धर्मशाला, 26 अप्रैल। विश्व पशु चिकित्सा दिवस के उपलक्ष्य में जिला कांगड़ा के पशु चिकित्सा अधिकारियों, उप निदेशक, पशु स्वास्थ्य एवं प्रजनन कांगड़ा, द्वारा कार्यशाला का आयोजन धर्मशाला के डीआरडीए हॉल में किया गया। इस कार्यशाला में एडीएम शिल्पा बेक्टा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।

एडीएम, शिल्पा बेक्टा ने पशु चिकित्सकों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सक न केवल पशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा करते हैं, बल्कि मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

उन्होंने ने इस अवसर पर पशु चिकित्सकों की भूमिका को रेखांकित किया, विशेषकर वायरल मूल के अधिकांश जूनोटिक (पशुजन्य) रोगों के नियंत्रण और रोकथाम में। उन्होंने रोगों की रोकथाम और पर्यावरण संरक्षण में विभाग द्वारा किए जा रहे उत्कृष्ट कार्य की सराहना की। उन्होंने विभिन्न विभागों के बीच सहयोग पर जोर दिया ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक समय पर पहुंच सके और प्रत्येक हितधारक को इसका समुचित लाभ मिल सके।

इससे पूर्व डॉ. सीमा गुलेरिया, उप निदेशक, पशु स्वास्थ्य/प्रजनन कांगड़ा, धर्मशाला ने अपने संबोधन में कहा कि पशु चिकित्सा पेशा सेवा भावना और समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि विश्व पशु चिकित्सा दिवस का विचार वर्ष 2000 में आया और इसे पहली बार अप्रैल 2001 के अंतिम शनिवार को विशेष थीम के साथ मनाने का निर्णय लिया गया। इस वर्ष की थीम थी - "पशु स्वास्थ्य एक टीम का कार्य है"। उन्होंने अपने भाषण का समापन इन पंक्तियों के साथ किया "जानवर बोल नहीं सकते, लेकिन दर्द उन्हें भी होता है। जो उनके दर्द को समझे, वही सच्चा इंसान होता है।"

इस अवसर पर डॉ. अंचल शर्मा, पशु चिकित्सा अधिकारी कोटला बेहड ने पशुपालन में टीम वर्क के महत्व को रेखांकित किया और "एक विश्व, एक स्वास्थ्य" की अवधारणा पर बल दिया। डॉ. कशिश कुमार ने समाज में पशु चिकित्सकों की भूमिका पर अपने विचार साझा किए, जिसमें सुरक्षित और रोगमुक्त भोजन प्रदान करने तथा आपदाओं के समय उनकी भूमिका को स्पष्ट किया गया।

इस अवसर पर सहायक निदेशक डॉ. सुजय शर्मा और डॉ. संदीप मिश्रा सहित सभी वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी एवं स्थापना के अन्य पशु चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे।