बिलासपुर, 31 अक्तूबर 2024 - नगर नियोजन, ग्राम एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने अपने निवास स्थान घुमारवीं में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती और भारत की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी, कार्यकर्ता और क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर आयोजन को गरिमा प्रदान की।

सरदार पटेल के योगदान को किया नमन
मंत्री राजेश धर्माणी ने अपने संबोधन में सरदार पटेल की राष्ट्र निर्माण में भूमिका का स्मरण किया और उनके आदर्शों को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "सरदार पटेल का जीवन एकता, समर्पण और साहस का प्रतीक है। उन्होंने भारत की एकता सुनिश्चित की और हमें प्रेरणा दी कि कैसे देश के प्रति समर्पित होकर कार्य करना चाहिए।"

इंदिरा गांधी के योगदान की सराहना
राजेश धर्माणी ने इंदिरा गांधी को "भारत की लौह महिला" का सम्मान देते हुए उनके नेतृत्व को सशक्त और प्रभावशाली बताया। उन्होंने इंदिरा गांधी के बैंकों के राष्ट्रीयकरण और शाही परिवारों के प्रिवी पर्स को समाप्त करने के साहसिक कदमों का उल्लेख किया और बताया कि 1971 के बांग्लादेश युद्ध के बाद भाजपा नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें "देवी दुर्गा" की उपाधि दी थी। इसके अतिरिक्त, इंदिरा गांधी को 1999 में बीबीसी के सर्वेक्षण में 'वुमन ऑफ़ द मिलेनियम' के रूप में नामित किया गया था।

दीपावली की शुभकामनाएं और पर्यावरण संरक्षण का संदेश
मंत्री राजेश धर्माणी ने कार्यक्रम के दौरान दीपावली के पर्व पर सभी को शुभकामनाएं दीं और पर्यावरण के प्रति जागरूकता के साथ इस त्योहार को मनाने का आग्रह किया। उन्होंने सभी से अपील की कि इस दिवाली को समाज के हर वर्ग में खुशियों का प्रकाश फैलाने का संकल्प लें और भाईचारा, प्रेम और सद्भावना बनाए रखें।

क्षेत्र के विकास के प्रति प्रतिबद्धता
मंत्री राजेश धर्माणी ने इस अवसर पर क्षेत्र के समग्र विकास और जनता की सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की जाएंगी, जिनसे लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।

कार्यक्रम का समापन और संकल्प
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी लोगों ने सरदार वल्लभभाई पटेल और इंदिरा गांधी के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प लिया।