Hisar, 15.07.24-हरियाणा में विधानसभा चुनाव बस आये ही आये और सभी राजनीतिक दल अपनी अपनी बिसात बिछाने में जुट गये हैं । भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा बदला, यह भी एक शतरंज की चाल जैसा था । यह चाल आधी सीटें ही भाजपा को दिलवा पाई । अग्नि वीर योजना, किसान आंदोलन व प्रापर्टी टैकस, पोर्टल , भ्रष्टाचार और विकास भाजपा के जी का जंजाल बने रहे और इनकी सज़ा जजपा को भी भुगतनी पड़ी ! दोनों दलों को गांवों में भारी विरोध का सामना करना पड़ा । इनेलो व जजपा एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत पाईं, पारिवारिक बिखराव का परिणाम भी झेलना पड़ा । पहले कांग्रेस का गठबंधन आप से था लेकिन कुरूक्षेत्र से सुशील गुप्ता हारे तो गठबंधन भी टूट गया । अब इनेलो बसपा का तीसरा मोर्चा सामने आया है तो समाजवादी पार्टी भी कांग्रेस से हरियाणा में पांच सीटें मांग रही है गठबंधन में ! इस तरह नये गठबंधन देखने को मिलेंगे इस बार हरियाणा के चुनाव में !
कांग्रेस ने वादों का अम्बार लगाना शुरू कर दिया है । कार्यकर्त्ता सम्मेलनों में नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा वादे कर रहे हैं -पांच सौ रुपये में रसोई गैस सिलेंडर, तीन सौ यूनिट बिजली फ्री, छह हज़ार रुपये वृद्धावस्था पेंशन और सौ सौ गज़ के प्लाॅट गरीबी रेखा से नीचे वालों को ! इसके साथ ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होगी ! ये काम पहली कलम से ही होंगे, जैसे कभी चौ बंसीलाल ने शराबबंदी को पहली कलम से ही लागू करने की बात कही थी और मुख्यमंत्री बन गये थे। शराबबंदी भी लागू कर दी लेकिन कामयाबी नहीं मिली ! वही शराबबंदी उनको ले डूबने के कारणों में से एक रही ! विपक्ष का काम है लोकलुभावन वादे करना ! सत्ता का काम है न केवल रोटी, कपड़ा और मकान बल्कि सुरक्षा भी प्रदान करना ! कहा जाता है कि हमारा राज ऐसा होगा कि कोई भी महिला गहने पहन कर आधी रात भी घर से निकल सकती है पर वह रामराज कभी आता नहीं ! यहां तो भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी के भाई के घर भी चोरी होने के समाचार आ रहे हैं तो फिर आधी रात की बात कौन करे ! हांसी और बहादुरगढ़ में विपक्षी नेताओं की दिनदहाड़े हत्याये़ सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा रही हैं। हिसार में व्यापारियों से फिरौती वसूली के लिए धमकियां भी चिंताजनक हैं। कह रहे हैं यह सब भाऊ गैंग कर रहा था, इसके शूटरों को पकड़ने में सफलता मिली है । राम भला करे ! रब्ब खैर करे !!
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस जनता के सुझाव लेकर ही घोषणापत्र बनाने की कह रही है । यही नहीं हरियाणा सरकार से पिछले दस साल का हिसाब भी मांगने जा रही है । इस तरह हिसाब दो, जवाब दो, कार्यक्रम भी शुरू होने जा रहा है ! यह शतरंज के खेल जैसा है भैया! जाने कौन सी चाल, कब रंग बदल दे पूरे खेल का !
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी
9416047075