सिरसा। हरियाणा ग्रन्थ अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष और शिक्षाविद डॉ.वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होना सब प्रकार से देश के हित में है। एक देश एक चुनाव विधेयक पारित कर के संसद को यथाशीघ्र प्रस्तावित सुधारों को धरातल पर उतारना चाहिए। डॉ. चौहान ‘एक देश एक चुनाव’ विषय पर सिरसा नगर परिषद की प्रथम बैठक में पार्षदों से संवाद कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि नगर परिषद ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष शांति स्वरूप वाल्मीकि की अध्यक्षता में अपनी पहली ही बैठक में इस संबंध में एक संकल्प पारित करते हुए राष्ट्रपति महोदय को भेजने का निर्णय आम सहमति से अंगीकार किया।
डॉ. चौहान ने कहा कि चुनाव सुधार वक़्त की दरकार है और इस विषय पर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर बिना तकरार आम राय बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा की अलग अलग चुनाव होने से विधानसभा और लोकसभा चुनावों पर आने वाला कुल ख़र्च कई गुणा बढ़ जाता है और यह आखिरकार करदाता नागरिकों को ही चुकता करना होता है। एक देश एक चुनाव के कारण बचने वाला हज़ारों करोड़ रुपया देश के विकास और ग़रीब कल्याण के कार्यों में खर्च हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि अलग अलग चुनाव होने के कारण सरकारी मशीनरी और नीति निर्माता आदर्श चुनाव संहिता के बंधन में फँस कर रह जाते हैं और विकास का पहिया महीनों महीनों के लिए ठहर कर रह जाता है। इससे नागरिकों को असुविधा भी होती है और उनका व्यापक अहित भी होता है।
डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने एक देश एक चुनाव के विरोध में दी जाने वाली दलीलों को आधारहीन और कोरी राजनीतिक कयास बाजियाँ क़रार दिया। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित नई व्यवस्था से न तो राज्यों के अधिकार कम होंगे और न ही किसी अन्य मायने में भारत के संघीय ढांचे पर कोई प्रतिकूल असर पड़ेगा क्योंकि यह कार्य पूरी तरह संवैधानिक पद प्रक्रियाओं के अंतर्गत ही सिरे चढ़ाया जाएगा।
इस अवसर पर नगर परिषद अध्यक्ष शांति स्वरूप वाल्मीकि ने प्रोफ़ेसर वीरेंद्र सिंह चौहान का नगर परिषद के निमंत्रण पर पार्षदों से रूबरू होने के लिए आभार जताया। उन्होंने पार्षदों का आवाहन किया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक देश एक चुनाव की पहल के समर्थन में एकजुट हों। पार्षद उमा शर्मा ने भी एक देश एक चुनाव के पक्ष में दलीलें दी।