किसान, खाद, पानी और आत्महत्या -कमलेश भारतीय
November 08, 2024 01:25 PM
HISAR.08.11.24-किसान का जीवन परेशानियों भरा रहता है। अभी तो साल से ऊपर कृषि कानूनों के विरोध में एक साल से लम्बा धरना दिया, जिसमें सात सौ के लगभग किसानों की जाने भी गयीं । लम्बे संघर्ष के सामने केंद्र सरकार झुकी लेकिन एमसपी का मसला अधर में ही रह गया । किसान एक न एक समस्या से जूझता ही रहता है, कभी खराब मौसम तो कभी ओलावृष्टि तो कभी सूखे की मार झेलता है किसान ! सिंचाई जल नहीं मिलता। नहरें खाली मिलती हैं । बिजली आपूर्ति कम रह जाती है ।
इन दिनों सबसे बड़ी समस्या है गेहूं की बिजाई के लिए डीएपी खाद की और इसे पाने के लिए किसान शहर दर शहर परेशान हाल हैं । लम्बी लम्बी कतारों में खड़े है लेकिन खाद नहीं मिल रही । अब किसान करे तो क्या करे ? जाये तो कहां जाये ? इसी परेशानी के चलते जिला हिसार के उकलाना में एक युवा किसान रामभगत ने ज़हर खाकर जान दे दी । रामभगत के पास मात्र पौने दो एकड़ ज़मीन थी और कुछ ठेके पर ले रखी थी। इसके साथ साथ वह आढ़त की दुकान भी कर रहा था । परिवारजन ने बताया कि वह चार पांच दिन से डीएपी खाद के लिए भटक रहा था, जिससे परेशान था और इसी परेशानी में ज़हर खाकर जान दे दी ! इसकी लीपापोती करने के लिए जांच अधिकारी के पास एक ही जवाब है कि रामभगत मानसिक रूप से परेशान था । रामभगत का बिसरा जांच के लिए भेजा जायेगा । यह सरकार को देखना है कि किसानों को राहत कैसे देनी है !
अपने जीवन की यात्रा में
संघर्ष लिखा कर लाये थे
कुछ गुजर गया, कुछ बाकी है...
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी।
9416047075
For further display of news in English with photographs in JPG file on "indianewscalling.com"
CONTACT: M.M.Khanna, Web-Master cum Director
Location: 585, Shantivan Housing Coop Society,
Sector-48 A, Chandigarh-160047
Ph: 0172-4620585 , Mobiles: 09217737625 & 9877215655
Email: mmk.vvi@gmail.com & mmkhanna585@yahoo.com
Share this News/Article on Facebook Share this News/Article on Facebook