चर्चा की गई।
इस अवसर पर पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. अजय सिंह, सहायक निदेशक डॉ. देवेंद्र कतना, डॉ. सतीश शर्मा और अन्य अधिकारियों ने भी गौसदनों के संचालन के लिए सरकार की ओर से प्रदान की जा रही वित्तीय सहायता की जानकारी दी।

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हमीरपुर की आर्थिकी को बल दे सकता है दुग्ध उत्पादन: अमरजीत सिंह
जिला में प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन 2.25 लाख लीटर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया
सहकारी सभाओं और स्वयं सहायता समूहों को पशुपालन से जोड़ने के दिए निर्देश
प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार पशुपालकों को दिए जाएंगे दूध के अच्छे दाम

हमीरपुर 06 सितंबर। प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार जिला हमीरपुर में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने तथा पशुपालकों को दूध के अच्छे दाम सुनिश्चित करने के लिए उपायुक्त अमरजीत सिंह ने शुक्रवार को पशुपालन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, सहकारिता विभाग और मिल्क फैडरेशन के अधिकारियों के साथ बैठक की।
इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि जिला हमीरपुर में दुग्ध उत्पादन की काफी अच्छी संभावनाएं हैं और इससे जिला की आर्थिकी को बल मिल सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पशुपालकों को गाय और भैंस के दूध के उच्चतम दाम प्रदान करने की दिशा में तेजी से कार्य आरंभ कर दिया है। कांगड़ा जिले के ढगवार में लगभग 250 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किए जा रहे अत्याधुनिक दुग्ध संयंत्र से जिला हमीरपुर के पशुपालकों को भी काफी लाभ होगा। इसको देखते हुए जिला में अधिक से अधिक लोगों को दुग्ध उत्पादन से जोड़ने की दिशा में कार्य किया जाएगा तथा जिला में प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन को 2.25 लाख लीटर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उपायुक्त ने बताया कि वर्ष 2018-19 में हुई गणना के अनुसार जिला में 19,789 गाय और 97,246 भैंसें थीं। एक सर्वे के अनुसार जिला में इस समय प्रतिदिन लगभग 1.90 लाख लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है। अब जिला में एक सितंबर से पशुओं की गणना आरंभ कर दी गई है, जिसे 31 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।
उपायुक्त ने ग्रामीण विकास विभाग, सहकारिता विभाग और मिल्क फैडरेशन के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अधिक से अधिक लोगों, स्वयं सहायता समूहों और सहकारी सभाओं को पशुपालन से जुड़ने के लिए प्रेरित करें। पशुपालन विभाग के विशेषज्ञ इन स्वयं सहायता समूहों, सहकारी सभाओं और आम पशुपालकों को उत्तम नस्ल के दुधारू पशुओं की जानकारी प्रदान करने के लिए बड़े पैमाने पर शिविर आयोजित करें।
बैठक में पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. अजय सिंह, सहायक निदेशक डॉ. देवेंद्र कतना, डॉ. सतीश शर्मा, डॉ. सोनी और डॉ. हितेश ने जिला में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए एक व्यापक कार्य योजना का ब्यौरा प्रस्तुत किया। इस अवसर पर डीआरडीए की परियोजना अधिकारी अस्मिता ठाकुर, सहायक पंजीयक वीना भाटिया और मिल्क फैडरेशन के अधिकारी भी उपस्थित थे।

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कई बीमारियों से बचाता है पौष्टिक एवं संतुलित आहार’
पपलाह में महिलाओं और बच्चों को बताया पोषण का महत्व

भोरंज 06 सितंबर। महिला एवं बाल विकास विभाग ने शुक्रवार को ग्राम पंचायत पपलाह में पोषण माह के तहत एक जागरुकता शिविर आयोजित किया। ब्लॉक समन्वयक की अध्यक्षता में आयोजित किए गए इस शिविर में स्थानीय महिलाओं को पोषण के महत्व से अवगत करवाया गया।
इस अवसर पर भरेड़ी वृत्त की पर्यवेक्षक सरोज ठाकुर ने बताया कि स्वस्थ जीवन के लिए सही पोषण अत्यंत आवश्यक है। संतुलित एवं पौष्टिक आहार हमें कई गंभीर बीमारियों से बचाता है। विशेषकर, शिशुओं, किशोरियों और गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। सरोज ठाकुर ने बताया कि भोजन में पोषक तत्वों की कमी के कारण बच्चों में ठिगनापन, कम वजन, कुपोषण, खून की कमी एवं अनीमिया और अन्य गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
वृत्त पर्यवेक्षक ने बताया कि इन सभी समस्याओं के उन्मूलन के लिए ही पोषण अभियान आरंभ किया गया है और इस अभियान के तहत सितंबर महीने को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। शिविर में पोषण से संबंधित कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी दी गईं तथा पौष्टिक व्यंजनों एवं खाद्यान्नों की प्रदर्शनी भी लगाई गई।