राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेले का भव्य शुभारंभ, मंत्री राजेश धर्मानी ने की बैल पूजन के साथ शुरुआत
नलवाड़ी मेले को अंतरराष्ट्रीय स्तर का दर्जा दिलाने के लिए मुख्यमंत्री से करेंगे अनुरोध
घुमारवीं में होगी डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना
बिलासपुर, 17 मार्च। ऐतिहासिक राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेले का भव्य शुभारंभ गोबिंद सागर झील के किनारे स्थित लुहणू मैदान में हुआ। नगर नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्मानी ने मेले का औपचारिक उद्घाटन किया। यह मेला 23 मार्च तक चलेगा, जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक, व्यापारिक और कृषि गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यह मेला स्थानीय अर्थव्यवस्था, पर्यटन और पशुपालन को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने कहा कि यह मेला इस वर्ष 136वें साल में प्रवेश कर गया है, जो इसकी ऐतिहासिकता और जनसमर्थन का प्रमाण है।
मेले का शुभारंभ परंपरागत रीति-रिवाजों के अनुसार श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर से लुहणू मैदान तक निकाली गई भव्य शोभायात्रा के साथ हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु और स्थानीय नागरिक शामिल हुए। बैंड-बाजों, पारंपरिक परिधानों और सजीव झांकियों के साथ निकली इस शोभायात्रा ने पूरे शहर का ध्यान आकर्षित किया। शोभायात्रा के पश्चात, मुख्य अतिथि मंत्री राजेश धर्मानी ने खूंटा गाड़कर बैल पूजन किया, जिससे मेले की विधिवत शुरुआत हुई। इस दौरान उन्होंने विभिन्न विभागों और संस्थानों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया।
मंत्री राजेश धर्मानी ने कहा कि नलवाड़ी मेला केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, लोक परंपराओं और सामाजिक एकता का प्रतीक है। यह मेला स्थानीय व्यापार, पशुपालन, पर्यटन और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के साथ-साथ कहलूर के नाम से प्रसिद्ध बिलासपुर जिले की पहचान को सहेजने का भी महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने कहा कि यह मेला न केवल कृषि और पशुपालन को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करता है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाता है।
मंत्री धर्मानी ने घोषणा की कि वे मेले के समापन समारोह के दौरान मुख्यमंत्री से इस मेले को अंतरराष्ट्रीय स्तर का दर्जा देने की मांग करेंगे, ताकि यह वैश्विक पर्यटन और व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र बन सके। इससे न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान मिलेगी।
सरकारी विभागों की प्रदर्शनी का उद्घाटन
इससे पूर्व मुख्यातिथि ने सरकारी विभागों द्वारा अपनी विभिन्न उपलब्धियों के संदर्भ में लगाई गई विकास-प्रगति की प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया।
इस अवसर पर मंत्री राजेश धर्मानी ने प्रदेश सरकार द्वारा किसानों, युवाओं और व्यापारियों के लिए बजट में की गई घोषणाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार ने दुग्ध उत्पादकों को लाभ पहुंचाने के लिए दूध का समर्थन मूल्य छह रुपये प्रति लीटर बढ़ाया है, जबकि दो किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित कलेक्शन सेंटर तक दूध पहुंचाने वाले किसानों को अतिरिक्त दो रुपये प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। जैविक गेहूं उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को दो हजार रुपये प्रति क्विंटल का अतिरिक्त समर्थन मूल्य दिया जाएगा, वहीं मक्के का समर्थन मूल्य भी तीन हजार रुपये से बढ़ाकर चार हजार रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
युवाओं और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर 40 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, पंजीकृत संस्थाओं द्वारा किए गए पौधारोपण को छह लाख 30 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, बशर्ते वे पौधों की देखभाल पांच वर्षों तक सुनिश्चित करें। तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में शीघ्र ही M.Tech की कक्षाएं शुरू की जाएंगी, जबकि श्री नैना देवी मंदिर परिसर में 100 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक कन्वेंशन सेंटर स्थापित किया जाएगा। वहीं, घुमारवीं में एक डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी, जिससे युवाओं को उद्यमिता और स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे।
राजस्व वृद्धि और आधारभूत संरचना विकास की दिशा में प्रदेश सरकार ने इस वर्ष तीन हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व संग्रहण लक्ष्य प्राप्त किया है, जिससे विभिन्न विकास परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जाएगा।
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राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का सात दिवसीय शिविर शुरू
बिलासपुर, 17 मार्च – राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेले के अंतर्गत लुहणु मैदान, बिलासपुर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर द्वारा सात दिवसीय विधिक जागरूकता शिविर स्थापित किया गया। इस शिविर का उद्घाटन प्रातः 9:15 बजे वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, अक्षी शर्मा, अध्यक्ष, उपमंडलीय विधिक सेवा समिति, बिलासपुर के कर कमलों द्वारा किया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने बताया कि इस स्टॉल का मुख्य उद्देश्य आम जनता को विभिन्न कानूनी अधिकारों और निःशुल्क विधिक सेवाओं की जानकारी प्रदान करना है। शिविर में प्रतिदिन जिला अधिवक्ता, पैरा-लीगल वॉलंटियर्स एवं अन्य कर्मचारी मौजूद रहेंगे, जो घरेलू हिंसा, दहेज प्रथा, बाल श्रम, बाल विवाह, नशा मुक्ति एवं अन्य कानूनी विषयों पर जागरूकता बढ़ाएंगे। साथ ही, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) की विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी भी प्रदान की जाएगी।
इसके अतिरिक्त, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर द्वारा "DLSA, Bilaspur" नाम से एक यूट्यूब चैनल संचालित किया जा रहा है, जिस पर पिछले तीन वर्षों में विधिक जानकारी से संबंधित लगभग 45 वीडियो उपलब्ध कराए गए हैं। ये वीडियो स्टॉल में भी प्रदर्शित किए जाएंगे, जिससे लोग कानूनी प्रक्रियाओं को आसानी से समझ सकें।
उद्घाटन अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के सचिव एवं वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश प्रतीक गुप्ता, मोबाइल ट्रैफिक मजिस्ट्रेट राघव गुप्ता, अधिवक्तागण तथा जिला न्यायालय के कर्मचारी उपस्थित रहे।