शिमला ( PIB ), 24 जून, 2024 -भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) श्री गिरीश चंद्र मुर्मू ने आज शिमला में 'चैडविक हाउस-नेविगेटिंग ऑडिट हेरिटेज' संग्रहालय का उ‌द्घाटन किया, जो सीएजी संस्था की समृद्ध विरासत तथा राष्ट्र के शासन में उसके योगदान के इतिहास को दर्शाता है। इस कार्यक्रम में सीएजी के लेखापरीक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य विशिष्ट अतिथिगण उपस्थित थे। चैडविक हाउस में स्थित संग्रहालय को अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित किया गया है

जो सीएजी संस्था के विकास, उपलब्धियों एवं श्रेष्ठता के मानक बिन्दुओं को दर्शाता है। चैडविक हाउस शिमला में एक महत्वपूर्ण इमारत है | इसका एक समृद्ध और व्यापक इतिहास है। कैबिनेट मिशन के लिए शिमला की अपनी यात्रा के दौरान 1946 में महात्मा गांधी के प्रवास से इसके ऐतिहासिक महत्व का पता चलता है |

स्वतंत्रता के बाद, 1950 में, भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा सेवा के लिए यहां एक प्रशिक्षण स्कूल प्रारम्भ किया गया था। प्रशिक्षण प्रतिष्ठान के प्रगति करने के साथ चैडविक हाउस धीरे-धीरे जीर्ण होता चला गया। उचित देखभाल और रखरखाव के अभाव में यह 2018 में गिरने की कगार पर था। उस समय भारत का सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्थान अपनी विरासत की रक्षा के लिए आगे आया। दिसंबर 2020 में तत्कालीन व्यवस्थापक प्रसार भारती (ऑल इंडिया रेडियो) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए जिससे चैडविक हाउस को संग्रहालय के रूप में स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई।

संग्रहालय को दस अलग-अलग दीर्घाओं में निर्मित किया गया है जिनमें से प्रत्येक को सीएजी के इतिहास, भूमिकाओं और महत्व के विभिन्न पहलुओं का विस्तृत विवरण प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ग्राफिक पैनल, वीडियो, चित्रावली सेट, इंटरैक्टिव डिस्प्ले और कलाकृतियों का उपयोग करते हुए, ये दीर्घाएँ आगंतुकों को संस्थान और इसके इतिहास की व्यापक समझ प्रदान करती हैं। संग्रहालय के दीर्घाओं में ऐतिहासिक दस्तावेज, कलाकृतियां, यादगार वस्तुएं और फोटोग्राफ आदि शामिल हैं जो सीएजी संस्था की यात्रा को बताते हैं। संग्रहालय में अत्याधुनिक इंटरैक्टिव डिस्प्ले हैं जिनमें डिजिटल अभिलेखागार, ऑडियो-विजुअल प्रस्तुतियाँ और इंटरैक्टिव कियोस्क शामिल हैं जो आगंतुकों को एक विशिष्ट अनुभव प्रदान करते हैं।


अपने उ‌द्घाटन भाषण में श्री गिरीश चंद्र मुर्मू ने ज्ञान के भंडार और लेखापरीक्षकों की भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में संग्रहालय के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करके सुशासन में योगदान देने वाले लोकतंत्र के स्तंभों में से एक संस्थान की यात्रा को संग्रहालय में बहुत प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहा कि चैडविक हाउस ने इतिहास बनते देखा है और भविष्य में इसे सार्वजनिक सेवा के प्रति हमारे अटूट समर्पण के प्रमाण के रूप में देखा जाना चाहिए।

उ‌द्घाटन के बाद श्री मुर्मू ने संग्रहालय का दौरा किया और विभिन्न दीर्घाओं का अवलोकन किया | इन दीर्घाओं में भारत में लेखापरीक्षा के इतिहास और राष्ट्र के शासन में सीएजी की संस्था के उल्लेखनीय योगदान के इतिहास को दिखाया गया है। इंटरएक्टिव डिस्प्ले, चित्रावली और मल्टीमीडिया प्रस्तुतियां संस्थागत उपलब्धियों का एक विशद चित्रण प्रदान करती हैं। चैडविक हाउस स्थित संग्रहालय अब आम जनता के लिए भी खुला है और सीएजी संस्थान की विरासत और सतत यात्रा के बारे में जानने एवं सीखने का अनूठा अवसर प्रदान करता है ।