आवास प्लस मोबाइल एप्लीकेशन पर लाभार्थी स्वयं कर सकते हैं अपना सर्वे
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में किया जा रहा लाभार्थियों का सर्वेक्षण, 31 मार्च तक जारी रहेगी मुहिम
ऊना, 7 जनवरी. प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत सर्वेक्षण के लिए आवास प्लस मोबाइल एप्लीकेशन लांच की गई है। इस ऐप के जरिए हिमाचल प्रदेश में 31 मार्च 2025 तक पात्र लाभार्थियों का सर्वेक्षण किया जाएगा। यह जानकारी उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने दी।
उन्होंने बताया कि लाभार्थी एप्लीकेशन को गूगल प्ले स्टोर और पीएमएवाईजी डॉट एनआइसी डॉट आइएन पोर्टल से डाउनलोड करके स्वयं भी सर्वेक्षण कर आवेदन कर सकते हैं। सर्वे ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों स्तरों पर किया जा सकता है, जिसमें पूरे परिवार का डाटा दर्ज किया जाएगा साथ ही घर का जियो टैग भी किया जाएगा।
जतिन लाल ने बताया कि योजना में यदि कोई परिवार अथवा व्यक्ति पात्रता रखता है तो वह स्वयं अपना सर्वे उपरोक्त मोबाइल एप्लीकेशन से कर सकता है। इसमें चेहरा प्रमाणीकरण, आधार, ई-केवाईसी के माध्यम ये सर्वेक्षण किया जा सकता है। यदि वह परिवार पात्र पाया जाता है तो सत्यापन के उपरांत उसे भी पात्रता सूची में शामिल किया जाएगा। इस मोबाइल एप्लीकेशन से केवल एक मोबाइल नंबर से एक बार ही परिवार की पात्रता हेतू पंजीकरण किया जा सकता है। इसमें पंजीकरण करने वाले को अपने परिवार की संपूर्ण जानकारी देना जैसे की आधार संख्या, बैंक खाता संख्या अनिवार्य रहेगा।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा ऑफलाइन सर्वेक्षण के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर पूर्व में नामित/पंजीकृत सर्वेक्षक पात्र लाभार्थियों के घर जाकर इस मोबाइल एप्लीकेशन से चेहरा प्रमाणीकरण आधार ई-केवाईसी के माध्यम से सर्वे करेंगे । सर्वे के आधार पर ही पात्र लाभार्थियों को आगामी वर्षों में आवास स्वीकृत किए जाएंगे।
उपायुक्त ने बताया कि योजना के तहत जिन लोगों के पास तिपहिया/चौपहिया वाहन, किसान क्रेडिट कार्ड 50 हजार या इससे ज्यादा का हो, जिनके घर का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में हो, परिवार की मासिक आय 15 हजार से अधिक हो या ढाई एकड़ व इससे ज्यादा सिंचित भूमि अथवा 5 एकड़ से ज्यादा असिंचित भूमि, कृषि का तिपहिया या चौपहिया यंत्र, आयकर दाता, उद्यम आयकर दाता एवं सरकार के पास पंजीकृत गैर-कृषि उद्यम वाले परिवार इस सर्वेक्षण के लिए पात्र नहीं होंगे।
उन्होंने बताया कि योजना से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी पंचायत घर/विकास खण्ड अथवा जिला विकास कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।
=============================================
सुरक्षित निर्माण प्रेक्टिस पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
ऊना, 7 जनवरी। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ऊना और टाटा स्टील के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को जिला परिषद सभागार ऊना में अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पल गुर्जर की अध्यक्षता में भूकंप के खतरे वाले जोन 4 और 5 के मद्देनजर सुरक्षित निर्माण प्रेक्टिसिस को बढ़ावा देने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य भवन निर्माण और संरचनात्मक डिजाइनों में सुरक्षा मानकों की जागरूकता फैलाना था ताकि प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़ और अन्य खतरों के समय जनहानि और आर्थिक नुकसान को कम किया जा सके। भंकपरोधी भवन निर्माण को लेकर यह कार्यशाला पूरे प्रदेश में प्रथम कार्यशाला आयोजित थी।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि सुरक्षित निर्माण न केवल मानव जीवन को संरक्षित करता है, बल्कि समुदाय के लिए लंबे समय तक टिकाऊ विकास सुनिश्चित करता है। इसके साथ ही उन्होंने निर्माण कार्य में राष्ट्रीय भवन कोड और अन्य प्रासंगिक मानकों का पालन करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं भविष्य में आगे भी आयोजित की जानी चाहिए ताकि जिले में सुरक्षित और टिकाऊ निर्माण को बढ़ावा दिया जा सके।
कार्यशाला में कंक्रीट विशेषज्ञ चरणजीत सिंह और संरचना इंजीनियर के प्रमुख करनैल सिंह ने भूकंपरोधी भवन निर्माण के लिए प्रयोग की जाने वाली तकनीकों, उचित गुणवत्ता वाली सामग्री और निर्माण के समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण में सही तकनीक और सावधानियों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि किसी भी आपदा के समय होने वाले संभावित नुकसान को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण या किसी भी प्रकार के संरचनात्मक बदलाव से पहले विशेषज्ञ अभियंता से परामर्श अवश्य लें। इससे न केवल भवनों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान क्षति को कम किया जा सकेगा। इसके अलावा टाटा स्टील के विशेषज्ञ सचिन कुमार ने भूकंपरोधी भवन निर्माण में ग्रेडिंग के मुताबिक प्रयोग में लाई जाने वाली स्टील के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी उपलब्ध करवाई।

इस अवसर पर गुरु नानक देव इंजीनियरिंग कॉलेज, लुधियाना (कंक्रीट विशेषज्ञ)प्रो. चरणजीत सिंह, प्रमुख, संरचना इंजीनियरिंग, करनैल सिंह, बिक्री प्रबंधक टाटा स्टील प्राइवेट लिमिटेडसचिन कुमार, अनिल नरयाल टाटा स्टील प्राइवेट लिमिटेड प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण समन्वयक डीडीएमए राजन कुमार शर्मा तथा जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, इंजीनियर, ठेकेदार, आर्किटेक्ट्स, और तकनीकी विशेषज्ञ उपस्थित रहे।