ऊना, 12 सितंबर. पेरिस पैरालंपिक में रजत पदक जीतकर देश का मान बढ़ाने वाले स्टार पैरा एथलीट निषाद कुमार का शुक्रवार को गृह जिला ऊना पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। जिला प्रशासन की ओर से जिला खेल एवं युवा सेवाएं अधिकारी उत्तम डोड ने इंदिरा गांधी खेल स्टेडियम परिसर में उनका स्वागत किया।
निषाद कुमार के साथ उनके पिता रशपाल सिंह, माता पुष्पा देवी, बहन रमा देवी और कोच नदीम अहमद भी मौजूद थे।
25 वर्षीय निषाद कुमार ऊना जिले की अंब तहसील के ग्राम पंचायत अंदौरा के बदाऊं गांव के रहने वाले हैं।
निषाद ने इस अवसर पर कहा कि उन्हें प्रदेश को लगातार दूसरी बार पैरालंपिक में रजत पदक दिलाने की खुशी है। उन्होंने लोगों के साथ और दुआओं के लिए सभी का आभार जताया। निषाद ने कहा कि उन्होंने तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। आगे भी वे पूरी मेहनत के साथ तैयारी जारी रखेंगे।
*पेरिस पैरालंपिक में निषाद कुमार की ऐतिहासिक उपलब्धि
उल्लेखनीय है कि निषाद कुमार ने हाल ही में पेरिस में आयोजित पैरालंपिक खेलों में ऊंची कूद (टी-47) स्पर्धा में रजत पदक जीता है। यह उनकी लगातार दूसरी पैरालंपिक स्पर्धा में रजत पदक जीतने की उल्लेखनीय उपलब्धि है। 2021 के टोक्यो पैरालंपिक में भी उन्होंने इसी स्पर्धा में रजत पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया था।
बता दें, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने फिर से बधाई देते हुए कहा ‘निषाद कुमार ने हिमाचल प्रदेश और देश का नाम ऊंचा किया है। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने यह साबित कर दिया है कि कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। उनकी यह उपलब्धि प्रदेश के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है। राज्य सरकार खेलों के विकास के लिए हमेशा तत्पर है और खिलाड़ियों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी ताकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर सकें।’
वहीं, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने निषाद कुमार को पुनः बधाई दी और उनकी सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा ‘निषाद की यह जीत हमें सिखाती है कि अगर मन में दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास हो, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। निषाद ने अपने प्रदर्शन से पूरे देश को गौरवान्वित किया है। उनकी सफलता युवाओं को कठिन परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।’
उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने निषाद कुमार की इस अद्वितीय उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा, ‘निषाद ने अपने प्रदर्शन से हर ऊनावासी का सिर गर्व से ऊंचा किया है। उनकी उपलब्धि युवाओं को कड़ी मेहनत और समर्पण के महत्व को समझने में मदद करेगी और उन्हें अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।’