HISAR, 09.11.24-हरियाणा प्रदेश कांग्रेस गुटबाजी के लिए कटिबद्ध है, पूर्णतया समर्पित । यह समर्पण इतना ज्यादा है कि चुनाव हार जाना मंजूर लेकिन गुटबाजी छोड़ना मंजूर नहीं ! कह सकते हैं कि प्राण जायें पर गुटबाजी न जाई ! तीसरी बार हार जाना मंजूर लेकिन गुटबाजी से रहना नहीं दूर ! बिल्कुल बर्दाश्त नहीं एकता ! सब अलग अलग रहकर खुश !
इधर एक नया शिगूफा सामने आया जब खुद को कांग्रेस प्रवक्ता बताने वाले बालमुकुंद ने एक टीवी चैनल की डिबेट में दावा किया कि कांग्रेस विधायक दल के नेता चंद्रमोहन या अशोक अरोड़ा मे से एक हो सकते हैं जबकि कांग्रेस हाईकमान की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई । इस बयान के वायरल होते ही मीडिया प्रभारी चांदवीर हुड्डा ने कहा कि यह बयान बालमुकुंद की निजी राय है, कांग्रेस की नहीं ! मज़ेदार बात कि बालमुकुंद ने भी पलटकर कहा कि चांदवीर खुद मीडिया प्रभारी के पद पर अधिकृत नहीं हैं । यह भी खूब बतरस रही कि एक दूसरे को मानने से ही इंकार कर रहे हैं !
हालांकि आठ अक्तूबर को चुनाव परिणाम घोषित हो जाने को एक माह बीत गया लेकिन कांग्रेस विधायक दल के नेता की घोषणा नहीं हुई ! क्या इसके लिए एक माह का समय भी कम है ? जबकि तेरह नवम्बर को हरियाणा विधानसभा का सत्र शुरू होने जा रहा है। शपथ ग्रहण तो विधायक दल के नेता के बिना संपन्न हो गया । क्या विधानसभा सत्र शुरू होने तक नेता प्रतिपक्ष का नाम घोषित करेगी कांग्रेस? अभी तेरह तक इंतज़ार का मज़ा लीजिए, थोड़ा इंतजार का मज़ा लीजिए!
कल रात आसमां पे सितारों का जश्न था
सूरज की आंख आज देर से खुली !
-पूर्व‌ उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।
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