27th January 2023, Chandigarh-प्राचीन कला केन्द्र द्वारा नियमित आयोजित होने वाली गुरमत संगीत बैठकों की श्रृंखला में आज आठवीं गुरमत संगीत बैठक का आयोजन किया गया जिसमें यूएसऐ से आये प्रताप भाईओं की तिकड़ी ने अपनी प्रस्तुति से संगत को निहाल कर दिया । इस कार्यक्रम का आयोजन केन्द्र के एम.एल.कौसर सभागार में किया गया । इस कार्यक्रम का संचालन प्राचीन कला केन्द्र के गुरमति विभाग के प्रमुख डाॅ.मलकीत सिंह जंडियाला द्वारा किया गया । इस अवसर पर केन्द्र के सचिव श्री सजल कौसर भी उपस्थित थे ।
पंजाब के संगरूर जिले से ये तीनो भाई आज यूएसऐ में सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले जाने माने कीर्तनकार हैं। अलाप आयु से ही गुरमत संगीत में गहरी रूचि रखने वाली भाईओं की ये तिकड़ी आज अपने कीर्तन से संगतों को निहाल कर रहे है। इन्होने ने सिख समुदाय के महान ग्रन्थ गुरु ग्रन्थ साहिब जी से प्रेरणा लेकर यूएसऐ में पिछले चार दशकों से कीर्तनकार के रूप में प्रसिद्द हैं। भाई दविंदर प्रताप सिंह , भाई मोहिंदर प्रताप सिंह एवं भाई रविंदर प्रताप सिंह की ये तिकड़ी अपने आप में अनूठी है।
कार्यक्रम का आरंभ गुरमत संगीत की खास शैली राग बसंत में निबद्ध शब्द ‘‘ कट जाइए रे घर लगो रंग ’’ पेश किया गया । उपरांत एक और शब्द "अब मोहे राम अपना कर जानिए " पेश किया। इसके पश्चात राग आसा में निबद्ध सूंदर शब्द " तू करता सचिआर मंदा साईं प्रस्तुत करके संगतों को निहाल किया
इसके बाद राग बिहगता में सजा शब्द " हर की गत न कोई जाना पेश किया। कार्यक्रम का अंत राग केदार में निबद्ध शब्द ‘‘जिओ जाना तीओ तरा ’’ से किया गया । ।इस कार्यक्रम में वायलिन का बहुत ख़ूबसूरती से प्रयोग करके कीर्तन को और भी मधुर बनाया गया।
कार्यक्रम के अंत में केन्द्र के सचिव श्री सजल कौसर एवं गुरमत विभाग प्रमुख मलकीत जंडियाला ने कलाकारों को पुष्प एवं मोमेंटो भेंट किये