*मंडी में वनों को आग से बचाने की तैयारियों पर उच्च स्तरीय बैठक आयोजित, उपायुक्त ने की समीक्षा
*वनों की रक्षा हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी- अपूर्व देवगन

मंडी, 21 अप्रैल। गर्मियों के मौसम में वनों में आग लगने की बढ़ती संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सोमवार को उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में जिला मुख्यालय में एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में वनों में आग की संभावनाओं और उससे निपटने की रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में वन, राजस्व, आपदा प्रबंधन, अग्निशमन, लोक निर्माण, जल शक्ति, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि और बागवानी विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
उपायुक्त ने कहा कि बैठक का मुख्य उद्देश्य वनों को आग से बचाने के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा करना और विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि वनों की रक्षा हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में तत्परता से निगरानी रखें और स्थानीय जनभागीदारी के माध्यम से वनों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
इस दौरान उपायुक्त ने जंगलों में चीड़ की पत्तियों की सफाई, अत्यधिक संवेदनशील जंगल क्षेत्रों में फायर लाइन (आग की रोकथाम के लिए खाली पट्टी) का निर्माण, जल संग्रहण के लिए मनरेगा सेल्फ, फायर हाइड्रैंट, सतर्कता दलों का गठन, स्थानीय भागीदारी के लिए ग्राम पंचायतों, स्वयंसेवी संगठनों को सक्रिय रूप से शामिल करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने, आग की रोकथाम के लिए तकनीकी सहायता, वन मित्रों और सर्व स्वयंसेवियों को वन विभाग के साथ समन्वय स्थापित करने, जल संसाधनों का लेखा-जोखा तैयार करने की समीक्षा की।
बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी डॉ. मदन कुमार और एक्सईएन जल शक्ति राज कुमार सैनी, लोक निर्माण डी.आर. चौहान सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
अधिकारी और कर्मचारी सहायता के लिए बाध्य
बैठक में उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे फील्ड स्तर पर सजग रहें और आग की किसी भी घटना की सूचना मिलते ही तुरंत प्रभावी कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि भारतीय वन अधिनियम की धारा 79 के अनुसार सरकार से वेतन पाने वाले सभी अधिकारी व कर्मचारी वनों को आग से बचाने तथा वन अपराध रोकने के लिए वन विभाग तथा पुलिस की सहायता के लिए बाध्य हैं।
जंगलों में आग लगाने पर सजा का है प्रावधान
उपायुक्त ने कहा कि वनों की आग से केवल पेड़ों को ही नहीं, बल्कि वन्य जीवों को भी भारी नुकसान होता है। आग लगने से अनेक छोटे-बड़े जीव-जंतुओं की अकाल मृत्यु हो जाती है और उनका प्राकृतिक आवास नष्ट हो जाता है। उन्होंने कहा कि जंगल में आग लगाने पर भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 व 33 के अनुसार पकडे़ जाने पर अपराधी को 2 साल का कारावास तथा 500 रुपये जुर्माना किया जा सकता है।

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एफसीए प्रस्तावों की समीक्षा हेतु बैठक का आयोजन
17 मार्च 2023 से अब तक विभिन्न विभागों के कुल 24 एफसीए प्रस्तावों को मिल चुकी है अंतिम मंजूरी- अपूर्व देवगन
मंडी, 21 अप्रैल। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में सोमवार को मंडी में वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के अंतर्गत लंबित प्रस्तावों की समीक्षा के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारियों और वन विभाग के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक में कुल 64 एफसीए मामलों पर बिंदुवार चर्चा की गई, जिनमें 40 प्रस्ताव परिवेश 1.0 पोर्टल से और 24 प्रस्ताव परिवेश 2.0 पोर्टल से संबंधित थे। इन मामलों में न्याययिक परिसरों, सड़कों, भवनों, और अन्य हाईडल परियोजनाओं से जुड़े प्रस्ताव शामिल थे।
इसके अतिरिक्त ऐसे 25 प्रस्तावों पर भी चर्चा की गई जिन्हें विगत 5 से 10 वर्षों से स्टेज-1 (सैद्धांतिक) का अनुमोदन मिल चुका है, किंतु वे अभी तक स्टेज-2 (अंतिम) अनुमोदन के लिए लंबित हैं। उन्होंने अधिकारियों को इन लंबित मामलों की मंजूरी के लिए शीघ्रता से प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए।
उपायुक्त ने इस दौरान बताया कि करसोग वन मंडल के अंतर्गत मणिमहेश इंटरप्राइजेज द्वारा बनाए जाने वाले विद्युत परियोजना को अंतिम स्वीकृति मिल गई है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 17 मार्च 2023 से लेकर अप्रैल 2025 तक विभिन्न विभागों के कुल 24 एफसीए प्रस्तावों को अंतिम मंजूरी मिल चुकी है।
बैठक में सचिव, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण विवेक कायस्थ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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जल का विवेकपूर्ण उपयोग कर करें जल संकट से निपटने में प्रशासन का सहयोग- अपूर्व देवगन
गर्मियों में संभावित जल संकट से निपटने को लेकर आयोजित बैठक में उपायुक्त ने की जनता से अपील
मंडी, 21 अप्रैल। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में आज उपायुक्त कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें आगामी गर्मियों के मौसम में संभावित जल संकट और उससे निपटने की तैयारियों की समीक्षा की गई।
उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे गर्मियों के दौरान लोगों को पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पहले से पुख्ता इंतजाम करें। उन्होंने कहा कि जहां जल स्रोतों में कमी की संभावना है वहां पर जल स्रोतों की सफाई एवं मरम्मत आदि पर विशेष ध्यान दें। बैठक में जल शक्ति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्षा होने से वर्तमान समय में कहीं पर पानी की समस्या नहीं है।
उपायुक्त ने अधिकारियों से सभी पंचायतों और शहरी क्षेत्रों में जल आपूर्ति की नियमित निगरानी करने और किसी भी शिकायत का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जनता से भी अपील की कि वे जल का विवेकपूर्ण उपयोग करें और जल संरक्षण में प्रशासन का सहयोग करें।
बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी डॉ मदन कुमार, अधिशासी अभियंता जल शक्ति विभाग राज कुमार सैणी सहित राजस्व विभाग, ग्रामीण विकास, बागवानी, कृषि, आपदा प्रबंधन सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।