*आत्मनिर्भरता: सौर उर्जा से मिला स्वरोजगार का नया उजाला

*देशराज सोलर प्लांट से प्रतिमाह कमा रहे 4 से 5 लाख
*हरित उर्जा में आमदनी की नई संभावनाएं हुईं अंकुरित

धर्मशाला, 01 दिसंबर । सौर उर्जा से विद्युत उत्पादन के सफल प्रयास स्वरोजगार का नया उजाला लेकर आए हैं। सरकार की सोलर उर्जा नीति ने बंजर भूमि में सौर उर्जा प्रोजेक्ट स्थापित करने की पहल ने लोगों के लिए आमदनी की नई संभावनाएं अंकुरित की हैं वहीं सस्ती दरों पर विद्युत उत्पादन की राहें भी तलाशी हैं। हिमाचल प्रदेश को हरित उर्जा राज्य बनाने के लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत है। सुख सरकार द्वारा हरित क्रांति के तहत सौर उर्जा के उपयोग को और अधिक बढ़ाने का निर्णय लिया है ,जिसके सार्थक परिणाम दिख रहे हैं।
जिला कांगड़ा के उपमंडल शाहपुर की पंचायत तरखानकड में शिक्षा विभाग से सेवानिवृत प्रिंसिपल देशराज ने सरकार की सोलर उर्जा नीति के तहत अक्षय उर्जा पर आधारित प्रोजेक्ट स्थापित करके चार से पांच लाख प्रतिमाह आमदनी का नया जरिया बनाया है। 1000 किलोवाट का सौर उर्जा प्लांट 50 कनाल जमीन लीज पर लेकर स्थापित किया है। सेवानिवृत प्रिंसिपल देश राज का कहना है कि उनके मन में हमेशा ग्रामीण क्षेत्र के लिए कुछ करने का सपना था और सेवानिवृति के बाद उन्होंने इसी सपने को साकार करने के लिए अप्रैल 2024 में सलोल के तरखाकड़ में सोलन पॉवर प्लांट स्थापित किया।
उन्होंने बताया कि सरकार की सोलर पावर पालिसी के तहत उन्होंने सोलर पावर प्लांट स्थापित करने के लिए आनलाइन आवेदन किया था और उन्हें 1000केवी का सोलर प्लांट मिला। सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए खाली पड़ी भूमि थी, पशुओं तथा जंगली जानवरों के कारण खेती भी इस जमीन पर घाटे का सौदा थी जिसके चलते ही उन्होंने 50 कनाल जमीन लीज पर ली और इसकी एवज में लीज मनी से प्रतिवर्ष तीन लाख भूमि मालिकों को भी अब आमदनी हो रही है।
उन्होंने कहा कि सौर उर्जा एक नवीकरणीय स्रोत है ये प्लांट पर्यावरण संरक्षण के लिए भी सुरक्षित है। सोलर प्रोजेक्ट स्थापित करने में भी कम समय लगता है तथा इससे तैयार विद्युत का उपयोग विभिन्न कार्यों के लिए किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस प्लांट में अच्छा विद्युत उत्पादन हो रहा है, गर्मियों में कुल उत्पादन 90 प्रतिशत से 95 प्रतिशत जबकि सर्दियों में 60 प्रतिशत तक का विद्युत उत्पादन हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट से 50 से 55 लाख रूपये प्रतिवर्ष आमदनी का अनुमान है।
इस प्रोजेक्ट की लागत को आठ से दस वर्षों के भीतर पूरा कर लेंगे तथा इसके बाद आने वाले पंद्रह वर्षों में अच्छी आमदनी होगी और शुद्व मुनाफा होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हरित क्रांति के तहत सौर उर्जा के उपयोग को और अधिक बढ़ाने का निर्णय बहुत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए भी सौर उर्जा के प्रोजेक्ट आत्मनिर्भरता के लिए सार्थक सिद्व होंगे। सेवानिवृत प्रिंसिपल ने अपने बेटे जिसने बीटेक किया है उसको नौकरी के बजाए इस प्रोजेक्ट के संचालन के लिए तैयार किया है ताकि स्वाबलंबन की दिशा में आगे बढ़ाया जा सके।

*क्या कहते हैं अधिकारी:
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि सरकार की सोलर पालिसी के तहत कांगड़ा जिला में सौर उर्जा प्लांट स्थापित करने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है तथा इसमें विभागीय अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि सौर उर्जा प्लांट स्थापित करने के इच्छुक लोगों का सकारात्मक सहयोग सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सोलर उर्जा प्लांट में उत्पादित होने वाली बिजली को भी विद्युत विभाग के माध्यम से खरीदा जा रहा है ताकि सोलर उर्जा प्लांट स्थापित करने वालों को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार सौर उर्जा को बढ़ावा दे रही है ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ स्वरोजगार के साधन भी मिले। परियोजना अधिकारी रमेश ठाकुर ने कहा कि सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है इसके साथ ही सौर उर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ विभिन्न योजनाएं आरंभ की गई हैं।