चंडीगढ़, 25.11.25- — भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ प्रदेश के अध्यक्ष जितेंद्र पाल मल्होत्रा ने कहा कि चंडीगढ़ की जनता आज कांग्रेस पार्टी से यह स्पष्ट जवाब चाहती है कि आखिर शहर को लेकर उसका असली रुख क्या है। लेकिन कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं—लोकसभा सांसद मनीष तिवारी और चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह लकी—के एक-दूसरे से बिल्कुल उलट बयानों ने जनता में गहरा भ्रम पैदा कर दिया है और यह साफ कर दिया है कि कांग्रेस के पास चंडीगढ़ को लेकर कोई एकमत नीति है ही नहीं।

उन्होंने कहा कि एक ओर मनीष तिवारी लगातार यह बयान दे रहे हैं कि चंडीगढ़ को पंजाब को सौंप दिया जाना चाहिए, जबकि दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह लकी का ताज़ा बयान यह कहता है कि चंडीगढ़ को यूनियन टेरिटरी (यूटी) का दर्जा ही बरकरार रहना चाहिए। ये दोनों बयान न केवल एक-दूसरे से मेल नहीं खाते, बल्कि कांग्रेस की अंदरूनी असहमति, नेतृत्वहीनता और राजनीतिक अवसरवाद को उजागर करते हैं।

जितेंद्र पाल मल्होत्रा ने कहा कि चंडीगढ़ जैसे राष्ट्रीय महत्व के शहर को लेकर कांग्रेस की यह दोहरी राजनीति जनता की भावनाओं से खिलवाड़ है। चंडीगढ़ कोई राजनीतिक सौदेबाज़ी की वस्तु नहीं है, बल्कि 12 लाख से अधिक नागरिकों का घर है, और इसकी पहचान पर इस प्रकार की बयानबाज़ी बेहद गैर-जिम्मेदाराना है। क्या कांग्रेस पंजाब को खुश करने के लिए तिवारी की लाइन पर चल रही है, या फिर यूटी दर्जा बनाए रखने की लकी की लाइन सही है? यदि कांग्रेस के अंदर ही यह स्पष्ट नहीं है कि पार्टी किस दिशा में जा रही है, तो जनता का विश्वास कैसे बनेगा?

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस आज तक चंडीगढ़ के भविष्य को लेकर कोई लिखित, ठोस और स्पष्ट नीति पेश नहीं कर पाई। दो नेताओं के दो अलग बयान यह साबित करते हैं कि कांग्रेस के लिए चंडीगढ़ सिर्फ चुनावी मुद्दा है, न कि लोगों की भावनाओं और हितों का विषय।

भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ प्रदेश के अध्यक्ष जितेंद्र पाल मल्होत्रा ने कांग्रेस से मांग की कि वह तुरंत यह स्पष्ट करे कि चंडीगढ़ को लेकर उसका आधिकारिक रुख क्या है—क्या तिवारी सही हैं या लकी? और क्या कांग्रेस चंडीगढ़ की जनता के साथ ईमानदारी से खड़ी है या सिर्फ राजनीतिक भ्रम फैलाने में जुटी है?

उन्होंने कहा कि इसके विपरीत भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ की स्थिरता, पहचान, सुरक्षा और विकास के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है और किसी भी हालत में चंडीगढ़ की जनता के हितों से समझौता नहीं होने देगी।