हमीरपुर 15 नवंबर। महान जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा का जन्म दिवस शुक्रवार को जिला हमीरपुर में भी जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया गया। इस उपलक्ष्य पर विकास खंड बमसन की ग्राम पंचायत डाडू के गांव डाडू में जिला स्तरीय कार्यक्रम एवं विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना (आरजीएसए) और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में भोरंज के एसडीएम शशिपाल शर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।
इस अवसर पर उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बिरसा मुंडा के अमूल्य योगदान का स्मरण किया तथा इस महान विभूति को श्रद्धांजलि अर्पित की। शशिपाल शर्मा ने कहा कि बिरसा मुंडा आज भी सभी भारतवासियों के लिए और विशेषकर, देश के कोने-कोने में रहने वाले जनजातीय समुदाय के लिए बहुत बड़े प्रेरणास्रोत हैं।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ योजना के तहत पौधारोपण भी किया। महिलाओं को स्वास्थ्य किट, बच्चों को पुस्तकें और किसानों को बीज भी वितरित किए।
इससे पहले, कार्यक्रम की नोडल अधिकारी एवं विकास खंड बमसन की बीडीओ वैशाली शर्मा ने मुख्य अतिथि, अन्य अतिथियों, विभागीय अधिकारियों और सभी स्थानीय लोगों का स्वागत किया तथा जनजातीय गौरव दिवस के अंतर्गत आयोजित किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी।
जिला पंचायत कार्यालय के मास्टर ट्रेनर कपिल पठानिया, बीडीओ कार्यालय के पवन शर्मा, महिला एवं बाल विकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निगम, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, राजस्व, स्वास्थ्य और अन्य विभागों के अधिकारियों ने भी लोगों को अपने-अपने विभागों से संबंधित योजनाओं की जानकारी दी तथा प्रदर्शनियां भी लगाईं। अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत विस्तार अधिनियम-1996, वन अधिकार अधिनियम-2006, ग्राम पंचायत विकास योजना और पंचायत विकास सूचकांक के प्रति लोगों को विशेष रूप से जागरुक किया गया। क्षेत्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और महिला स्वयं सहायता समूहों ने पारंपरिक पौष्टिक व्यंजनों की प्रदर्शनी लगाई। स्थानीय लोगों के आधार अपडेशन के लिए भी विशेष स्टॉल लगाया गया। समारोह में महिलाओं और बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए तथा उनके लिए रस्साकशी प्रतियोगिता भी करवाई गई।
इस आयोजन में स्थानीय पंचायत प्रधान मीरा देवी, सचिव संजय कुमार और सभी पंचायत सदस्यों के अलावा अन्य स्थानीय लोगों ने भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।