उपायुक्त मुकेश रेपसवाल की अध्यक्षता में किसान उत्पादक संगठनों की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित
बैठक में उपायुक्त ने किया संभाव्यतायुक्त ऋण योजना का विमोचन
चंबा 14 जनवरी 2025,जिला में किसान उत्पादक संगठनों की प्रगति की समीक्षा से संबंधित जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक उपायुक्त मुकेश रेपासवाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में जिला में नाबार्ड, लघु कृषक व्यापार संघ और नेफेड द्वारा प्रोत्साहित 13 किसान उत्पादक संगठनों के प्रदर्शन और प्रगति पर चर्चा की गई।
बैठक में उपायुक्त ने किसानों की आय बढ़ाने में किसान उत्पादक संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि किसान उत्पादक संगठन अपने सदस्यों को बीज, उर्वरक और कीटनाशकों जैसी इनपुट सामग्री की आपूर्ति के साथ-साथ व्यापार और प्रसंस्करण गतिविधियों में भी सहायता प्रदान करते हैं।
उपायुक्त ने संगठनों को अपनी संचालन प्रक्रियाओं को ओर अधिक सुचारु बनाने के लिए कृषि विभाग से आवश्यक लाइसेंस प्राप्त करने की सलाह दी तथा संबंधित विभागों को लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के अवश्य निर्देश दिए।
बैठक में फलों, सब्जियों, जड़ी-बूटियों और वन उत्पादों के द्वितीयक प्रसंस्करण में महत्वपूर्ण प्रगति बारे किसान उत्पादक संगठन होलीस्टिक हिमालय किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड की सफलता पर विशेष चर्चा की गई जो ज़िला के भंडाल गाँव में स्थित है। संगठन ने हर्बल उत्पादों के निर्माण के लिए अपनी प्रयोगशाला स्थापित की है, जिससे मूल्यवर्धन और उत्पाद विविधीकरण में योगदान मिला।
इस दौरान उपायुक्त ने राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा तैयार किए गए वित्तीय वर्ष 2025-26 के संभाव्यतायुक्त ऋण योजना (पीएलपी) का विमोचन किया। यह योजना प्राथमिक क्षेत्रों की बढ़ी हुई वित्तीय सहायता के माध्यम से सतत आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से तैयार की गई है।
संभाव्यतायुक्त ऋण योजना में 2025-26 के लिए प्राथमिक क्षेत्र के तहत कुल 1218.70 करोड़ के ऋण की क्षमता का प्रावधान है। इसमें कृषि के लिए 507.68 करोड़, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र के लिए 621.92 करोड़, और शिक्षा, आवास, अक्षय ऊर्जा, सामाजिक बुनियादी ढांचा और अन्य जैसे प्राथमिक क्षेत्रों के लिए ₹89.10 करोड़ शामिल हैं।
उपायुक्त ने संभाव्यतायुक्त ऋण योजना तैयार करने के लिए नाबार्ड के प्रयासों की सराहना की और बैंकों व वित्तीय संस्थानों सहित सभी हितधारकों से आग्रह किया कि वे इस दस्तावेज का उपयोग करके जिले के ऋण और विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए काम करें।
बैठक में जिला स्तरीय कृषि अवसंरचना निधि की प्रगति की समीक्षा भी की गई।
इस दौरान उपायुक्त ने बताया कि हिमाचल प्रदेश कृषि निदेशालय की ओर से कृषि अवसंरचना निधि योजना के तहत ज़िला को 25 करोड़ का लक्ष्य आवंटित किया है जिसे दिसंबर 2025 तक प्राप्त करना है।
उपायुक्त ने जिला को आवंटित किए गए लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समन्वित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने विभागों और बैंकों को निर्देश दिये कि वे व्यवहार्य परियोजनाओं की पहचान करें और किसानों व कृषि उद्यमियों की लिए जागरूकता के लिए शिविर आयोजित करें। उन्होंने बताया कि कृषि अवसंरचना निधि योजना के बारे में www.agrinfra.dac.gov.in पर जा कर अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती
बैठक का संचालन नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक
साहिल स्वांगला ने किया।
बैठक में उपनिदेशक कृषि भूपेंद्र सिंह, उपनिदेशक उद्यान विभाग प्रमोद शाह, उपनिदेशक हिमऊर्जा सचिन शर्मा, उप प्रबंधक सहकारी बैंक हेम राज, एलडीएम डीसी चौहान, बैंक के प्रबंधकों सहित विभिन्न किसान उत्पादक संगठनों के सदस्य उपस्थित रहे।
