लाडा के तहत सार्वजनिक उपयोग के निर्माण कार्यों को दें प्राथमिकता: डीसी
विभिन्न विकास कार्यों के लिए 2 करोड़ 90 लाख किए स्वीकृत
जल विद्युत प्रोजेक्ट के प्रबंधकों को निर्देश एक माह के भीतर करवाएं लीज डीड
धर्मशाला, 01 मार्च। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि कांगड़ा जिला में स्थानीय क्षेत्र विकास निधि -लाडा- के तहत पंचायत प्रतिनिधि सार्वजनिक उपयोग के निर्माण कार्यों पर फोक्स करें ताकि पंचायत का समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके। शनिवार को स्थानीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि कांगड़ा जिला के बैजनाथ, धर्मशाला तथा पालमपुर के लिए स्थानीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण के तहत दो करोड़ 36 लाख के 120 कार्य स्वीकृत किए थे।
उन्होंने सभी पंचायत प्रधानों को अपने अपने क्षेत्रों में लाडा के तहत लंबित विकास कार्यों को पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही विकास कार्यों में गुणवत्ता का ध्यान रखने के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के पूर्ण होने पर अनापत्ति रिपोर्ट भी प्रेषित करने के लिए कहा गया है ताकि नए विकास कार्यों के लिए धनराशि स्वीकृत की जा सके। इस वर्ष के लिए 2 करोड़ 90 लाख विभिन्न विकास कार्यों का अनुमोदन भी किया गया। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने सभी विकास खंड अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जल विद्युत प्रोेजेेक्ट लगने से प्रभावित हुए परिवारों की सूची भी तैयार करें ताकि प्रभावित परिवारों को लाभांवित किया जा सके।
जल विद्युत प्रोजेक्ट एक माह के भीतर करवाएं लीज डीड
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि कांगड़ा जिला में 28 के करीब जल विद्युत प्रोजेक्ट संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन जल विद्युत प्रोजेक्ट्स प्रबंधन ने लीज डीड अभी तक नहीं करवाई है वे एक माह के भीतर लीज डीड की प्रक्रिया को पूर्ण करें अन्यथा आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि नियमों के तहत स्थानीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण के पास फंड नियिमत तौर पर जमा करवाना जरूरी है तथा जिन जल विद्युत प्रोजेक्ट्स ने अभी तक धनराशि जमा नहीं करवाई है वे भी शीघ्र धनराशि स्थानंतरित करें इस बाबत जिला राजस्व अधिकारी तथा एसडीएम को लीज डीड तथा लाडा फंड को लेकर आवश्यक रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश भी दिए गए। इससे पहले जिला योजना अधिकारी अलोक धवन ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए स्थानीय क्षेत्रीय विकास निधी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर एडीसी विनय कुमार सहित एसडीएम धर्मशाला, एसडीएम पालमपुर, एसडीएम शाहपुर, जल विद्युत परियोजनाओं को प्रबंधक तथा पंचायत प्रधान उपस्थित थे।
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धर्मशाला में नशे से बचाव की रणनीति पर हुई चर्चा
रेडिसन ब्लू में राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित
धर्मशाला 01 मार्च। चंडीगढ़ प्रशासन के सामाजिक कल्याण विभाग और राज्य स्तरीय समन्वय एजेंसी (एसएलसीए) के सहयोग से नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) पर हितधारकों का राज्य सम्मेलन 28 फरवरी 2024 को होटल रेडिसन ब्लू, धर्मशाला में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन का उद्देश्य नशामुक्ति के प्रयासों की प्रगति, चुनौतियों और भविष्य की रणनीति पर चर्चा करना था।सम्मेलन का उद्घाटन अनुराधा चगती, सचिव, सामाजिक कल्याण, चंडीगढ़ प्रशासन ने किया।
एसएलसीए निदेशक संदीप परमार ने अतिथियों का स्वागत करते हुए एनएमबीए के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सामूहिक प्रयासों के महत्व पर प्रकाश डाला। इसके बाद पलिका अरोड़ा, पीसीएस, निदेशक, सामाजिक कल्याण, चंडीगढ़ प्रशासन ने चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा एनएमबीए के तहत की गई उत्कृष्ट पहलों और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि, सुश्री अनुराधा चगती, सचिव, सामाजिक कल्याण, चंडीगढ़ प्रशासन ने नशा मुक्त चंडीगढ़ की उपलब्धियों पर बात रखी। उन्होंने कहा कि नशे से बचाव पर शिक्षण संस्थानों में स्थापित वाडा क्लब निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने अपने संबोधन में सभी हितधारकों से नशामुक्त समाज के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया।
