HISAR, 23.11.24-हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा पंचकूला के जांगिड़ भवन , सेक्टर 20 में रंगोत्सव प्रतियोगिता का आयोजित किया गया। इस प्रतियोगिता में हरियाणा के सभी जिलों से प्रतिभागी आए थे । अलग-अलग दस तरह की प्रतियोगिताएं थी। जैसे क्लासिकल म्यूजिक , लोकगीत, क्लासिक डांस फॉक डांस,2D ,3D पेंटिग प्रतियोगिता। इसी तरह की कुल मिलाकर 10 प्रतियोगिताएं थी। जिसमें हरियाणा के सभी जिलों से आए हुए प्रतिभागी शामिल हुए। जिन्होंने जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया था।

इस प्रतियोगिता में मुझे लोकगीत में जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था और राज्य स्तर पर मैं एक प्रतिभागी के तौर पर रही ।19और 20 नवंबर को राज्यस्तरीय प्रतियोगिताएं पंचकूला में आयोजित की गई। मैं पहली बार इस प्रतियोगिता में शामिल हो रही थी और बहुत ज्यादा इसके बारे में नहीं जानती थी ।लेकिन वहां जाने के बाद मैंने जो अनुभव किया कि जो प्रतियोगी यहां आए हैं उनमें हुनर की कोई कमी नहीं है ।ऐसा लग रहा था सभी एक से बढ़कर एक अपने छुपे टैलेंट को दिखा रहे हैं। सरकार की तरफ से इस तरह की प्रतियोगिताएं अध्यापकों के लिए एक अच्छी पहल है क्योंकि वहां पर सब एक दूसरे से सीखते हैं । अपने हुनर को निखारते हैं ।जिससे विद्यार्थियों को बहुत फायदा होता है। इससे विद्यार्थी भविष्य का लक्ष्य भी तय कर लेते हैं ।यह सिर्फ प्रतियोगिता नहीं थी ज्ञान का स्थानांतरण था जो भावी पीढ़ियों के लिए बहुत जरूरी होता है। सिवानी ब्लॉक से सिर्फ मैंने ही इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था यहां से और कोई प्रतिभागी शामिल नहीं हुआ था । शामिल होना चाहिए था क्योंकि हिस्सा लेना ही जीतने से कम नहीं होता ! बस ! अंतर इतना है कि वह पहले नंबर पर खड़ा है और बाकी उससे थोड़ा पीछे खड़े हैं । हो सकता है जो जीता नहीं वह उससे कहीं ज्यादा सीख करके आया हो या उससे ज्यादा प्रतिभा उसके अंदर हो लेकिन वो उस समय की परिस्थितियां होती हैं जो किसी को प्रथम बनाती हैं और किसी को उसके बाद । मैं यही कहूंगी कि किसी भी विद्यार्थी को या किसी भी व्यक्ति को किसी प्रतियोगिता में चढ़कर भाग लेना चाहिए, यह नहीं सोचना चाहिए कि मैं जीत तो सकता ही नहीं या मेरा नंबर तो आएगा ही नहीं यह मायने नहीं रखता । मायने रखता है आपका भाग लेना, आपका वहां से कुछ सीखना और अगर आप हिस्सा ले रहे हैं तो आपक यह मकसद अवश्य पूरा होता है । प्रतियोगिताएं करवाई भी इसीलिए जहां भी मौका मिले वहां सीखने के लिए ,कुछ जानने के लिए शामिल होना चाहिए। सबसे बड़ी बात रंगोत्सव के आयोजन से हरियाणवी संस्कृति को तो नयी पीढ़ी को परिचित होने का अवसर तो मिलता ही है ! रंगोत्सव से बहुत मीठा मीठा अनुभव मिला, जिसे मैं याद रखूंगी।