आईपीएल मैच से पहले प्रशासन परखेगा आपदा प्रबंधन के इंतजाम: डीसी
25 अप्रैल को धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित होगी माॅक ड्रिल
धर्मशाला, 23 अप्रैल। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम में आगामी माह प्रस्तावित टाटा आईपीएल टी-ट्वेंटी क्रिकेट मैच के आयोजन से पहले आपदा प्रबंधन को लेकर स्टेडियम में 25 अप्रैल को माॅक ड्रिल आयोजित की जाएगी इस के लिए टेबल टाॅप एक्सरसाइज 24 अप्रैल को डीसी आफिस में हिमाचल क्रिकेट एसोसिएशन के आपदा प्रबंधन प्लान पर चर्चा करने के लिए अधिकारियों की आवश्यक बैठक भी आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रत्येक इवेंट के लिए आपदा प्रबंधन प्लान होना अत्यंत जरूरी है तथा इस के लिए माॅक डिल भी आयोजित किया जाना जरूरी है ताकि आपदा की स्थिति में आपसी समन्वय के साथ बेहतर प्रबंधन किया जा सके। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि आईपीएल मैच के दृष्टिगत दर्शकों तथ खिलाड़ियों की सुविधा तथा सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास सुनिश्चित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही भीड़ प्रबंधन को लेकर भी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से प्लान तैयार किया गया है।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि चार मई, आठ मई तथा 11 मई को टाटा आईपीएल टी-टवेंटी के तहत तीन मैच धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने आयोजन के संदर्भ में कानून, यातायात एवं पार्किंग व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाएं, विद्युत एवं पेयजल आपूर्ति, सड़कों की मुरम्मत, शहर की साफ-सफाई तथा अग्निशमन सेवाओं के साथ साथ अन्य संबंधित विभागों को मैच के आयोजन से जुड़ी सभी आवश्यक तैयारियां समय रहते पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने पुलिस विभाग को टेस्ट मैच के दौरान कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को धर्मशाला के आस-पास के क्षेत्र में मुरम्मत योग्य सड़कों का कार्य शीघ्र पूरा करने के लिए तत्परता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वाहनों की पार्किंग के लिए निर्धारित स्थलों की नम्बरिंग करके दिशा सूचक बोर्ड लगाए जाएंगे। उन्होंने लोगों की सुविधा के लिए निकासी गेटों से पार्किंग स्थलों तक दिशा सूचक बोर्ड लगाने के निर्देश दिए।
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पीएम आदर्श योजना के अन्तर्गत जिला कांगड़ा के 40 गांव आदर्श घोषित: एडीसी
50 प्रतिशत से अधिक एससी जनसंख्या वाले गांवों का विकास होगा सुनिश्चित
धर्मशाला, 23 अप्रैल: अतिरिक्त उपायुक्त विनय कुमार ने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना के अन्तर्गत जिला कांगड़ा में 64 गांवों को चयनित किया गया है जिसमें से 40 गांवों को आदर्श घोषित कर दिया गया है। बुधवार को प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना अभिसरण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए एडीसी विनय कुमार ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जनसंख्या वाले गांवों का एकीकृत विकास सुनिश्चिित करना है।
उन्होंने बताया कि आदर्श ग्राम एक ऐसी संकल्पना है जिसमें लोगों को विभिन्न बनियादी सेवाएं देने की परिकल्पना की गई है, ताकि समाज के सभी वर्गों की न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति हो, और असमानताएं कम से कम रहें। इन सब गांवों में वह सब ऐसी अवसंरचना होगी और इसके निवासियों को ऐसी सभी बुनियादी सेवाओं की सुविधा मिलेगी, जो एक सम्मानजनक जीवन जीने के लिए आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य 10 विभिन्न कार्यक्षेत्रों जैसे पेयजल और स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण सामाजिक सुरक्षा, ग्रामीण सड़कें और आवास, विद्युत और स्वच्छ ईंधन, कृषि पद्धतियां, वित्तिय समावेषण डिजीटलीकरण और जीवन यापन तथा कौशल विकास के अन्तर्गत 50 निगरानी योग्य संकेतकों में सुधार करना है। प्रत्येक निगरानी योग्य संकेतक के दो अंक रखे गये हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी गांव अधिकतम 100 अंक प्राप्त कर सकता है। केन्द्र सरकार द्वारा ऐसे सभी चयनित गांवों के लिए 20 लाख की राशि अंतर पाटन घटक के अन्तर्गत कार्यकलापों के लिए निर्धारित की है।
