बेंगलुरू में अमरूद की नई किस्में की जानकारी ले रहे हैं हिमाचल के अधिकारी

हमीरपुर 05 दिसंबर। प्रदेश सरकार एचपीशिवा परियोजना के माध्यम से राज्य के कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में फल उत्पादन को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रही है। इसके लिए विभिन्न फलों की नई-नई किस्मों की खेती को प्रोत्साहित करके फलों के उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में सराहनीय कार्य किया जा रहा है।
इसी कड़ी में उद्यान विभाग के अधिकारियों के एक दल को अमरूद और अन्य फलों की नई किस्मों की जानकारी प्राप्त करने के लिए भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान बेंगलुरू भेजा गया है।
हमीरपुर में तैनात उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजेश्वर परमार ने बताया कि भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान बेंगलुरू के फार्म में अमरूद की नई उन्नत किस्में उगाई गई हैं। इनमें से तीन किस्मों को हिमाचल प्रदेश के कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए बहुत ही उपयुक्त पाया गया है।
डॉ. राजेश्वर परमार ने बताया कि कम जमीन पर ज्यादा पौधारोपण तथा ज्यादा पैदावार के लिए ये उन्नत किस्में काफी अच्छी हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार एचपीशिवा परियोजना के तहत इन किस्मों को हिमाचल के बागवानों को उपलब्ध करवाने के लिए कार्य किया जाएगा, जिससे बागवानी के क्षेत्र में एक नई क्रांति का सूत्रपात होगा।

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आयुर्वेदिक चिकित्सकों को दिया पैरा सर्जिकल तकनीक का प्रशिक्षण

हमीरपुर 05 दिसंबर। आयुर्वेद चिकित्सकों को शल्य चिकित्सा की पैरा सर्जिकल तकनीक में पारंगत करने के लिए जिला आयुर्वेदिक अस्पताल में आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर वीरवार को संपन्न हो गया।
इस शिविर में राजीव गांधी आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. गौरव परमार ने जिला के 55 आयुर्वेदिक चिकित्सकों को पैरा सर्जिकल तकनीक के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
जिला आयुष अधिकारी डॉ. बृजनंदन शर्मा ने बताया कि आयुष विभाग के निदेशक डॉ. निपुण जिंदल के निर्देशानुसार जिला हमीरपुर के आयुर्वेद चिकित्सकों के लिए भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं तथा उन्हें शल्य चिकित्सा की पैरा सर्जिकल तकनीक में पारंगत किया जा रहा है। डॉ. बृजनंदन शर्मा ने बताया कि जिला आयुर्वेदिक अस्पताल में आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में ज़िला के विभिन्न भागों से आए चिकित्सकों ने भाग लिया।
उन्होंने कहा कि इससे आयुर्वेद स्वास्थ्य केंद्रों में लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकेंगी तथा रोगियों को मर्म चिकित्सा, अग्नि कर्म और अन्य चिकित्सा तकनीकों का लाभ मिल सकेगा। इस अवसर पर जिला आयुर्वेदिक अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. दलीप ठाकुर, पपरोला कालेज से डॉ. गौरव शर्मा और अन्य चिकित्सक भी उपस्थित थे।