SHIMLA,16 नवम्बर मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जब-जब हिमाचल भाजपा के नेता अनुराग ठाकुर, जयराम ठाकुर तथा राजीव बिन्दल जैसे नेता दूसरे राज्यों मे चुनाव प्रचार के लिए जाते हैं तब,तब यह नेता हिमाचल के बारे में झूठा प्रचार करके जनता के बीच भ्रम फैलाने का काम कुत्सित कार्य करते है
इससे जनता के बीच में गलत जानकारी पहुॅचती है और ये नेता जनता के बीच हिमाचल और हिमाचल सरकार की छवि को बिगाड़ने का काम करते हैं।
हरियाणा और जम्मू कश्मीर के विधानसभा के चुनावों में भाजपा ने सुक्खू सरकार को आर्थिक प्रबन्धन में अक्षम ठहराकर हिमाचल सरकार को बदनाम करने का काम किया था मगर मुख्यमंत्री सुक्खू ने समय से कदम उठाकर प्रदेश में कर्मचारियों को वेतन एवं पेंशन समय पर देकर स्वंय को साबित किया कि वह एक सक्षम मुख्यमंत्री हैं।
उन्होंने कहा कि इन नेताओं द्वारा इस प्रकार का दुष्प्रचार करके ये लोग दोनों राज्यों में गलत संदेश देकर वहां की भोली-भाली जनता का ध्यान भटकाने का काम कर रहे हैं। आखिर इन नेताओं द्वारा वहां के चुनावी माहौल को दूषित करके हासिल क्या होता है। कांग्रेस पार्टी इन लोगों को राजनैतिक प्रतिद्वंद्वी तो मानती है मगर व्यक्तिगत दुश्मन नहीं । इसका मतलब क्या यह मान लिया जाए कि हिमाचल भाजपा के नेता हिमाचल प्रदेश के दुश्मन हैं।
एक प्रश्न के उत्तर में नरेश चौहान ने कहा कि यह सर्वविदित है कि महाराष्ट्र में किस प्रकार सरकार से तोड़ी गई। आज हिमाचल प्रदेश से भाजपा के नेताओं को महाराष्ट्र ले जाने की जरूरत इसलिए पड़ रही है क्योंकि बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व के पास महाराष्ट्र के लिए नेताओं का टोटा है। क्या चुनावी माहौल में समाज को बाटकर भाजपा और उसके सहयोगी दलों द्वारा वोट बटोरना, अपने पक्ष में मतदान करवाना एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सही ठहराया जा सकता है।
हिमाचल सरकार की जहां तक बात है, उसने दो वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने से पूर्व ही 10 गारंटियों में से 5 गारंटियों को पूरा करके आधे लक्ष्य को हासिल कर लिया है। पूर्व भाजपा सरकार ने जिस तरह से हिमाचल प्रदेश को आर्थिक रूप से कमजोर हालात में छोड़ा था, बावजूद उसके हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने अपनी दूरदर्शिता, कड़ी मेहनत तथा पक्के इरादे के चलते हिमाचल प्रदेश को लगातार विकास के पथ पर अग्रसित करने का काम किया है। केन्द्र सरकार से पूर्ण सहयोग ना मिलने के बावजूद भी बाधाएं सामने डटी रहीं मगर प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक प्राकृतिक आपदा का सामना करते हुए सीमित संसाधनों के साथ प्रदेश की जनता को राहत पहुॅचाने का काम किया ।