चण्डीगढ़,22.12.24- : रीडर्स एंड राइटर्स सोसायटी ऑफ इंडिया ने टीएस सेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी, सेक्टर 17 के सहयोग से लाइब्रेरी सभागार में सैली बलजीत द्वारा संपादित पुस्तक सुरेश सेठ अनवरत साहित्य साधक का लोकार्पण किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्मश्री डॉ. हरमोहिंदर सिंह बेदी, कुलपति केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला ने की। इस अवसर पर जनसत्ता समाचारपत्र समूह के प्रधान संपादक मुकेश भारद्वाज मुख्य अतिथि थे एवं प्रेम विज और केके शारदा विशिष्ट अतिथि थे।

कार्यक्रम की शुरुआत सोमेश द्वारा सरस्वती वंदना और डॉ. संगीता चौधरी द्वारा रवींद्र संगीत के गायन से हुई। डॉ. बेदी और मुकेश भारद्वाज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए सुरेश सेठ द्वारा साहित्य और पत्रकारिता की सेवा में दशकों लंबी पारी का उल्लेख किया। पुस्तक के बारे में बोलते हुए प्रेम विज ने कहा कि यह पुस्तक लेखक-पत्रकार के रूप में सुरेश सेठ के व्यक्तित्व का सटीक वर्णन करती है तथा सैली बलजीत ने सेठ साहब की आधी सदी की साहित्यिक यात्रा का बहुत ही ईमानदारी से वर्णन किया है। सैली बलजीत ने पुस्तक के संकलन और संपादन की प्रक्रिया के बारे में बताया। आरडब्ल्यूएसआई के अध्यक्ष विनोद खन्ना ने सुरेश सेठ की कविताओं में प्रगतिशीलता की झलक दिखाई। अन्य वक्ताओं में जनमीत सिंह, दैनिक भास्कर के विकास शर्मा, पंजाब केसरी समूह के रवि और केके शारदा, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. सीमा जैन, डॉ. सरला भारद्वाज, डॉ.विनोद शर्मा आदि शामिल थे।

सुरेश सेठ ने वक्ताओं की भावनाओं से अभिभूत हो कर कहा कि उम्र भर उन का लेखन संघर्ष समाज का विकृत चेहरा संवारने के लिए एक समर्पित संघर्ष रहा है। जब तक जिऊंगा, लड़ता रहूंगा। आप सब के वक्तव्यों से बहुत प्रोत्साहन मिला। संघर्ष की इच्छा और बढ़ी। कार्यक्रम का संचालन प्रो. सुधीर बवेजा ने बहुत ही कुशलता से किया।
कार्यक्रम के अंत में एक काव्य सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें ट्राइसिटी के कवियों ने अपनी कविताएं सुनाईं। काव्य सत्र का आरम्भ लवली विश्वविद्यालय, जालंधर से पधारे विनोद कुमार की कविता से हुआ जो उन्होंने सेठ साहिब की पुस्तक से प्रेरित होकर लिखी थी।