सरकार नए-नए कानून बनाकर व्यापारी व उद्योगपतियों को तंग करने में लगी हुई है- बजरंग गर्ग
सरकार ने खाद्य, बीज, कीटनाशक विक्रेताओं पर 3 साल तक की सजा का जो कानून बनाया उससे प्रदेश के व्यापारियों में बड़ा भारी रोष है- बजरंग गर्ग
सरकार ने व्यापारियों को सजा देने वाला कानून वापिस नहीं लिया तो व्यापार मंडल हरियाणा बन्द करके सड़कों पर अंदोलन करेगा- बजरंग गर्ग
हिसार, 09.04.25- व्यापारी प्रतिनिधियों की एक आवश्यक मीटिंग हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग की अध्यक्षता में हुई। बजरंग गर्ग ने उपस्थित व्यापारी प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि खाद्य, बीज, कीटनाशक विक्रेताओं की समस्या सुनने के उपरांत कहा कि सरकार नए-नए कानून बनाकर व्यापारी व उद्योगपतियों को तंग करने में लगी हुई है। सरकार ने खाद्य, बीज, कीटनाशक विक्रेताओं पर 3 साल तक की सजा जो कानून बनाया है उससे प्रदेश के व्यापारियों में बड़ा भारी रोष है अगर सरकार ने व्यापारियों को सजा देने वाला कानून वापिस नहीं लिया तो व्यापार मंडल हरियाणा बन्द करके सड़कों पर अंदोलन करेगा। हरियाणा खाद्य, बीज, कीटनाशक दवाईयों के हर अंदोलन में व्यापार मंडल मजूबती के साथ खड़ा है। बजरंग गर्ग ने कहा कि व्यापारियों पर 6 महीने से 3 साल तक की सजा कानून बनाना व 50 हजार रुपए से 3 लाख रुपए तक का जुर्माना का जो कानून बनाया है वह सरासर गलत है। व्यापार मंडल नकली समान बेचने वालों के सख्त खिलाफ है। सरकार नकली समान बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें। व्यापार मंडल सरकार के साथ है मगर गलत कानून बनाकर व्यापारी व उद्योगपतियों को नाजायज तंग करना उचित है। ऐसे क़ानूनों से प्रदेश में पहले से कही ज्यादा भ्रष्टाचार बढ़ेगा। हरियाणा में सरकारी अधिकारी व्यापारियों का सैंपल भरने के नाम पर मंथली ले रहे है। ऐसे में 24 घंटे सैंपल लेने वाले अधिकारी व पुलिस विभाग के अधिकारी व्यापारियों पर जुटा मुकदमा दर्ज का डर दिखाकर मोटे पैसें वसूलने का काम करेगें। बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार ने अब तो सजा का कानून खाद्य, बीज, कीटनाशक विक्रेताओं पर लागू किया है आगे सरकार यही कानून सभी ट्रेंड के व्यापारियों पर लागू करेगी। हरियाणा में पहले ही व्यापार व उद्योग पीछडा हुआ है। सरकार की गलत नीतियों से हरियाणा में व्यापार व उद्योग ठप्प हो जाएगा। सरकार को व्यापारी, उद्योगपति, किसान, कर्मचारी, मजदूर आदि के ऊपर कोई भी कानून बनाने से पहले संबंधित ट्रेंड के प्रतिनिधियों से विचार करके ही नया नियम लागू करना चाहिए ताकि किसी प्रकार का कोई विवाद ना रहें।