तकनीकी सत्र में किशोरों, युवाओं और समुदाय-आधारित दृष्टिकोण के लिए प्राथमिक हस्तक्षेप पर डॉ. आराधना मलिक, सहायक प्रोफेसर, आईआईटी खड़गपुर ने किशोरों और युवाओं को जोड़ने की प्रभावी रणनीतियों पर अपने विचार साझा किए।
गुंजन संस्था के निदेशक विजय कुमार ने एनएमबीए-चंडीगढ़ के लिए अगले दो वर्षों के विजन और चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नशे की चुनौतियों से निपटने के लिए समाज के सभी घटकों के लिए कार्ययोजना का खाका साझा किया। उन्होंने कहा प्रवासी वस्तियों और उनके बच्चों को अभियान के केंद्र मे लाना आवश्यक है। विजय कुमार ने मादक पदार्थों के नए विकल्पों पर विशेष जानकारी प्रदान की।
चंडीगढ़ के मनोचिकित्सकडॉ विजय गिरिधर ने नशा और मेंटल हेल्थ के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि नशे से बचने के लिए अपने आप पर केंद्रति करना जरूरी है। उन्होंने स्ट्रेस के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि स्ट्रेस होने पर व्यक्ति में नकारात्मक विचार आते हैं। वह जरूरत से ज्यादा सोचते लगते हैं। उन्होंने कहा कि ओवर रीस्पान्सबिलटी सिन्ड्रोम अधिकांश लोगों में विशेषकर महिलाओं में पाया जाता है। इससे नींद की क्वालिटी प्रभावित होती है।
वहीं, डॉ. आराधना मलिक ने कार्य-जीवन संतुलन और विश्राम तकनीकों पर एक ज्ञानवर्धक सत्र आयोजित किया। जिसमें स्ट्रेस प्रबंधन के उपायों पर प्रतिभागियों के साथ लाइव सेशन आयोजित किया गया।
सम्मेलन में गुरजीत कौर, सामाजिक कल्याण विभाग, डॉ. विजय गिरधर, स्वास्थ्य विभाग, डॉ. नेमी चंद, उच्च शिक्षा विभाग, सुश्री गुरप्रीत कौर, स्कूल शिक्षा विभाग, डॉ. सोमा साहू, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, मॉडल जेल, डॉ. ईशा, सामाजिक कार्यकर्ता, मॉडल जेल, श्री संदीप राणा, वरिष्ठ सहायक, सामाजिक कल्याण विभाग, श्री संजीव गुलाटी, राज्य मिशन समन्वयक, सामाजिक कल्याण विभाग, श्री बिस्माह अहूजा, कार्यक्रम प्रबंधक, यूटीसीपीएस, सुश्री सरिता गोदवानी, सलाहकार, पोषण, श्री विवेक शर्मा, सलाहकार, पोषण, शिक्षाविद निखिल शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार पंकज पंडित तथा गुंजन संस्था से जुड़े अन्य महानुभावप्रमुख रूप में शामिल रहे।
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भीड़ व भगदड़ प्रबंधन के सीखे गुर
डीसी ने प्रतिभागियों को किया सम्मानित
धर्मशाला 1 मार्च। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, कांगड़ा एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में धर्मशाला में आयोजित तीन दिवसीय भीड़ प्रबंधन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज धर्मशाला में उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने समापन किया। उपायुक्त ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मंदिरों, शक्तिपीठों में होने वाली भीड़, भगदड़, मेले व सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा क्रिकेट स्टेडियम में भगदड़ संबंधी प्रबंधन को लेकर विभिन्न जिलों से आए हुए प्रतिक्रिया बलों, मंदिर प्रशासन क्रिकेट प्रशासन, व स्थानीय गैर सरकारी संगठनों को प्रशिक्षित किया गया। उन्होंने बताया कि इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में 4 जिलों चंबा कांगड़ा, किन्नौर, ऊना सहित हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, मंदिर शक्तिपीठ प्रशासन, मां बगलामुखी, मां ब्रजेश्वरी, मां चिंतपूर्णी तथा हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश गृह रक्षा विभाग, अग्निशमन विभाग, हिमाचल पुलिस, स्थानीय गैर सरकारी संगठन, ईको पहाड़ी संगठन, आपदा मित्रों ने सक्रिय रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उपायुक्त ने बताया कि इस कार्यक्रम में लगभग 80 प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया व कार्यक्रम की सराहना भी की। इस कार्यक्रम के समापन अवसर पर उपायुक्त ने सभी सफल प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र व शुभकामनाओं सहित सम्मानित भी किया, उन्होंने सभी प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वह अपने-अपने क्षेत्र व जिलों में भीड़ प्रबंधन विषय के ऊपर अधिक से अधिक जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आयोजित करवाए, ताकि हिमाचल प्रदेश में भीड़ व भगदड़ संबंधी आपदाओं में कमी लाई जा सके। इस अवसर पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, नई दिल्ली से प्रोफेसर शेखर चतुर्वेदी, अरुण वर्मा व जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, कांगड़ा से समन्वयक रोबिन कुमार व कुलदीप सिंह सहित अन्य गणमान्य भी उपस्थित रहे।