चण्डीगढ़ 02 जूनः नन्हे मुन्ने बच्चों द्वारा अनेक भाषाओं का सहारा लेते हुए प्यार, नम्रता, करूणा, दया, सहनशीलता को अपनाने व इन्सानियत के रास्ते पर चलना ही हर इन्सान का कर्तव्य है, का संदेश दिया गया है. इन गुणों को अपनाने के लिए आयु का कोई सम्बन्ध नहीं होता इसलिए इन बच्चों की ज़बान चाहे तोतली थी इनकी आयु भी कम थी लेकिन इनके द्वारा अनेक रूपों में दिए गए सन्देश सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज द्वारा दी जा रही शिक्षाओं से भरपूर थे, ये उद्गार यहां सैक्टर 30-ऐ में स्थित सन्त निरंकारी सत्संग भवन में हुए एरिया सैक्टर-45 के बाल समागम की अध्यक्षता करते हुए स्थानीय संयोजक श्री नवनीत पाठक जी ने व्यक्त किए ।
इस बाल समागम मे बच्चों ने गीत, कविता, कव्वाली, स्किट आदि कई तरह की आईटम पेश की जिसके लिए बच्चे कई दिनों से तैयारी में जुटे थे । बच्चों द्वारा पेश की गई हर आईटम़ से केवल बच्चों को ही नहीं बल्कि बड़ों को भी निरंकारी मिशन के सिद्धान्त, गुरमत व इन्सानियत के मार्ग पर चलने के बारे में जानकारी हासिल हुई ।
श्री नवनीत पाठक जी ने कहा कि आज के बच्चे कल के राष्ट्र निर्माता हैं। यदि बच्चों में बचपन से ही झुकने के मार्ग व सहनशीलता व इन्सानियत के मार्ग पर चलाया जाए तो बड़े होकर यही बच्चे न केवल माता-पिता की सेवा करेंगे बल्कि एक आदर्श नागरिक बन कर समाज व देश के भी सेवक सिद्ध होंगे ।
इस अवसर पर श्री एन. के. गुप्ता जी जी मुखी सेक्टर 45 एरिया, ने चंडीगढ़ के संयोजक, ज़ोनल इंचार्ज और सभी एरिया के आए हुए मुखियों, बच्चों और साध संगत का धन्यवाद किया.