जिला प्रशासन ऊना की अवैध खनन पर कड़ी कार्रवाई, डीसी-एसपी ने की औचक छापेमारी

‘अवैध खनन के खिलाफ भविष्य में और भी कड़े कदम उठाएगा प्रशासन’

उपायुक्त बोले - किसी को बख्शा नहीं जाएगा
ऊना, 24 दिसंबर. ऊना जिला प्रशासन ने अवैध खनन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को सख्ती से लागू करने के उपक्रम में मंगलवार को जिले में औचक छापेमारी कर कड़ी कार्रवाई की। उपायुक्त जतिन लाल के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम ने मंगलवार को स्वां नदी क्षेत्र और इसके आसपास के इलाकों में यह कार्रवाई की। इस टीम में पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह और खनन अधिकारी नीरज कांत, खनन निरीक्षक पंकज कुमार तथा एसएचओ मैहतपुर मस्तराम नाइक समेत अन्य अधिकारी शामिल थे। प्रशासन ने अपनी करर्रवाई को अधिक सटीक और प्रभावी बनाने तथा खनन गतिविधियों की कड़ी निगरानी के लिए अत्याधुनिक ड्रोन तकनीक का भी इस्तेमाल किया। इस कार्रवाई के दौरान खानपुर, फतेहपुर, संतोषगढ़ और बथड़ी क्षेत्रों में 4 ट्रैक्टर समेत अन्य वाहन जब्त किए गए । इसमें संलिप्त व्यक्तियों पर भारी जुर्माना लगाने के साथ आगे कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
जतिन लाल ने कहा कि अवैध खनन के खिलाफ भविष्य में और भी कड़े कदम उठाए जाएंगे। रोजाना ड्रोन और पुलिस टीम की सहायता से संवेदनशील क्षेत्रों की गहन निगरानी की जाएगी। उपायुक्त ने कहा कि हिमाचल सरकार की अवैध खनन पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति है। ऊना जिला प्रशासन इस नीति को पूरी शिद्दत से लागू कर रहा है। हम सभी क्षेत्रों में इस तरह की कठोर कार्रवाई जारी रखेंगे। हमने साफ निर्देश दिए हैं कि ऐसी गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने जोर देकर कहा कि अवैध खनन एक गंभीर अपराध है, जिसके व्यापक दुष्प्रभाव हैं। इससे पर्यावरण को अपूरणीय क्षति और सरकारी राजस्व का नुकसान के साथ साथ स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र का विनाश और भूजल स्तर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
उपायुक्त ने सभी नागरिकों से अवैध खनन मुक्त ऊना बनाने के अभियान में सहयोगी बनने का अनुरोध किया है। उन्होंने आम जनता से अवैध खनन गतिविधियों की सूचना देने की अपील की। उन्होंने कहा कि जनता का साथ, सतर्कता और सहयोग अवैध खनन की पूर्ण रोकथाम में उपयोगी होगा।
वहीं, पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह ने कहा कि अवैध खनन से निपटने के लिए जिला पुलिस पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसमें कड़ी निगरानी और सख्त कार्रवाई की जा रही है, और आगे भी हम लगातार इस पर नजर रखेंगे। ड्रोन तकनीक के जरिए हम इन गतिविधियों को और सटीकता से मॉनिटर करेंगे, ताकि अपराधियों को कोई मौका न मिल सके। जिले में कानून से खिलवाड़ करने वालों से पूरी सख्ती से निपटा जाएगा।
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यौन उत्पीड़न अधिनियम और कानूनों बारे महिला अधिकारियों व कर्मचारियों को किया जागरूक

ऊना, 24 दिसम्बर। राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (नालसा) के निर्देशानुसार मंगलवार को डीआरडीए हॉल ऊना में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा महिलाओं के यौन उत्पीड़न (निवारण निषेध एवं निवारण अधिनियम 2013) पर ऊना ब्लॉक की महिला अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए कानूनी जागरूकता पर कार्यशाला आयोजित की गई। इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, ऊना की सचिव एवं अतिरिक्त मुख्य दंण्डाधिकारी अनिता शर्मा, वीपी हिमोत्कर्ष एवं अध्यक्ष स्थानीय शिकायत समिति दीपशिखा और जिला कार्यक्रम अधिकारी ऊना एवं सदस्य, स्थानीय शिकायत समिति नरेंद्र कुमार ने कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन के रूप में शामिल हुए।

कार्यशाला में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव अनिता शर्मा ने कार्यशाला में उपस्थित महिला अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सामान्य उत्पीड़न के प्रकारों में क्विड प्रो क्वो उत्पीड़न, शत्रुतापूर्ण कार्य वातावरण, मौखिक उत्पीड़न जैसे अनुचित टिप्पणियाँ और शारीरिक उत्पीड़न जैसे अवांछित शारीरिक संपर्क या इशारे और अंत में गैर-मौखिक उत्पीड़न की जानकारी सांझा की। उन्होंने पीड़ित पर भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और शारीरिक जैसे विभिन्न प्रभावों और संगठन पर इसके प्रभाव के बारे में भी मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि सुरक्षित कार्यस्थल को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए जैसे व्यक्तियों को बोलने और सहकर्मियों का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित करना, सम्मान और समानता की संस्कृति को बढ़ावा देना और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ शून्य-सहिष्णुता नीति को बढ़ावा देने के बारे में जागरूक किया।

उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के लिए नियमित प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने चाहिए जिसमें उन्हें यौन उत्पीड़न को पहचानने, रोकने और संबोधित करने के तरीके सिखाए जाएं। साथ ही प्रबंधकों और आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) के सदस्यों के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाने चाहिए जिसमें उन्हें अपनी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में भी जानकारी दी जा सके ।

अनीता शर्मा ने कानूनी सलाह और सेवाओं तक तत्काल पहुंच सुनिश्चित बनाने के लिए हेल्पलाइन नंबर (15100) को व्यापक रूप से प्रचारित करने के महत्व पर जोर दिया।
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