देहरादून/नई दिल्ली, 15 अक्टूबर, उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने केंद्र सरकार से उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों के व्यापक प्रचार प्रसार करने का आग्रह करते हुए प्रदेश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी, दूरसंचार और इंटरनेट आदि की व्यवस्था में सुधार करने की सिफारिश की है। केंद्रीय पर्यटन व संस्कृति मंत्री श्री प्रह्लाद पटेल की अध्यक्षता में सभी राज्यों के पर्यटन मंत्रियों के साथ हुई वर्चुअल बैठक में श्री सतपाल महाराज ने प्रदेश में पर्यटन को फिर से खड़ा करने के लिए किये जा रहे उपायों की चर्चा भी की।
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने यह वीडियो कॉन्फ्रेंस कोरोना संक्रमण के बाद पर्यटन को पटरी पर लाने के लिए आगे की रणनीति पर विचार करने के लिए बुलायी थी। बैठक में सभी राज्यों के पर्यटन मंत्रियों ने प्रतिभाग कर कोरोना काल में पर्यटन को हुए नुकसान की भरपाई के लिए आगे की रणनीति पर अपने अपने विचार रखें। उत्तराखंड में पर्यटन को फिर से खड़ा करने के लिए प्रदेश के पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड के अंदर पर्यटन की बड़ी संभावनाएं है। उत्तराखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी, दूरसंचार और इंटरनेट आदि की व्यवस्था में सुधार हेतु भारत सरकार से सहयोग की अपेक्षा करते हुए उन्होने कहा कि यदि हम ऐसा कर पाए तो ग्रामीण क्षेत्रों के लोग सरकारी योजनाओं का ऑनलाइन लाभ उठा सकते हैं। यात्रा हेतु ष्मेक माई ट्रिप,ष् ष्गो आई जी गोष् के साथ-साथ पर्यटन को जोड़ा जा सकता है, ताकि बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच सकें।
पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि केंद्र सरकार भी उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों का व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करें। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड की आईकॉनिक साइट जिसमें नवग्रह सर्किट बनाया गया है उसका भी व्यापक प्रचार-प्रसार होना चाहिए इससे उत्तराखंड को लाभ होगा। प्रदेश के अंदर बहुत बड़ा वन बाहुल्य क्षेत्र है इसलिए यहां इको टूरिज्म की बड़ी संभावनाएं हैं। इसलिए यदि केंद्रीय वन मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय मिलकर सेमिनार करें तो इससे प्रदेश की हिमाच्छादित चोटियां हैं उनके अंदर भी ट्रैकिंग संभव हो जाएगी, उसके नए मानक भी बन जाएंगे, बुग्यालों के अंदर बिना क्षति पहुंचाए उनका उपयोग किया जा सकता है। यदि ऐसा संभव हो जाए तो यह प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान श्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड के बुग्यालों में अभी भी लोगों की धार्मिक आस्था है। कमर्शियल गतिविधियां बंद की गई है लेकिन जो लोग वहां पर आंछरियों, परियों और देवताओं का पूजन करने आते हैं। धार्मिक आस्था के तहत यह सभी अभी मान्य है। दैवीय सर्किट का जिक्र करते हुए श्री सतपाल महाराज ने बताया कि उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र में ऐसे स्थान हैं जहां जाकर लोग भगवती की आराधना और पूजन कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि आने वाले समय में राज्य का पर्यटन विभाग एक ओर जहां शाक्त और वैष्णों सर्किट बनाने जा रहा है। वहीं हम हिमालयन इम्यूनिटी बूस्टिंग भोजन को भी बढ़ावा दे रहे हैं। श्री सतपाल महाराज ने वेबिनार के दौरान बताया कि उनकी सरकार ने हिमालयन इम्यूनिटी बूस्टिंग फूड के लिए सभी श्रेणी के होटलों मैं मैन्यू तैयार करवाया है अब सभी लोग इन होटलों में गढ़वाली और कुमाऊंनी भोजन का लुफ्त उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोग यहाँ आकर रिवर राफ्टिंग का आनंद भी पूर्व की तरह ले सकते हैं। हमने ट्राईबल टूरिज्म को शुरू किया है। वहां के आईकॉनिक मंदिर और पर्यटन स्थलों को आगे बढ़ाते हुए गतिविधियां शुरू की गई है हम चाहते हैं कि भारत का यात्री वहां पहुंचे। लेकिन इसके लिए हमें कहीं इनर लाइन में छूट देनी होगी तो कहीं इम्पोज करना होगा। यदि ऐसा हो जाता है तो नीति घाटी के अंदर टिंबरसैंण महादेव जहां पर भव्य शिवलिंग बनता है उस शिवलिंग के दर्शन लोग कर पाएंगे।
पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने जानकारी देते हुए बताया कि हमारे प्रदेश के अंदर महाभारत सर्किट, रामायण सर्किट बनाने के साथ साथ सीता माता मंदिर के रिवाइवल के लिए भी कार्य चल रहा है। महाभारत के दौरान चक्रव्यूह का जिक्र करते हुए उन्होने बताया कि उत्तराखंड के अंदर चक्रव्यूह को भी दिखाया जाता है जिसमें गांव के गांव शामिल होते हैं। हम चाहते हैं कि यह सब पुरी दुनियां देखे।