जिला कल्याण अधिकारी दीपाली तोमर ने बताया कि जिन्हें 50 निगरानी योग्य संकेतकों में 70 या इससे अधिक अंक प्राप्त हैं, को उपायुक्त कांगड़ा जो जिला प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना अभिसरण समिति के अध्यक्ष भी हैं, द्वारा आदर्श ग्राम घोषित किया गया है।
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एडीसी ने दिए एससी-एसटी से संबंधित मामलों के शीघ्र निपटाने के निर्देश
धर्मशाला, 23 अप्रैल। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 एवं नियम 1995 के अन्तर्गत जिला कांगड़ा में गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की बैठक उपायुक्त कार्यालय के सभागार में अतिरिक्त उपायुक्त विनय कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
बैठक में अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम के तहत न्यायालय एवं पुलिस से संबंधित लंबित व रद्द मामलों के बारे में समीक्षा की गई तथा अतिरिक्त उपायुक्त विनय कुमार ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति से संबंधित मामलों को शीघ्र निपटाने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि न्याय में देरी न्याय न मिलने के समान है। इसलिए संबंधित मामलों की तफ्तीश कर उनका समय पर निपटान सुनिश्चित किया जाए। इस अवसर पर जिला कल्याण अधिकारी दीपाली ठाकुर, पुलिस अधिकारी, जिला न्यायवादी अधिकारी तथा गैर सरकारी सदस्य उपस्थित रहे।
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विकसित भारत की परिकल्पना पर क्षेत्रीय केंद्र में किया मंथन
देशभर के प्रतिभागियों ने व्यक्त किए अपने विचार
धर्मशाला, 23 अप्रैल। आईसीएसएसआर प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन विकसित भारत 2047 का उद्घाटन सत्र बुधवार को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय क्षेत्रीय केंद्र, धर्मशाला में संपन्न हुआ। यह सम्मेलन अर्थशास्त्र, वाणिज्य और प्रबंधन विभाग द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें देशभर से 250 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण कर उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. मनीष गौर, निदेशक रहे जबकि उद्घाटन वक्तव्य एवं पैनल चर्चा की अध्यक्षता प्रो. मदन लाल, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, दिल्ली विश्वविद्यालय ने की। प्रो. डी.पी. वर्मा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम को गौरवांवित किया। सम्मेलन के सह-अध्यक्ष एवं एचपीयूआरसी, धर्मशाला के निदेशक प्रो. कुलदीप अत्री ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए इस मंच की राष्ट्रीय महत्वता पर प्रकाश डाला। सम्मेलन के संयोजक डॉ. राम रत्तन ने सम्मेलन की रूपरेखा प्रस्तुत की और इसके उद्देश्य, थीम व विकसित भारत की परिकल्पना को विस्तार से साझा किया। उन्होंने बताया कि यह सम्मेलन देश के विकास के लिए अकादमिक विचार-विमर्श और रणनीति निर्माण का एक प्रभावी मंच है। पैनल चर्चा में प्रो. मोहेंद्र सिंह, प्रो. संजीत सिंह, प्रो. सूर्य रश्मि रावत, डॉ. विजय नाग और डॉ. सीपना प्रकाशम जैसे प्रतिष्ठित शिक्षाविदों ने भाग लिया और भारत की वैश्विक आर्थिक स्थिति, महिला भागीदारी, सतत विकास और वित्तीय समावेशन जैसे विषयों पर अपने विचार साझा किए। साथ ही, देश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से आए शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों ने छह तकनीकी सत्रों में अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। दिन का समापन समृद्ध चर्चा और विकसित, समावेशी भारत की साझा दृष्टि के साथ हुआ।