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प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत जिला चंबा के 7 राजस्व गांव चिन्हित - उपायुक्त मुकेश रेपसवाल
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना बारे जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित
CHAMBA, 14.01.25-प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत जिला चंबा के 7 राजस्व गांवों को चिन्हित किया गया है, यह जानकारी उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने उपायुक्त कार्यालय परिसर के सम्मेलन कक्ष में पी एम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के विषय में आयोजित जिला स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
उन्होंने बताया कि जिला चंबा के 7 ऐसे राजस्व गांवों का प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफत बिजली योजना के तहत चयन किया गया है जिनकी जनसंख्या वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 2 हज़ार से अधिक है। इसमें बनीखेत जरैई, सरोल, हरिपुर, उदयपुर खास, मंगला, करियां और साहू पदर शामिल है।
बैठक में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुक्त बिजली योजना के विभिन्न घटकों की समीक्षा की गई। इस दौरान उन्होंने कहा कि योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को केंद्रीय वित्तीय सहायता देने का प्रावधान किया गया है जिसमें घरेलू उपभोक्ताओं को 1 किलोवाट के सोलर सयंत्र स्थापित करने के लिए 55 हज़ार, 2 किलोवाट के सोलर सयंत्र स्थापित करने पर 1 लाख 10 हज़ार रुपये व्यय करना होगा जिस पर केंद्र सरकार की ओर से 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
इसी तरह 3 किलोवाट के सोलर सयंत्र के लिए 1 लाख 59 हज़ार 500 रुपए खर्च होंगे और 2 किलोवाट तक 60 प्रतिशत और अतिरिक्त 1 किलोवाट के लिए 40 प्रतिशत की सब्सिडी का प्रावधान योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत किसी भी सरकारी कार्यालय पर सोलर संयंत्र स्थापित करने पर किसी भी प्रकार की अनुदान राशि का प्रावधान नहीं किया गया।
उपायुक्त ने बताया कि चिन्हित किए गए 7 गांवों में से सर्वाधिक सोलर संयंत्र स्थापित करने के उपरांत एक जिला स्तरीय समिति की ओर से सोलर मॉडल गांव चिन्हित किया जाएगा जिसके लिए केंद्र सरकार की ओर से एक करोड़ की केंद्रीय वित्तीय सहायता का प्रावधान भी किया गया। उन्होंने बताया कि सोलर संयंत्र स्थापित करने के लिए आज से 6 माह की अवधि निर्धारित की गई है।
उन्होंने बताया की पंचायत प्रतिनिधियों को उनके अधिकार क्षेत्र में स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए प्रति सौर ऊर्जा संयंत्र पर 1 हज़ार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
उन्होंने संबंधित पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि इस योजना के बारे में स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करें ताकि लोग योजना का भरपूर लाभ उठा सकें तथा ज्यादा से ज्यादा नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन सुनिश्चित बनाया जा सके। उपायुक्त ने बताया कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का सभी लाभ उठा सकते हैं।
बैठक में जिला अध्यक्ष कृषि उपज विपणन समिति ललित ठाकुर, जिला अध्यक्ष भाजपा धीरज नारियाल, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अमित मैहरा, जिला विकास अधिकारी ओपी ठाकुर, प्रधान ग्राम पंचायत साहू पूजा शर्मा, प्रधान ग्राम पंचायत हरिपुर पूजा, प्रधान ग्राम पंचायत बनीखेत अरुण राणा, अधिशासी अभियंता विद्युत बोर्ड प्रवेश ठाकुर व सहायक अभियंता हंसराज चौहान तथा परियोजना अधिकारी हिमऊर्जा शशिकांत डोगरा उपस्थित रहे।